सांसद धर्मबीर ने उठाया मुद्दा, अधिकारियों-माननीयों के बच्चों का सरकारी स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य हो
सांसद धर्मबीर सिंह ने लोकसभा के मानसून सत्र में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने का मुद्दा उठाया। कहा कि अफसरों व नेताओं के बच्चों का सरकारी स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य हो।
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। भाजपा नेता व भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मबीर सिंह ने लोकसभा के मानसून सत्र में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने का मुद्दा उठाया। सिंह ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से पूछे सवाल में कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। इसे सुधारने के लिए अधिकारियों, सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के बच्चों की स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूलों में अनिवार्य कर दी जाए। सांसद ने तर्क दिया कि व्यवस्था चलाने वाले लोगों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो स्कूलों में सभी तरह की सुविधाएं मिलने लगेंगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मिले जवाब का विश्लेषण करते हुए सांसद ने कहा कि देश भर के सरकारी स्कूलों में 61,84,467 शिक्षकों के स्वीकृत पद हैं और इनमें से 10,60,139 (17 फीसद) पद रिक्त हैं। शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो फिर ये रिक्तियां नहीं रहेंगी।
सांसद के सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती और स्कूली शिक्षा बेहतर करने का काम राज्य सरकारों का है। केंद्र सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर ही जोर दिया गया है।
प्रमुख राज्यों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद और रिक्तियों का विवरण
राज्य शिक्षकों के स्वीकृत पद रिक्त पद
हरियाणा 106263 10349
पंजाब 131897 3017
दिल्ली 83880 9663
चंडीगढ़ 5797 872
हिमाचल प्रदेश 71069 5386
बिहार 688157 275255
छत्तीसगढ़ 238561 51830
जम्मू और कश्मीर 131319 21806
झारखंड 238708 95897
मध्यप्रदेश 469644 91972
राजस्थान 408572 47666
उत्तर प्रदेश 752839 217481
उत्तराखंड 76576 18620
पश्चिम बंगाल 637414 72220