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जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, मेवात की बिरयानी में था गोमांस

पिछली ईद पर भरे गए सैंपल की लुवास हिसार की दो जांच रिपोर्ट सामने आई। पहली जांच रिपोर्ट में गाय और बैल के मांस की बात छिपा दी गई थी, लेकिन दूसरी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 08 May 2017 07:35 PM (IST)Updated: Tue, 09 May 2017 08:16 PM (IST)
जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, मेवात की बिरयानी में था गोमांस
जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, मेवात की बिरयानी में था गोमांस

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मेवात जिले में बीते साल ईद के दौरान बिकने वाली बिरयानी में गाय और बैल का मांस था। मेवात जिले के फिरोजपुर झिरका क्षेत्र से पुलिस और वेटरनरी सर्जन द्वारा सात बिरयानी विक्रेताओं के लिए गए सैंपल की जांच में यह बात साबित हो गई है।

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लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी एंड एनीमल साइंसेज हिसार की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। यूनिवर्सिटी की यह दूसरी रिपोर्ट है, लेकिन एक रिपोर्ट पहले भी जारी की गई थी, जिसमें इस बात को छिपा लिया गया था कि बिरयानी में गाय और बैल का मांस है। पहली रिपोर्ट में सिर्फ यह इंगित किया गया था कि बिरयानी में पशु का मांस (कैटल मीट) था।

यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ एंड ऐपिडेमियोलॉजी विभाग ने अपनी पहली रिपोर्ट में बिरयानी में पशुओं का मांस यानी बीफ होने की बात कही थी। रिपोर्ट पर विवाद खड़ा होने के बाद विभाग के अध्यक्ष ने ताजा रिपोर्ट फिरोजपुर झिरका के वेटरनरी सर्जन को भेजी है। इसमें बिरयानी में गाय व बैल का मांस होने की बात स्पष्ट की गई है।

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एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के मास्टर ट्रेनर नरेश कादियान ने यूनिवर्सिटी की पहली रिपोर्ट के साथ-साथ फिरोजपुर झिरका के वेटरनरी सर्जन की मंशा पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने दिल्ली के प्रशांत विहार थाने में शनिवार को फिरोजपुर झिरका के सातों बिरयानी विक्रेताओं और वेटरनरी सर्जन के खिलाफ जीरो एफआइआर दर्ज करा दी थी। कादियान को जीरो एफआइआर इसलिए दर्ज करानी पड़ी, क्योंकि उनकी रिपोर्ट फिरोजपुर झिरका में दर्ज नहीं की जा रही थी। इसके बाद सोमवार को यूनिवर्सिटी ने अपनी दूसरी रिपोर्ट जारी की।

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गो सेवा आयोग ने दिए थे सैंपल लेने के निर्देश

पिछले साल 24 अगस्त को गो सेवा आयोग के निर्देश पर फिरोजपुर झिरका के सात बिरयानी विक्रेताओं के सैंपल भरे गए थे। बिरयानी में मौजूद मांस के सात सैंपल को जांच के लिए हिसार यूनिवर्सिटी में भेजा गया था। 6 सितंबर 2016 को यूनिवर्सिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट फिरोजपुर झिरका के वेटरनरी सर्जन डॉ. अमर सिंह सोलंकी को भेज दी थी। आरोप है कि उन्होंने रिपोर्ट को दबाए रखा।

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