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हरियाणा में नए उद्योगों और नई भर्तियों पर ही लागू होगा रोजगार कानून, पुराने कर्मचारियों से छेड़छाड़ नहीं

हरियाणा का नया रोजगार कानून नई भर्तियों पर ही लागू होगा और इससे पुराने कर्मचारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। नए रोजगार कानून के तहत निजी क्षेत्र में नई भर्तियों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसद आरक्षण देने का प्रविधान है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 09:24 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 09:24 AM (IST)
हरियाणा में नए उद्योगों और नई भर्तियों पर ही लागू होगा रोजगार कानून, पुराने कर्मचारियों से छेड़छाड़ नहीं
हरियाणा में निजी क्षेत्र के लिए लागू नया रोजगार कानून नई भर्तियोंं पर लागू होगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। लंबी कवायद के बाद प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में हरियाणवी युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून आखिरकार लागू हो ही गया है। शनिवार को इसके लिए श्रम विभाग ने अलग से वेबसाइट जारी कर दी। इस वेबसाइट पर सभी प्राइवेट कंपनियों, उद्योगों, सोसायटी व ट्रस्ट को अपने यहां स्वीकृत कुल पदों तथा वर्तमान में कार्यरत स्टाफ का ब्योरा देना होगा। इस काम को पूरा करने के लिए उन्हें तीन माह का समय दिया गया है। प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों के लिए युवा इसी वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकेंगे। प्रदेश सरकार का रोजगार कानून नए उद्योगों और नई भर्तियों पर ही लागू होगा, जबकि पुराने कर्मचारियों से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

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लोकल.एचआरवाइलेबर.जीओवी.इन पर उद्यमियों व युवाओं के लिए अलग-अलग डेशबोर्ड बनाए गए हैं। सभी को अपना लागिन बनाना होगा। श्रम विभाग ने वेबसाइट में दिए प्रफोर्मा को काफी सरल रखा है। प्राइवेट कंपनियों व उद्योगों को कर्मचारियों की डिटेल अपलोड करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। 30 हजार से अधिक वेतन वाली नौकरियों पर यह कानून लागू नहीं होगा। वेबसाइट पर अपना डाटा अपलोड करने के बाद अगर किसी कंपनी को स्टाफ की जरूरत है और वह इसके लिए विज्ञापन जारी करेगी। इसमें 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं को देनी अनिवार्य होंगी।

प्रदेश में अब जितने भी नए उद्योग लगेंगे, उन सभी पर यह कानून पहले दिन से लागू होगा। पुरानी कंपनियों में वर्तमान में कार्यरत स्टाफ के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होगी। लेकिन, उन्हें नए स्टाफ की जरूरत की सूरत में इन कानून के तहत ही भर्तियां करनी होंगी। प्राइवेट कंपनियों को यह छूट दी गई है कि अगर उन्हें अपने काम के लिए वाजिब स्थानीय युवा नहीं मिलते हैं तो वे दूसरे राज्यों के युवाओं को नियुक्त कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए जिला स्तर पर बनने वाली कमेटियों से अनुमति लेनी होगी।

नए कानून के मुताबिक, सभी प्राइवेट कंपनियों को हर तीन माह में कर्मचारियों की संख्या और उनके वेतन के अलावा यह भी बताना होगा कि कंपनी में कार्यरत स्टाफ में से मूल रूप से हरियाणा के कितने हैं और दूसरे राज्यों के कितने। दूसरे चरण में कंपनियों को उन कर्मचारियों के रिहायशी प्रमाणपत्र भी वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे, जिन्हें मूल रूप से हरियाणा का बताया गया है।

श्रम विभाग द्वारा कर्मचारियों को लेकर एक फार्म तैयार किया गया है, जो प्राइवेट कंपनियों द्वारा भरा जाएगा। प्राइवेट कंपनियों को पूरा नाम, मुख्यालय का पता, कारोबार का स्वरूप आदि जानकारी भी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। किसी भी कंपनी में निकाली जाने वाली भर्ती में पद के लिए जरूरी कौशल (स्किल), योग्यता, निपुणता के साथ कुल पदों की संख्या बतानी होगी। साथ ही यह साफ करना होगा कि रोजगार कितने समय के लिए दिया जा रहा है। पद के लिए दिए जाने वाले वेतन और तैनाती का स्थान भी बताना होगा।

गठबंधन सरकार का युवाओं से किया बड़ा वादा पूरा

हरियाणा की भाजपा व जजपा गठबंधन सरकार ने अपने संयुक्त साझा कार्यक्रम के तहत प्रदेश की जनता से किया बड़ा वादा पूरा किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चुनाव से पहले जनता से अलग-अलग पार्टी प्लेटफार्म पर यह वादा किया था। इस वादे को सिरे चढ़ाने में हालांकि दोनों दलों की सरकार को बहुत मशक्कत करनी पड़ी और उद्यमियों को भरोसे में लेना पड़ा। सरकार ने उद्यमियों को राहत देते हुए प्रदेश के युवाओं की जिस तरह चिंता की, उससे दोनों पक्षों को बड़ी राहत मिली है। उद्यमियों को भरोसे में लेना सबसे बड़ा काम था।

स्टार्टअप उद्यमियों को मिली दो साल की छूट

स्टार्टअप उद्यमियों को प्रदेश सरकार ने इस कानून में काफी बड़ी राहत दी है। उन पर दो साल के लिए यह कानून लागू नहीं होगा। यह कानून उन सभी प्राइवेट कंपनियों, सोसायटी, उद्योगों एवं ट्रस्ट पर लागू होगा, जिनमें कर्मचारियों की संख्या 10 से अधिक है। इससे कम स्टाफ वाले उद्योगों को कानून दायरे से बाहर रखा गया है। आइटीआइ पास युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी। ईट-भट्ठों पर यह कानून इसलिए लागू नहीं होगा क्योंकि भट्ठों पर ओडिशा और झारखंड की लेबर अधिक रहती है। इसी तरह से निर्माण कार्यों से जुड़े क्षेत्र में भी कानून लागू नहीं होगा। निर्माण कार्यों में पश्चिमी बंगाल के कारीगरों को तवज्जो दी जाती है।

खास बातें -

  • - लंबी कसरत के बाद उद्यमियों को समझाने में कामयाब रही गठबंधन सरकार।
  • - निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को मिलेंगी 75 प्रतिशत नौकरियां, श्रम विभाग ने जारी की वेबसाइट।
  • - 30 हजार रुपये तक वेतन वाली सभी नौकरियों में हरियाणवी युवाओं को मिलेगी अहमियत।
  • - वेबसाइट पर सभी कंपनियों व उद्योगों को अपलोड करना होगा स्टाफ का ब्योरा, युवा भी कर सकेंगे आवेदन।

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