राहुल गांधी की दिल्ली रैली में हुड्डा और तंवर का मुकाबला
दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रधान डॉ. अशोक तंवर का दमखम देखने को मिलेगा।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में हरियाणा के दो दिग्गजों भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डॉ अशोक तंवर के गुटों के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को हाेनेवाली इस जनाक्रोश रैली में दमखम दिखाने के लिए हरियाणा कांग्रेस नेताओं ने पूरी ताकत लगा दी। हुड्डा, और डॉ. तंवर के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के गुटाें ने भी पूरा जोर लगाया है, लेकिन नजर तो हुड्डा और तंवर खेमों पर ही रहेगी।
दिल्ली के रामलीला मैदान में आज होगी कांग्रेस की जन आक्रोश रैली
राज्य कांग्रेस में विधायक और पूर्व सीएम भजन लाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई गुटबाजी में फिलहाल हुड्डा के साथ खड़े हैं तो कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव प्रदेशाध्यक्ष तंवर के साथ हैं। मौजूदा समय में राज्य कांग्रेस के प्रत्येक नेता, विधायक, कार्यकर्ता सभी इन गुटों में बंटें हैं और खुलेआम इसका इजहार भी कर रहे हैं।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने समर्थकों की भीड़ जुटाने को झोंकी पूरी ताकत
कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला चूंकि हाईकमान के नजदीकी हैं, इसलिए वे सीधे तौर पर जनाक्रोश रैली में अपने समर्थकों से दमखम दिखाने के लिए नहीं कह रहे हैं। पूर्व सीएम हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष डॉ.तंवर ने सीधे तौर पर अपने समर्थकों को दमखम दिखाने का आदेश दिया है। अंतिम क्षणों में दोनों खेमों ने अपनी सारी ताकत लगा दी। दोनों रैली में अपनी ओर से भीड़ जुटाने में एक-दूसरे को पीछे छोड़ना चाहते हैं।
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गांधी टोपी के सहारे अपना संख्या जोर दिखाएंगे हुड्डा
पार्टी हाईकमान ने नेताओं को अपने समर्थकों की संख्या दिखाने के लिए की कोई फंडा अपनाने से मना कर रखा है। पार्टी नेतृत्व ने 17 अप्रैल को दिल्ली गुरुद्वरा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस के वाररूम से हरियाणा के नेताओं को यह निर्देश दिया था कि इस बार रैली में कोई नेता न तो अपने समर्थकों को लाल या गुलाबी पगड़ी पहनाकर लाएगा और न ही कोई अलग से पटका डलवाकर लाएगा। इसके बावजूद नेता इसके लिए रास्ता निकाल चुके हैं।
बता दें, रामलीला मैदान में सोनिया गांधी की रैली में तंवर व हुड्डा गुट लाल और गुलाबी पगड़ी पहनाकर लाए थे। इससे पार्टी की गुटबाजी सामने आ गई और लोगों में गलत संदेश गया। इस बार ऐसी हालत को राेकने के लिए हाईकमान की तरफ से खुद राष्ट्रीय संगठन महासचिव अशोक गहलोत और तत्कालीन प्रदेश प्रभारी कमलनाथ ने हुड्डा व तंवर गुट को यह निर्देश दिया। लेकिन 25 अप्रैल को जब हुड्डा ने दिल्ली आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई तो उसमें राई से कांग्रेस विधायक जयतीर्थ दहिया ने घोषणा की थी कि जब तक हुड्डा प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे वह गांधी टोपी पहनकर रखेंगे।
इसके बाद माना जा रहा है कि हुड्डा गुट के कार्यकर्ता गांधी टोपी पहनकर राहुल गांधी की रैली में आएंगे। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर ने कहा है कि हाईकमान के निर्देेश का सभी कार्यकर्ताओं को पालन करना चाहिए। गांधी टोपी पहनकर सरकार नहीं बनेगी बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों के बीच काम करके ही राज्य में कांग्रेस सत्ता में आएगी।
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हुड्डा रैली से पहले दिल्ली में कर चुके हैं शक्तिप्रदर्शन
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रैली से पहले 25 अप्रैल को दिल्ली स्थित अपने आवास पर हरियाणा कांग्रेस में अपने समर्थक नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर हाईकमान को अपनी ताकत दिखा चुके हैं। इस शक्ति प्रदर्शन में हुड्डा के साथ कुलदीप बिश्नोई सहित कांग्रेस के 14 विधायक और पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र व करीब 100 पूर्व विधायक, पूर्व सांसद शामिल हुए थे।
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हुड्डा के पास है दमखम दिखाने का अंतिम मौका
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए रविवार को होने वाली रैली से हाईकमान को अपनी मजबूती का संदेश देना जरूरी हो गया है। एक तरह से वह करो या मरो की नीति पर इस रैली में अपने समर्थकों के साथ उपस्थित रहेंगे। सूत्रोंका कहना है कि हुड्डा के समर्थक विधायक रैली के दौरान यह प्रयास करेंगे कि हाईकमान को उनकी उपस्थिति अलग से दिखाई दे। बताया जा रहा है कि जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा रैली में अपना संबोधन देंगे तो उनके समर्थक अपना जोश दिखाकर हाईकमान के समक्ष अलग उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
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रैली में कांग्रेसी सिर जोड़कर दिखाई नहीं दिए तो भाजपा को होगा फायदा
राजनीतिक पंडित यह भी मान रहे हैं कि रामलीला की जनाक्रोश रैली से पूरे हरियाणा में अलग संदेश जाएगा। यदि इस रैली में कांग्रेसी फिर से गुटों विभक्त दिखाई देंगे तो इसका फायदा सत्तारूढ़ दल भाजपा और राज्य में बने नए गठजोड़ इनेलो-बसपा को होगा। राज्य कांग्रेस की मजबूती के लिए जरूरी है कि कांग्रेस नेता एकजुटता दिखाएं।
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तंवर अपने संबोधन से ही हाईकमान को साधेंगे
प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर ने शनिवार दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट कर दिया कि वह रैली के मंच से राज्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऐसा संदेश देंगे जिसका असर पूरे प्रदेश में होगा। उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी के बनाए प्रदेशाध्यक्ष हैं और राज्य कांग्रेस में अब कोई परिवर्तन नहीं होगा। तंवर ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्य में राहुल गांधी के प्रतिनिधि हैं और सभी कांग्रेसजन राहुल गांधी को अपना नेता मानते हुए रैली में आएंगे।