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नगर निगम के संपत्ति करों के नोटिसों की जाच होगी

नोटिसों पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सख्ती दिखाई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 09:56 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:17 AM (IST)
नगर निगम के संपत्ति करों के नोटिसों की जाच होगी
नगर निगम के संपत्ति करों के नोटिसों की जाच होगी

जागरण संवाददाता, पंचकूला : शहरवासियों को अनाप-शनाप आ रहे संपत्ति कर के नोटिसों पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल को विधानसभा सचिवालय बुलाया और मामला उनके संज्ञान में लाया। गुप्ता ने कहा कि संपत्ति कर की अदायगी के बावजूद शहरवासियों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। यह मामला गंभीर अनियमितताओं की ओर से संकेत करता है, जिसकी उपयुक्त अधिकारियों से जाच करवाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने संपत्ति कर की अदायगी में दो माह की छूट और देने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम का राजस्व बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्थानों के लिए विज्ञापन दरें संशोधित करने के आदेश भी दिए। ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि शहरवासियों से शिकायत मिली है कि शहरी निकाय विभाग की ओर से संपत्ति कर की अदायगी के बावजूद लोगों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। अनेक ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें संपत्ति मालिक अदायगी की रसीद लेकर विभाग के कार्यालय जाते हैं, तो वहा कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता। कर्मचारी इस पर कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाते। गुप्ता ने कहा कि आशियाना फ्लैट में रहने वाले आíथक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को भी संपत्ति कर के नोटिस थमाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 50 वर्ग गज तक की संपत्ति को कर मुक्त किया है। ऐसे में 30 गज के फ्लैट में रहने वाले लोगों से संपत्ति कर मागना, विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। गुप्ता ने शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल को शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाले विज्ञापन की दरों में संशोधन करने को भी कहा। उन्होंने कहा है विज्ञापन की दरें ज्यादा होने के कारण कारोबारी इनमें रूचि नहीं ले रहे, जिस कारण अधिकतर स्थान खाली पड़े हैं। पंचकूला में विज्ञापन की दरें गुरुग्राम समान

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उन्होंने कहा कि पंचकूला में विज्ञापन की दरें दिल्ली और गुरुग्राम जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों की तर्ज पर निर्धारित की गई हैं, जो तर्कसंगत नहीं है। विज्ञापन दरें तर्कसंगत की जानी चाहिए, जिससे कि नगर निगम को आमदनी हो सके। पंचकूला में संपत्ति कर के संग्रहण के लिए शहरी निकाय विभाग ने एक कंपनी से अनुबंध किया था। इसके बदले विभाग कंपनी को मोटी अदायगी भी कर चुका है। अब विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि कंपनी के काम में इतनी खामी थी तो उसे अदायगी कैसे कर दी गई। उन्होंने इस मामले में जाच के आदेश दिए हैं। गुप्ता का कहना है कि इससे जहा लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है, वहीं, आíथक नुकसान का भी अंदेशा है। उन्होंने कहा कि पंचकूला में बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक रहते हैं और कर्मचारियों की इस प्रकार की कार्यशैली से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


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