कुमारी सैलजा ने की मांग, किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन की शर्त हटाए सरकार
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि वह प्रदेश के किसान का एक-एक दाना खरीद लेगी तो फसल खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की शर्त क्यों लगाई जा रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्षा एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कु. सैलजा ने किसानों की फसल खरीद को लेकर सरकार को कई अहम सुझाव दिए हैं। सैलजा ने कहा कि फसल खरीद में देरी के चलते किसानों के सामने फसल के भंडारण और फसल का भुगतान देरी से मिलने की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसल खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की शर्त को अनिवार्य किया जाना किसानों की समस्या बढ़ाने वाला है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरसों की कम रेट पर खरीद की जा रही है। इससे प्रति एकड़ 7 से 10 हजार रुपये तक का नुकसान किसान को झेलना पड़ रहा है। जिस गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 प्रति क्विंटल है, वह भी किसान 1800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचने को मजबूर हैं। सरकार भावांतर भरपाई जैसी योजना को लागू कर किसानों की इसकी क्षतिपूर्ति करे।
कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के 40 फ़ीसद ऐसे किसान हैं, जिन्होंने अभी तक अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इतनी बड़ी तादाद में किसानों के लिए इस महामारी के बीच रजिस्ट्रेशन कराना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। जब सरकार यह दावा कर रही है कि वह प्रदेश के किसान का एक-एक दाना खरीद लेगी तो फसल खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की शर्त क्यों लगाई जा रही है।
अस्पतालों में मास्क, दस्ताने और पीपीई किट दिलाए सरकार
हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन को डबल करने के सरकार के फैसले की सराहना की है, लेकिन साथ ही आरोप लगाया कि अस्पतालों में उचित मात्रा में मास्क, दस्ताने और पीपीई किट उपलब्ध नहीं हैं, जिस कारण स्टाफ को मरीजों का इलाज करने में दिक्कतें आ रही हैं और खुद डाक्टर व नर्सें कोरोना संक्रमित होती जा रही हैं।
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि केवल तनख्वाह डबल करने से काम नहीं चलेगा। चिकित्सा स्टाफ के लिए तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। अभय ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने सभी अस्पतालों में वेंटीलेटर की उचित मात्रा का प्रबंध व आइसोलेशन वार्डों की स्थापना कर दी है। दिल्ली सरकार ने घोषणा की है अगर किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी का अपनी ड्यूटी के दौरान जानमाल का नुकसान होता तो सरकार उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाएगी।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार को भी ऐसी घोषणा तुरंत करनी चाहिए। यह ठीक है उस कर्मचारी की क़ीमत एक करोड़ रुपये की राशि से पूरी तो नहीं की जा सकती परंतु ऐसे में उसके परिजनों के लिए ये राशि ‘डूबते को तिनके का सहारा’ तो होगी ही। स्वास्थ्य विभाग के अलावा पुलिस विभाग, पंचायत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों, शहरी निकाय तथा राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के हितों की भी सरकार को फिक्र करनी चाहिए।
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