दुष्यंत चौटाला ने तोड़ी चुप्पी, बोले- चाहे कांटे चुभें या पड़ें छाले चलना है तो चलना है
चौटाला परिवार की कलह में अभी कई मोड़ बाकी हैं। इनेलो से निलंबित किए जाने के बाद आज दुष्यंत चौटाला ने अटकलाें को खारिज किया, पर बोले-चाहे कांटे पड़े चाहे छाले, चलना है तो चलना है।
चंडीगढ़/नई दिल्ली [जेएनएन]। चौटाला परिवार और इनेलो में फूट के मामले में अभी कई मोड़ बाकी है। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला द्वारा पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने इस बारे में सारी अटकलाें को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- चाहे राह में कांटे हों या पैर में पड़ें छाले, चलना है तो चलना है।
उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला का जो भी फैसला होगा वह सबको मान्य होगा। अगर कोई नोटिस आएगा तो मुझे आएगा उसका जवाब मुझे देना है। दूसरी ओर, पूरे मामले में बसपा से इनेलो के गठबंधन पर भी सवाल उठ गए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन को लेकर पार्टी की दिल्ली में बैठक बुलाई है। इसमें इनेलो से गठबंधन पर फैसला हो सकता है।
चौटाला परिवार की कलह में अभी कई मोड़ बाकी, दुष्यंत बोले- आेमप्रकाश चौटाला का हर फैसला मंजूर
दुष्यंत चौटाला शनिेवार को दिल्ली पहुंचे और अपने समर्थकों से रूबरू हुए। उनके अावास 18 जनपथ पर काफी संख्या में समर्थक पहुंचे। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रधान को हर फैसला उन्हें और सभी को मंजूर होगा। कार्यकर्ता किसी तरह की चर्चा न करें और संगठन को मजबूत करने के लिए काम करें। चौधरी ओम प्रकाश चौटाला को चंडीगढ़ ले जाने का काम करें।
दुष्यंत चाैटाला ने कहा, 'चाहे कांटे पड़े चाहे छाले, चलना है तो चलना है। दरिया कितनी भी तेज हो चिंता नहीं, हमने भी तय कर लिया है कि समंदर पार करना है। इसलिए कार्यकर्ता हौसला बुलंद रखें।' इस दौरान दुष्यंत ने कांग्रेस और भाजपा पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि इनेलो के संगठन से कांग्रेस और भाजपा घबरा रही है। इसी कारण तरह-तरह की बातें फैलाई जा रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, ये लोग आपको कमजोर करेंगे, लेकिन मजबूती से आगे बढ़ना है। अगर आप इसी तरह आगे बढ़ेंगे तो आने वाली सरकार के हिस्सेदार होंगे।
दुष्यंत चाैटाला ने कहा, 'जैसे महाभारत में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाने के लिए अर्जुन को उससे दूर रखा गया, चौधरी साहब (ओमप्रकाश चौटाला) और डॉक्टर साहब (डॉ. अजय सिंह चौटाला) को जेल में रखा गया है। लेकिन, मैं आप सब को विश्वास दिलाता हूं जब तक चाचा-ताऊ का आशीर्वाद मेरे ऊपर है घबराने वाला नहीं हूं।'
दुष्यंत चौटाला के नई दिल्ली के आवास पर जुटे समर्थक।
दुष्यंत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपको रोकने के लिए चक्रव्यूह रचे जाएंगे, लेकिन इसमें फंसना नहीं है। जब मैं ने चुनाव लड़ा तो तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इनेलोको कमजोर करने के लिए भाजपा और हजकां के साथ मिलकर चक्रव्यूह रचा, लेकिन वे नाकाम रहे व हमारी जीत हुई।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुलाई आपात बैठक
दूसरी ओर, हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) आैर इनेलो के बीच गठबंधन पर सवाल उठ गया है। इा बारे में सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की आपात बैठक बुलाई है। मायावती ने इनेलो में मचे घमासान के चलते उसके साथ गठबंधन के मसले पर दिल्ली में यह बैठक बुलाई है। सूत्राें का कहना है कि इस बैठक में बसपा और इनेलो गठबंधन के भविष्य पर फैसला हो सकता है।
भाजपा में शामिल होने की अटकलबाजी हो गई थी शुरू
दूसरी ओर, इनेलाे सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला द्वारा दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद कयासबाजी का दौर शुरू हो गया था। चर्चाएं हो रही थी कि दुष्यंत इनेलो से अलग अपनी राजनीतिक राह भी चुन सकते हैं। उनकी भाजपा में जाने की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। दूसरी आेर, संकेत हैं कि वह जननायक सेवादल को सक्रिय कर इसके माध्यम से अपना राजनीतिक सफरआगे बढ़ाएंगे।
दोनों भाई जननायक सेवादल को सक्रिय करने में जुटे
पूरे मामले में आज दुष्यंत चाैटाला के नई दिल्ली में समर्थकों के बाद चर्चा के बाद कुछ संकेत मिल सकते हैं। चौटाला परिवार को दोफाड़ करते दिख रहे इस घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। पूरे मामले में दूसरे दलों के नेता भी खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। पूरे मामले में निेगाहें दुष्यंत और दिग्विजय के पिता डॉ. अजय चौटाला पर भी लग गई है। संभावना है कि डॉ. अजय चौटाला दीवाली के आसपास पेरोल पर जेल से बाहर आएंगे।
दुष्यंत चौटाला के भाजपा में अाने की संभावना पर सीएम मनोहर बोले, यह भविष्य के गर्भ में है
पूरे मामले को दुष्यंत चाैटाला के भाजपा में जाने की अटकलबाजी ने नया रुख दे दिया है। हालांकि राजनीतिक जानकार इस अटकलबाजी को महज शिगूफा करार दे रहे हैं। दूसरी ओर, गुरुग्राम में हरियाणा की भाजपा सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दुष्यंत चौटाला के भाजपा में अाने की संभावना के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने के बारे में कहा कि यह भविष्य के गर्भ में है।
दुष्यंत चौटाला के नई दिल्ली के आवास पर जुटे समर्थक।
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दूसरी ओर, हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि दुष्यंत अगर भाजपा में आना चाहते हैं तो स्वागत है, लेकिन उन्हें न्योता देने के लिए भाजपा नहीं जाएगी। शुक्रवार देर शाम यहां वल्र्ड यूनियन ऑफ होल सेल मार्केट (व्योम) कांफ्रेंस के समापन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री ने इनेलो में चल रहे पारिवारिक घमासान पर चुटकी ली। उन्होंने कहा, जो अपना घर नहीं संभाल सकते, वे जनता को क्या आश्वासन देंगे। राजनीतिक पार्टियों से लोकतंत्र में जनता को काफी आशाएं व अपेक्षाएं होती हैं। इनेलो मेें जो कुछ हो रहा है वह जनता के सामने है। अब फैसला जनता लेगी।
ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा, भाजपा में आएं तो स्वागत
उधर, झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि विधानसभा की जूतम पैजार पहले गोहाना रैली तक पहुंची और अब सड़कों पर है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि दि दुष्यंत चौटाला भाजपा में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। किसी को आमंत्रित करना भाजपा की नीति-रीति नहीं है। यह बहुत बड़ी पार्टी है। जो आना चाहता है आए और पार्टी की नीतियों के हिसाब से काम करें। इसमें किसी को दिक्कत नहीं होगी। य
जननायक सेवादल को सक्रिय करेंगे दुष्यंत-दिग्विजय
चाचा अभय चौटाला और भतीजा दुष्यंत चौटाला के विवाद में झटका लगने के बाद इनेलो सांसद अब भाई दिग्विजय चौटाला के साथ मिलकर अब जननायक सेवादल को पुनर्जीवत और सक्रिय कर सकते हैं। बताया जाता है कि दुष्यंत चौटाला भाई के साथ जननायक सेवादल को अगले राजनीति सफर का माध्यम बना सकते हैा। शिक्षक भर्ती घोटाले में पिता अजय चौटाला के जेल जाने के बाद जिस तरह दोनों भाइयों ने इनेलो के युवा मोर्चा और छात्र इकाई में नई जान डाली, उससे पार्टी का युवा तबका ताऊ देवीलाल की इस चौथी पीढ़ी सदस्यों के साथ बताया जा रहा है।
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हालांकि पार्टी सुप्रीमो ने युवा मोर्चा और इनसो की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है, लेकिन इससे दुष्यंत और दिग्विजय समर्थकों ने नई लाइन पर सोचना शुरू कर दिया है। सांसद दुष्यंत चौटाला ने पिछले महीने ही अपने स्वर्गीय परदादा चौधरी देवीलाल के नाम से जन नायक सेवादल का पुनर्गठन कर बड़ा दांव खेल दिया था।
भाजपा के मागदर्शक आरएसएस की तर्ज पर काम करने वाले सेवादल में दोनों भाइयों ने अपने पिता अजय सिंह चौटाला व दादा ओमप्रकाश चौटाला के उन कट्टर समर्थकों को शामिल किया जो उनके जेल जाने के बाद इनेलो की राजनीति में हाशिये पर चल रहे थे।
खास बात ये कि सेवा दल को वर्ष 2000 में तब अजय सिंह चौटाला ने ही खड़ा किया था। दुष्यंत ने न केवल 18 साल बाद इस संगठन को फिर से खड़ा कर दिया, बल्कि पदाधिकारी भी नियुक्त कर दिए। सियासी नजरिये से देखें तो पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवीलाल का परिवार चार खेमों में बंटा दिखाई देता है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बड़े भाई रणजीत सिंह चौटाला कांग्रेस में हैं तो भाई जगदीश चंद्र चौटाला के बेटे आदित्य देवीलाल भाजपा के साथ हैं। इनेलो की अंदरूनी सियासत में अभय चौटाला और दुष्यंत चौटाला में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी है।
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देवीलाल परिवार की चार पीढिय़ां
1. देवीलाल
(चार बेटे एक बेटी)
-ओमप्रकाश चौटाला
-प्रताप सिंह चौटाला
-रणजीत सिंह
-जगदीश सिंह चौटाला
-शामी देवी
2. ओमप्रकाश चौटाला के बेटे
-अजय सिंह चौटाला
-अभय सिंह चौटाला
3. प्रताप सिंह चौटाला के बेटे
-रवि चौटाला
-जितेंद्र चौटाला
4. जगदीश चौटाला के बेटे
-आदित्य चौटाला
-अभिषेक चौटाला
-अनिरूद्ध चौटाला
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5. रणजीत सिंह के बेटे
-गगनदीप
6. अजय चौटाला के बेटे
-दुष्यंत चौटाला
-दिग्विजय सिंह चौटाला
7. अभय सिंह चौटाला के बेटे
-अर्जुन चौटाला
-कर्ण चौटाला
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इनेलो के राजनीतिक बिखराव पर विरोधी कर रहे चोट
'' यह इनेलो का घरेलू मामला है। इनेलो में ऐसे हालात बन गए, किसी को बाहर करते हैैं और किसी को भंग करते हैैं। ऐसी पार्टियों से जनता के भले की उम्मीद नहीं की जा सकती। जो कुछ हो रहा है, उस पर जनता स्वयं संज्ञान लेगी। किस प्रकार से अनुशासन तोड़ा जाता है और किस प्रकार से घर में द्वंद्व चलता है।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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'' ओमप्रकाश चौटाला परिवार के मुखिया हैं। उन्हें सबको विश्वास में लेकर फैसला करना चाहिए था। एक राजनीतिक परिवार का बिखरना दुर्भागयपूर्ण है। दुष्यंत भाजपा में आएंगे या नहीं यह भविष्य में तय होगा। अंतिम समय तक संभावनाएं बनी रहती हैं।
- रामबिलास शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री, हरियाणा।
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''इनेलो अगर बिखरता है तो अच्छी बात है। हरियाणा के लोग इनेलो को अब मुंह नहीं लगाएंगे लेकिन परिवार अगर बिखरता है तो इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता। ओम प्रकाश चौटाला को सभी को एक साथ बिठाकर इस समस्या का हल निकालना चाहिए।
- अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा।
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'' यह इनेलो की राजनीतिक नहीं पारिवारिक लड़ाई है। इस पर मैैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। वैसे इनेलो को यह आत्ममंथन करना चाहिए कि उसकी क्या राजनीति रही है। लोगों ने उन्हें कई बार रिजेक्ट कर दिया। लोग इन लोगों को अच्छी तरह से जानते हैैं।
- दीपेंद्र हुड्डा, उप सचेतक, कांग्रेस संसदीय दल।
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'' इनेलो की लड़ाई अब सड़कों पर आ गई। प्रदेश में यह पहला मौका है जब एक ही परिवार में सत्ता के लिए संघर्ष की बजाए एक-दूसरे को ठिकाने लगाने का अभियान चल रहा है। जनता अब इन्हें मुंह नहीं लगाएगी।
- अशोक तंवर, अध्यक्ष, हरियाणा कांग्रेस।
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'' यह एक परिवार का आपसी झगड़ा है। इनेलो पार्टी हरियाणा के राजनीतिक नक्शे से बाहर हो चुकी है। इनेलो में चल रहे घटनाक्रम के बारे में हमने पहले ही बता दिया था। पार्टी का बिखरना हरियाणा वासियों के हित में है लेकिन परिवार नहीं बिखरना चाहिए।
- नवीन जयहिंद, अध्यक्ष, हरियाणा आप।
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