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नगर निगम के कांट्रेक्टर कर्मचारी ने उड़ाये सरकारी खातों से एक करोड़ रुपये

नगर निगम के ठेके पर रखे गए सुपरिंटेंडेंट ने जाली हस्ताक्षर और बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर नेशनल अर्बन लाइवलिहुड मिशन की ग्रांट से एक करोड़ की ठगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 06:13 AM (IST)
नगर निगम के कांट्रेक्टर कर्मचारी ने उड़ाये सरकारी खातों से एक करोड़ रुपये
नगर निगम के कांट्रेक्टर कर्मचारी ने उड़ाये सरकारी खातों से एक करोड़ रुपये

जासं, पंचकूला : नगर निगम के ठेके पर रखे गए सुपरिंटेंडेंट ने जाली हस्ताक्षर और बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर नेशनल अर्बन लाइवलिहुड मिशन की ग्रांट से एक करोड़ एक लाख रुपये के अलग-अलग निजी खातों में डलवा दिए। आरोपित यह पैसा अक्टूबर 2019 से ट्रांसफर करने में जुटा हुआ था। कभी पांच लाख रुपये तो कभी छह लाख रुपये की आरटीजीएस निजी खातों में हर महीने करवा देता था। आरटीजीएस भी खुद ही कंप्यूटर पर तैयार करता और उसके बाद बैंक में जाकर देता था। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम को नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह को नेशनल अर्बन लाइवलिहुड मिशन के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि सुपरिंटेंडेंट श्रवण कुमार पिछले कुछ दिनों से अज्ञात लोगों के नाम पर आरटीजीएस कंप्यूटर में तैयार करता है और उसपर खुद ही उसे हस्ताक्षर करते हुए भी देखा गया है। यह सभी आरटीजीएस केवल पंजाब नेशनल बैंक सेक्टर-2 की शाखा की ही बनाई जा रही हैं। यह जानकारी मिलते ही जरनैल सिंह ने तुरंत श्रवण कुमार को अपने सेक्टर-14 स्थित कार्यालय में बुला लिया और उसके बाद उससे पूछताछ की। जरनैल सिंह ने निगम आयुक्त सुमेधा कटारिया और संयुक्त आयुक्त संयम गर्ग को पूरी जानकारी दी। इसके बाद तुरंत सेक्टर-2 पुलिस चौकी से पुलिस को बुलाकर श्रवण को पुलिस के हवाले कर दिया। जरनैल सिंह ने शाम को ही पंजाब नेशनल बैंक को चिट्ठी लिखकर धोखाधड़ी होने और तुरंत प्रभाव से बैंक से पैसे की ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए कह दिया। 20 से 25 लोगों के खातों में किए ट्रांसफर

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इसके बाद बुधवार को सेक्टर-2 पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर से पिछले एक साल में हुई ट्रांसजेक्शन की जानकारी मांगी गई। जिसमें पता चला कि लगभग एक करोड़ रुपये केवल एक जाली हस्ताक्षर पर बैंक द्वारा दीक्षा इंटरप्राइजेज सहित लगभग 20 से 25 लोगों के सेविग अकाउंट में ट्रांफसर कर दिए गए। एक आरटीजीएस 5 से 6 लाख रुपये की गई है। लगभग 15 से 20 आरटीजीएस हुई हैं, जिसमें निजी नामों पर पैसा ट्रांसफर हुआ है। हर बार बैंक में श्रवण कुमार और अभिनव खुद ही आरटीजीएस देने के लिए जाते थे। बैंक को जो आरटीजीएस दी गई है, उनमें किसी करण नाम व्यक्ति द्वारा नीचे साइन किए गए हैं। इसके अलावा अधिकतर आरटीजीएस में कांट छांट की गई है। किसी भी आरटीजीएस में सीनियर अकाउंट्स ऑफिसर के साइन नहीं हैं। जिसके बिना बैंक किसी भी हालत में पैसा ट्रांसफर ही नहीं कर सकता। जानकारी के बाद श्रवण कुमार को पुलिस के हवाले कर दिया गया। बैंक में 14 करोड़ रुपये पड़े थे, उसे निकलवा लिया गया है।

-सुमेधा कटारिया, आयुक्त, नगर निगम पंचकूला


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