दुष्यंत चौटाला के बयान से विधायकों को आस, सरपंच निराश, पढ़ें राजनीति से जुड़ी और भी खबरें...
राजनीति में कई ऐसी खबरें होती हैं जो सुर्खियां नहीं बन पाती। आइए साप्ताहिक कॉलम रियासत की सियासत में कुछ ऐसी ही खबरों पर नजर डालते हैं...
चंडीगढ़। सूबे के उप मुखियाजी दुष्यंत चौटाला पंचायत एवं विकास मंत्रालय भी संभाल रहे हैं। पिछले दिनों जब वे दिल्ली आए तो उन्होंने साफ कर दिया कि वह दिन दूर नहीं है जब मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी जजपा कोटे से एक तथा एक या दो मंत्री भाजपा कोटे से शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से ग्राम पंचायतों के चुनाव अभी संभव नहीं हैं। पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सभी पंचायतों में सरकारी अधिकारी प्रशासक के रूप में काम करेंगे। उप मुखियाजी के पहले बयान से उन विधायकों की आस जागृत हो गई जो इस बार सिर्फ मंत्री बनने के लिए विधायक बने थे मगर बेचारे सरपंच अपने भाग्य को कोस रहे हैं। कुछ सरपंच तो यहां तक भी कह रहे हैं कि कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए लॉकडाउन के दौरान व्यर्थ हुए तीन माह का समय उनके कार्यकाल में बढ़ा देना चाहिए।
हरियाणा सचिवालय में कोरोना की टेंशन
जब से हरियाणा सचिवालय की छठी मंजिल पर स्थित डिस्पेंसरी का फार्मासिस्ट कोरोना संक्रमित मिला है, शीर्ष स्तर के अफसरों से लेकर स्टाफ के दूसरे लोग भी पूरी सावधानी बरत रहे हैं। कोरोना के डर से हालांकि कई मंत्री पहले से ही सचिवालय नहीं आ रहे हैं, लेकिन सचिवालय में बाहरी लोगों की आवाजाही भी कम कर दी गई है। खासकर दूरदराज से आने वाले लोगों के लिए मंत्रियों से मिलना और मुश्किल हो गया है।
अधिकतर मंत्रियों और अफसरों ने अनजान लोगों से मिलने में दूरी बना रखी है। सिर्फ ऑफिशियल कार्यों से जुड़े या फिर निकटतम लोगों को ही मुलाकात की मंजूरी दी जा रही है। वह भी घर पर ही। अधिकतर मंत्रियों के दफ्तर में कुॢसयां इस तरह लगाई गई हैं कि शारीरिक दूरी का नियम न टूटे। यह भी ठीक भी है क्योंकि पता नहीं किसके जरिये कोरोना वायरस दफ्तर में पहुंच जाए। आखिर जान है तो जहान है।
एडवाइजारी में बाबूगीरी ने कराई किरकिरी
उधर बिहार में वज्रपात हुआ और इधर हरियाणा में आनन-फानन में आमजन के लिए बाढ़ से बचाव की एडवाइजारी जारी हो गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में बाबूगीरी के चलते कुछ ऐसी सलाह दी गई हैं जिन पर लोग खूब चुटकियां ले रहे हैं। ऊंची लहरों से सावधान रहने की बात किसी के पल्ले नहीं पड़ रही क्योंकि यहां कोई समुद्र तो है नहीं जहां से ऊंची लहरें आएंगी। इसी तरह सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मशाल और लालटेन अपने पास रखने की सलाह दी गई है। अब हर व्यक्ति के मोबाइल फोन में टार्च है और रोशनी के लिए तमाम दूसरी सुविधाएं हैं। मशाल और लालटेन बीती बातें हो चुकी और कहीं ढूंढ़ें नहीं मिलेंगी। माना कहीं से लालटेन मिल भी गई तो मिट्टी का तेल कहां से आएगा, क्योंकि हरियाणा तो पहले ही केरोसिन फ्री प्रदेश है।
बांगड़ चौधरी की सिफारिश पर हैरान सौम्य नेताजी
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को उनकी व्यवहार कुशलता के चलते सौम्य नेताजी कहा जाता है। पिछले दिनों बांगड़ चौधरी पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने दिल्ली में मुखियाजी के समक्ष गुर्जर को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त बताया तो उनकी हैरानी बढ़ गई। सौम्य नेताजी दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक अपने जानकार नेताओं से यही सवाल कर रहे हैं कि कोई उन्हेंं बताए कि बांगड़ चौधरी उनकी सिफारिश किस राजनीति के वशीभूत कर रहे हैं।
कई नेताओं ने सौम्य नेताजी को बताया कि बांगड़ चौधरी फुल टाइमर राजनीतिक हैं। इसलिए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपनी राय दे दी। हालांकि बीरेंद्र ने क्या राय दी, यह सिर्फ राजनीतिक कयास है, क्योंकि बीरेंद्र ने किसी को नहीं बताया कि वह क्या बोलकर आए। उनकी राय भले ही मुखिया जी को भी पसंद आई है, लेकिन अमित शाह की पहली पसंद कैप्टन अभिमन्यु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जेपी नड्डा की पसंद ओमप्रकाश धनखड़ को कैसे नजर अंदाज किया जा सकेगा, यह भी देखने वाली बात होगी। (अनुराग अग्रवाल, बिजेंद्र बंसल एवं सुधीर तंवर)