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हरियाणवी मॉडल पर चलेंगे पड़ोसी प्रदेश, निकालेंगे इस गंभीर समस्‍या का समाधान

पड़ोसी राज्‍य हरियाणा के मॉडल को अपनाएंगे आैर अपने यहां नशे पर लगाम लगाएंगे। पड़ोसी राज्‍य नशे का नेटवर्क तोडने के लिए हरियाणवी मॉडल के अंदाज में कमा करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 10:58 AM (IST)
हरियाणवी मॉडल पर चलेंगे पड़ोसी प्रदेश, निकालेंगे इस गंभीर समस्‍या का समाधान
हरियाणवी मॉडल पर चलेंगे पड़ोसी प्रदेश, निकालेंगे इस गंभीर समस्‍या का समाधान

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। सीमावर्ती जिलों में नशे का नेटवर्क तोडऩे के लिए छह राज्यों का साथ मिलने से उत्साहित हरियाणा ने नए सिरे से प्लानिंग शुरू कर दी है। चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों और तीन राज्यों के नुमाइंदों की उच्च स्तरीय बैठक में नशे से निपटने के लिए हरियाणवी मॉडल ज्यादातर राज्यों को रास आया है। खासकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरियाणा की कई पहलों को सार्थक बताते हुए अपने अफसरों से इन्हें लागू करने को कहा है।

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अफीम और चूरा-पोस्त की खपत हुई कम, हेरोइन और स्मैक के साथ दवाइयों का चलन बढ़ा

बैठक में हरियाणा की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भरोसा दिलाया कि जब भी पड़ोसी राज्यों की पुलिस द्वारा कोई जानकारी साझा की जाती है तो तुरंत कार्रवाई होगी। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक अफीम और चूरा-पोस्त की खपत में जहां काफी कमी आई है, वहीं हेरोइन और स्मैक के साथ ही दवाओं और सिंथेटिक ड्रग्स का नशे के लिए उपयोग में खासा इजाफा हुआ है।

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पंचकूला स्थित सचिवालय से सभी राज्यों की पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाएगी और स्मगलरों का डाटा आपस में शेयर किया जाएगा। फिंगर प्रिंट और रेटिना स्कैनर के जरिये नशा तस्करों को आसानी से दबोचा जा सकेगा। नशा माफिया की प्रॉपर्टी अटैच करने का सिस्टम लागू किया जाएगा।

नशे की जड़ और तस्करी के रास्ते पर अंकुश का फ्रेमवर्क तैयार

नशे के लिए दवाओं की अवैध बिक्री में शामिल लोगों की तह तक पहुंचने और परिवहन मार्गों का पता लगाने का पूरा फ्रेमवर्क तैयार है। विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) को तमाम पड़ोसी राज्यों से समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नशाखोरी में फतेहाबाद, सोनीपत समेत पांच राज्य शीर्ष पर

नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन के मामले में फतेहाबाद, सोनीपत, सिरसा, भिवानी और फरीदाबाद शीर्ष पर हैं। पिछले दो वर्षों में पंजाब से लगते फतेहाबाद में 4173 और सिरसा में 2521 किलोग्राम नशीले पदार्थ पकड़े गए। वहीं उत्तर प्रदेश से लगते सोनीपत में 3083 और फरीदाबाद में 2144 किलो नशीली सामग्री बरामद हुई।

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राजस्थान से लगते भिवानी में 2505 और हिसार में 918 किलो नशा पकड़ा गया। इसी तरह झज्जर में 1929, करनाल 1752, कुरुक्षेत्र 1665, कैथल 1275, पलवल 1108, गुरुग्राम 994, मेवात 717, यमुनानगर 698, पानीपत 692, अंबाला 468, पंचकूला 439, जींद 404, हांसी 388, दादरी 357 और रोहतक में 322 किलोग्राम नशीले पदार्थ बरामद हुए।

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