सरकारी गाड़ी के निजी इस्तेमाल पर अफसरों की सैलरी से कटेगा पैसा
हरियाणा में सरकारी वाहन का निजी कार्य के प्रयोग करने पर अफसरों की सैलरी से पैसे काटे जाएंगे। उनको 1000 किमी तक सरकारी वाहन के इस्तेमाल के लिए प्रति माह एक हजार रुपये देने होंगे।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में अब प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों सहित अन्य वरिष्ठ अफसरों को सरकारी वाहन के निजी इस्तेमाल पर पैसा देना पड़ेगा। सरकारी वाहन से निजी कार्यक्रमों या फिर घर से कार्यालय और वापसी के लिए एक हजार किलोमीटर तक के सफर की छूट रहेगी। बदले में उन्हें हर महीने एक हजार रुपये देने होंगे। अफसरों के अक्टूबर और नवंबर के यात्रा खर्च को काटने के बाद ही दिसंबर की सैलरी मिलेगी।
निजी दौरों के लिए हर महीने एक हजार किमी तक की छूट, हर माह के वेतन से कटेंगे एक हजार रुपये
यात्रा खर्च की वसूली में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से लेकर अतिरिक्त प्रधान सचिव, उप प्रधान सचिव और ओएसडी तक को कोई रियायत नहीं मिलेगी। मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्त, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक और जिला उपायुक्त व एसडीएम को लिखित हिदायत दी है। हालांकि जो अफसर लिखित में सरकार को जानकारी देंगे कि वह निजी दौरों में सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उन्हें पूरी सैलरी दी जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहले ही अफसरों के लिए सरकारी वाहन के इस्तेमाल के लिए नियम तय कर रखे हैं। वाहनों के निजी इस्तेमाल पर अफसरों से रिकवरी की व्यवस्था है, लेकिन अमूमन इसका फॉलो नहीं किया जा रहा था। मुख्य सचिव ने अब तत्काल प्रभाव से नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है।
हरियाणा सरकार ने बुधवार को सरकारी वाहनों के इस्तेमाल के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि सरकारी अधिकारी हर माह अपने आवास से कार्यालय जाने व आवास लौटने और अन्य निजी कार्य के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल 1000 किलोमीटर तक कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए उनको हर माह एक हजार रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
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हरियाणा सरकार ने वाहनों के इस्तेमाल के बारे में जनवरी 2015 में जारी के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। पहले के निर्देश में मंत्रियों और नौकरशाहों के लिए प्रति माह 400 रुपये और 400 किमी का प्रावधान था। अधिकारियों के लिए यह सीमा 1000 किलोमीटर और एक हजार रुपये कर दिया गया है। लेकिन, इस आदेश में मंत्रियों के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई है। 2015 के दिशा-निर्देश में स्पष्ट तौर पर मंत्री भी इस दायरे में थे।
आदेश के मुताबिक, अधिकारियों के वेतन से बढ़ी हुई राशि कटौती तक तक जारी रहेगी, जब तक यह लिखित रूप से सूचित नहीं करेंगे कि वे कोई सरकारी वाहन का निजी इस्तेमाल नहीं करते या उनके पास कोई सरकारी वाहन नहीं है। स्रोत तक किया जाएगा जब तक कि संबंधित अधिकारी लिखित में प्रस्तुत न हो कि उसे ऐसा कोई वाहन प्रदान नहीं किया गया है।
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