यौन शोषण मामला: नारायण साईं को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं
हाई कोर्ट ने नारायण साईं की नियमित जमानत को लेकर दायर रिकार्ड को ट्रायल कोर्ट में भेज दिया है। उसकी नियमित जमानत पर ट्रायल कोर्ट ही फैसला करेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। यौन उत्पीड़न प्रकरण में मुख्य गवाह पर हमले के मामले में आसाराम के बेटे नारायण साईं को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट ने नारायण साईं द्वारा नियमित जमानत के लिए दायर याचिका को ट्रायल कोर्ट को भेज दिया। हाई कोर्ट ने इस पर ट्रायल कोर्ट को फैसला करने को कहा है।
गवाह पर हमले के मामले में नियमित जमानत की याचिका ट्रायल कोर्ट को भेजी
नारायण साईं ने इस मामले में नियमित जमानत के लिए हाई कोर्ट की शरण ली थी। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष मैसेंजर के जरिए पूरा रिकार्ड हाई कोर्ट में तलब किया था। लेकिन, नारायण साईं के वकील के पेश न होने पर हाई कोर्ट ने रिकार्ड तुरंत ट्रायल कोर्ट को वापस भेजने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि वह इस मामले पर कानून के हिसाब से निर्णय ले।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नारायण साईं ने दो बहनों का यौन शोषण किया था। मामले में पानीपत निवासी महेंद्र चावला को मुख्य गवाह बनाया गया था। हरियाणा पुलिस ने चावला को सुरक्षा भी मुहैया करवाई थी। इसके बावजूद पिछले साल 13 मई को बाइक सवार दो अज्ञात युवक चावला के घर में घुस गए और फायरिंग कर फरार हो गए। इस घटना में महेंद्र चावला घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
पुलिस को दिए बयान में चावला ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ हमला करवाने का आरोप लगाया। उसने कहा कि बाप व बेटा नहीं चाहते कि वह उनके खिलाफ कोर्ट में गवाही दे। इसी मामले में याचिका दाखिल करते हुए नारायण साईं ने कहा कि यौन उत्पीड़न मामले में गवाह महेंद्र चावला पर हमले के मामले में उन्हें फंसाया गया है। इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए उन्हें नियमित जमानत दी जाए।
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