सेक्टर-32 में बनेगा मेडिकल कालेज
सेक्टर-32 में मेडिकल कालेज बनाने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने घग्गर नदी से सटे सेक्टर-32 में 30.51 एकड़ भूमि चिन्हित कर दी है जो जल्द ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : सेक्टर-32 में मेडिकल कालेज बनाने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने घग्गर नदी से सटे सेक्टर-32 में 30.51 एकड़ भूमि चिन्हित कर दी है, जो जल्द ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी। एसटीपी से रिपोर्ट चीफ टाउन प्लानर और उसके बाद फाइनल अप्रूवल के लिए एचएसवीपी के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर के पास फाइल भेजी जाएगी। एचएसवीपी ने मेडिकल कालेज की साइट पर शुक्रवार को साइन बोर्ड लगा दिया। पंचकूला-यमुनानगर हाईवे के साथ लगते सेक्टर-32 में 30.43 एकड़ में मेडिकल कालेज बनेगा। कुल एरिया तीन अलग-अलग पाकिट्स में है। पाकेट वन में 2.94 एकड़, पाकेट 2 में 13.70 एकड़ और पाकेट 3 में 13.79 एकड़ जमीन हैं। तीनों पाकेटों को मिलाकर कुल 30.43 एकड़ जमीन मेडिकल कालेज की साइट के लिए चिन्हित की गई है।
गौरतलब है कि गत 10 अप्रैल को पंचकूला में आयोजित जन विकास महारैली में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की मांग पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहर में मेडिकल कालेज बनाने की घोषणा की थी। उसके बाद से ही विस अध्यक्ष इस परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने कार्य में तेजी लाने के लिए विधानसभा सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा के साथ बैठक की थी। अधिकारियों ने विस अध्यक्ष को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से सेक्टर-32 में चिन्हित की गई 30.51 एकड़ भूमि का नक्शा दिखाया था। यह भूमि माजरी चौक से यमुनानगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाते वक्त घग्गर पुल पार कर बाएं ओर मुख्य सड़क से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार इस पंचकूला में मेडिकल कालेज के निर्माण को पूरी गंभीर है और वह अगले साल से यहां एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करने की तैयारी में हैं। सेक्टर-6 स्थित सिविल अस्पताल को नए मेडिकल कालेज के साथ जोड़ा जाएगा। मेडिकल कालेज पंचकूला की बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसके बनने से पूरे क्षेत्र में विकास की नई बयार बहेगी। इससे जहां लोगों को उच्च स्तर की चिकित्सीय सेवा उपलब्ध होगी, वहीं चंडीगढ़ पीजीआइ, जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 का बोझ भी कम होगा।