कुत्ते पकड़ने के लिए दिया था टेंडर, एक कंपनी के आवेदन के बाद ठुकराया
ठेकेदार पंचकूला में इसलिए भी काम करने से डरते हैं कि कहीं छोटी सी गलती के चक्कर में चक्कर न काटने पड़ जाएं।
जेएनएन, पंचकूला। नगर निगम द्वारा पिछले दिनों शहर के आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए निकाले गए टेंडर में एक ही कंपनी द्वारा रुचि दिखाने के बाद इसको ठुकरा दिया गया है। फिलहाल पंचकूला में आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम बंद हो गया है। निजी संस्थाओं द्वारा अब शहर में कुत्तों को पकड़ने के लिए जल्द टेंडर देने की आवाज भी उठने लगी है।
मेयर व अफसरों की खींचतान भी पीछे हटने की वजह पंचकूला में कई बार टेंडर निकालने के बावजूद कंपनियां रुचि नहीं दिखा रही हैं, जिसके पीछे एक कारण मेयर और अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान भी है। मेयर द्वारा अधिकारियों को कसने के लिए लिखी जा रही चिट्ठियों से ठेकेदार भी तनाव में है।
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पिछले दिनों के दौरान सड़कों के काम में विजिलेंस जांच भी एक प्रमुख कारण है। अब ठेकेदार पंचकूला में इसलिए भी काम करने से डरते हैं कि कहीं छोटी सी गलती के चक्कर में चक्कर न काटने पड़ जाएं। आवारा कुत्तों को पकड़ने का ठेका फिलहाल जिस कंपनी के पास था, उसकी भी नगर निगम द्वारा पूरी पेमेंट नहीं की जा रही है।
कंपनी का काम सबने देखा है तो जिम्मेदारी दें
अपेक्षा सोसायटी की प्रधान सीमा भारद्वाज, स्थानीय निवासी भारत भूषण अरोड़ा, आरडब्ल्यूए सेक्टर 8 के प्रधान आरपी मल्होत्र, विनय शुक्ला, प्रवेश माथुर ने बताया कि डॉग स्टरलाइजेशन के टेंडर को लेट किया जा रहा है। मेयर क्यों नहीं समझ रही कि कुत्ते लोगों को काट रहे हैं और यदि एक एजेंसी ने अप्लाई कर दिया है और उसका काम सबने देखा भी हुआ है तो उसे काम दे देना चाहिए। उसको कॉन्ट्रैक्ट दे दिया जाना चाहिए।
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