मायावती ने रख दी ऐसी शर्त कि इनेलो के लिए मानना हुआ मुश्किल, अब जवाब देंगे खुद चौटाला
चुनावी मौसम में हरियाणा की राजनीति में नई जोड़ तोड़ तेज हो गई है। विभाजन के बाद इनेलो की मुश्किल बढ़ गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठजोड़ जारी रखने के लिए मुश्किल शर्त रख दी है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। जींद उपचुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन की हार के बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन रहेगा या नहीं इस पर संशय खड़ा हो गया है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इनेलो के समक्ष ऐसी शर्त रख दी है जिसे मानना उसके लिए नामुमकिन सा है। ऐसे में दोनों दलों का गठबंधन टूटना लगभग मुश्किल है। दूसरी ओर, कयास लगाए जा रहे हैं कि जेल से दो दिन की छुट्टी पर बाहर अाने के बाद 6 फरवरी को इनेलो सुप्रीमो अोमप्रकाश चौटाला मायावती की शर्त का जवाब देंगे।
मायावती ने कहा- इनेलो व चौटाला परिवार फिर एकजुट हो तभी गठबंधन जारी रहेगा
बता दें कि बसपा की प्रदेश टीम ने साेमवार को इनेलो के साथ गठबंधन पर पुनर्विचार करने के लिए पार्टी सुप्रीमो मायावती को अधिकृत किया था। मायावती ने प्रदेश टीम को विश्वास दिलाया कि वह उनकी भावनाओं के अनुरूप इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला और हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला से चर्चा के करके शीघ्र ही अगला कदम उठाएंगी। ओमप्रकाश चौटाला 6 फरवरी को जेल से छुट्टी पर बाहर आ रहे हैं।
बता दें कि बसपा के प्रदेश नेताओं से चर्चा के बाद मायावती ने इनेलो और चौटाला परिवार के समक्ष शर्त रख दी कि वे एक बार फिर से एकजुट हो जाएं और दुष्यंत-दिग्विजय चौटाला को फिर साथ लाकर इनेलो को पहले वाले रूप में लाएं। वर्तमान हालत में यह नामुमिकन सा लगता है और इनेलो से निकाले जाने के बाद डॉ. अजय सिंह चौटाला के पुत्रों सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला अपनी पार्टी जननायक जनता पार्टी के साथ राजनीतिक के सफर में आगे बढ़ चुके हैं। अभय सिंह चौटाला और डॉ. अजय चौटाला के परिवारों में विवाद न समाप्त होने जैसी स्थिति में पहुंच गया है।
प्रदेश बसपा ने इनेलो से गठबंधन पर विचार के लिए मायावती को किया अधिकृत
उल्लेखनीय है कि इनेलो और चौटाला परिवार में विवाद के बाद दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला ने पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला की सरपरस्ती में जननायक जनता पार्टी बना ली थी। इसके बाद जींद उपचुनाव में इनेलो की बुरी हार हो गई व उसके उम्मीदवार की जमानत तक जब्त हो गई।
नई दिल्ली में पार्टी सुप्रीमो मायावती को प्रदेश टीम ने जींद उपचुनाव के बाद दिया फीडबैक
नई दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश टीम से गठबंधन के भविष्य और राज्य की मौजूदा राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा की। इस बैठक में बसपा के प्रदेश प्रभारी डॉ.मेघराज सहित प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती सहित बसपा के डॉ.महेश कुमार और जिला व ब्लॉक स्तर के नेता उपस्थित थे।
मायावती को प्रदेश की टीम ने फीडबैक दिया कि पारिवारिक लड़ाई में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कमजोर हुई है। जींद उपचुनाव के नतीजे इसका बड़ा उदाहरण है। प्रदेश टीम के सदस्यों ने कहा कि पार्टी ने तब समझौता किया था जब इनेलो में पारिवारिक लड़ाई नहीं थी। उस समय जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला भी गठबंधन के साथ थे। अब जब दिग्विजय ने अलग पार्टी बना ली है तो ऐसे में कमजोर पार्टी इनेलो के साथ गठबंधन रखना पार्टी के हित में नहीं होगा।
इतना ही नहीं पार्टी पदाधिकारियों ने मायावती को साफ तौर पर कहा कि इनेलो की आपसी लड़ाई का असर बसपा के संगठन पर भी पड़ रहा है। क्योंकि इससे प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियां बदली हैं। फिलहाल इनेलो के साथ गठबंधन जन आकांक्षाओं के विपरीत है। गठबंधन रहने से बसपा को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि चौटाला परिवार के एक होने पर ही वह समझौता रखकर चुनाव लड़ने पर विचार करेंगी, अन्यथा पार्टी गठबंधन पर पुनर्विचार करने पर मजबूर होगी।
आेमप्रकाश चौटाला जेल से बाहर अाने के बाद मायावती की शर्त पर देंगे जवाव
बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान और शर्त ने इनेलो के लिए गंभीर राजनीति हालात पैदा हो गई हैं। इस परिदृश्य के बीच इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला 6 जनवरी को दो दिन की छुट्टी पर तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे। वह 6 फरवरी को ही पंचकूला में इनेलो की प्रस्तावित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में को संबोधित करेंगे। इसमें वह मायावती के सवालों के जवाब दे सकते हैं।
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''अभी तक तो हमारा गठबंधन इनेलो के साथ है, मगर पार्टी की प्रदेश टीम ने सुप्रीमो मायावती को गठबंधन का भविष्य तय करने के लिए अधिकृत कर दिया है। हम 10 लोकसभा और 90 विधानसभा सीट पर चुनाव अकेले लड़ने में भी सक्षम हैं। किसी के पारिवारिक झगड़े में बसपा का नुकसान तो हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं होने देंगे।
- प्रकाश भारती,प्रदेशाध्यक्ष, बसपा, हरियाणा।