हरियाणा के भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द, चुनाव नहीं मनोनयन होगा
हरियाणा में भाजपा के प्रदेश प्रधान की नियुक्ति जल्द हाेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा बल्कि नेतृत्व इस पर मनोनयन करेगा।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में भाजपा के नए अध्यक्ष की अब कभी भी नियुक्ति हो सकती है। फिलहाल हरियाणा में मंडलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए रायशुमारी चल रही है, इसके बाद जिलाध्यक्ष नियुक्त होंगे। लेकिन, उससे पहले ही पार्टी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नए प्रदेशाध्यक्ष मनोनीत करेंगे। मनोनीत नए प्रदेशाध्यक्ष ही बाद में जिलों के अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष अपने क्षेत्रों में मंडलाध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे। इस तरह हरियाणा भाजपा मनोनीत होगी।
मंडलाध्यक्षों पर रायशुमारी के बाद जिलाध्यक्षों से पहले प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त करेंगे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष
दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी मानते हैं कि हरियाणा में इस बार किसी हारे हुए नेता को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा ऐसे नेता को संगठन की जिम्मेदारी देगी जो मौजूदा राज्य सरकार के साथ समन्वय बनाकर चले और आने वाले समय में संगठन की कमजोरी भी दूर कर ले।
इसके लिए पिछड़ा वर्ग के नेता और कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नायब सैनी का नाम सबसे ऊपर है। नायब सैनी की दो सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धियां हैं। एक तो सैनी पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पूरा विश्वास है, दूसरा नायब सैनी निर्विवाद नेता हैं।
नड्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से धनखड़ भी मजबूत
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ पुराने संबंधों के आधार पर पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की प्रदेशाध्यक्ष पद पर दावेदारी सबसे सशक्त मानी जा रही है। बशर्ते कि राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं रुचि लेकर प्रदेश स्तर पर बने इस सिद्धांत को खत्म करवा दें कि हारे हुए नेता को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। धनखड़ यूं तो खुद इस पद के लिए लॉबिंग नहीं कर रहे हैं मगर उनके समर्थक मानते हैं कि जिस तरह दिल्ली चुनाव में धनखड़ को जिम्मेदारी दी गई है, उससे यह साफ है कि उनका राजनीतिक कॅरियर काफी स्वर्णिम है।
दिल्ली दरबार में चल रहा है गुर्जर का नाम
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर का नाम भी दिल्ली दरबार में चल रहा है। गुर्जर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भी काफी नजदीकी हैं और यह माना जा रहा है कि राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को संभालने के लिए केंद्रीय नेतृत्व गुर्जर को उनके मौजूदा मंत्री पद के अलावा प्रदेशाध्यक्ष पद भी दे सकता है। ऐसा पहले पंजाब में हो चुका है। खुद गुर्जर अभी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। हां, उनके समर्थक यह मानते हैं कि यदि गुर्जर को प्रदेशाध्यक्ष पद मिला तो निश्चित रूप से राज्य की राजनीति में स्थायित्व भाव आएगा।