हरियाणा में New excise policy पर मंथन, राजस्व बढ़ाने पर रहेगा जोर
New excise policy के लिए मंथन का दौर शुरू हो गया है। सरकार ने नई आबकारी पालिसी में राजस्व बढ़ाने पर फोकस रखने का संकेत दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में नई आबकारी पॉलिसी (New excise policy) के लिए मंथन का दौर शुरू हो गया है। आबकारी एवं कराधान विभाग (Excise and Taxation Department) संभाल रहे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ग्राम सभाओं से आह्वान किया कि जो गांव शराब ठेका नहीं चाहते, 31 दिसंबर तक प्रस्ताव सरकार को भेजें। खासकर महिलाएं इस दिशा में आगे आएं। जींद में 20 ग्राम सभाओं ने सरकार को गांव में ठेका नहीं खोलने का प्रस्ताव भेजा है। सरकार ने नई आबकारी पालिसी में राजस्व बढ़ाने पर फोकस रखने का संकेत दिया है।
चंडीगढ़ स्थित जननायक जनता पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी में जहां राजस्व बढ़ाने के लक्ष्य के साथ ही सभी स्टेक होल्डर्स के हितों की रक्षा की जाएगी, वहीं ग्राम सभाओं की सिफारिश को भी पूरी तवज्जो मिलेगी। खासकर महिलाओं को आगे आना चाहिए जो गांव में ठेका नहीं खुलवाना चाहती। उन्होंने कहा कि प्रोड्यूसर्स, बॉटलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर सहित होटल मालिकों व वेंडरों से राय ली जा रही है ताकि देश की सबसे बेहतरीन पॉलिसी बनाई जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने हरपथ एप के बाद अब ट्वीटर और फेसबुक के जरिये भी लोगों से फीडबैक लेकर सड़कों की मरम्मत की शुरुआत की है। मौके का वीडियो या फोटो अपलोड करने के तुरंत बाद विभागीय टीम इसका संज्ञान लेकर सड़कों को दुरुस्त करेगी। उन्होंने दावा किया कि 20 जिलों में 80 फीसद सड़कों को दुरुस्त किया जा चुका है।
प्रदेश सरकार की 60 दिन की उपलब्धियां गिनाते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस दौरान कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। सभी विभागों को पेपर लैस कर ऑनलाइन किया जा रहा है, जिसके बेहतर नतीजे आए हैं। पंचायतों को लगातार सशक्त किया जा रहा है। अब जिला परिषदों और पंचायत समितियों की साल में दो बार बैठकें अनिवार्य की गई हैं, जिससे विकास कार्यों में तेजी के साथ ही शहर की समस्याओं को निपटाना आसान होगा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को जल्द ही फाइनल कर सामूहिक रूप से निर्णय लिए जाएंगे।
एक हजार राइस मिलों की फिजिकल वेरीफिकेशन
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी राइस मिलों में दूसरी बार फिजिकल वेरीफिकेशन का काम चल रहा है। अभी तक करीब एक हजार राइस मिलों का भौतिक सत्यापन हो चुका। फाइनल रिपोर्ट 28 दिसंबर को आएगी, जिसमें पता चलेगा कि कहीं पर धान घोटाला हुआ है या नहीं। अगर मामले में कोई दोषी मिला तो उसके खिलाफ सरकार कड़ा एक्शन लेगी।
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