हरियाणा कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर, नहीं ढहेंगी शहरों के बाहर बसी अवैध कालोनियां
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। शहरी क्षेत्रों में स्थित अवैध कालोनियाें की तर्ज पर अब नगरपालिका क्षेत्रों से बाहर बसी करीब दो हजार अवैध कालोनियों को भी नियमित किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में शहरी क्षेत्रों में स्थित अवैध कालोनियाें को पक्का करने की तर्ज पर अब नगर पालिका क्षेत्रों से बाहर बसी करीब दो हजार अवैध कालोनियों को भी पक्का किया जाएगा। शर्त केवल इतनी होगी कि वहां मानव जीवन के लिए जरूरी बिजली, पानी, पक्की सड़कें सहित अन्य बुनियादी ढांचा विकसित करने में कोई दिक्कत न हो। बेतरतीब ढंग से बसी अवैध कालोनियों को हटाने से सरकार परहेज नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई। अवैध कालोनियाें को नियमित करने के लिए सरकार कानून बनाएगी, जिसे विधानसभा में पारित कराया जाएगा।
कैबिनेट बैठक में 31 एजेंडे रखे गए थे, जिनमें करीब दो दर्जन पास कर दिए गए। प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के आसपास दो हजार अवैध कालोनियां हैं, जिनमें से करीब 600 ने रजिस्ट्रेशन कराया है। कैबिनेट के फैसले से बाकी 1400 अवैध कालोनियों के नियमित होने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अवैध कालोनियां नियमित होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों के आशियाने उजड़ने का डर खत्म हो जाएगा। रजिस्ट्रियां होने से लोगों को घर या प्लाट बेचने और खरीदने की अनुमति मिल जाएगी। घरों में बिजली, पानी और सीवर का कनेक्शन मिलेगा जिससे यहां के बाशिंदों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
पंचकूला में जारी रहेंगी रियायतें
ट्राईसिटी में शामिल पंजाब के मोहाली की तुलना में जमीन की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले साल पंचकूला में एक साल के लिए दी गई रियायतों को जारी रखने का निर्णय लिया है।
मोहाली की तुलना में कलेक्टर रेट और अन्य शुल्कों में भारी अंतर होने के कारण पंचकूला में जमीन की आसमान छूती कीमतों के चलते पिछले साल प्रदेश सरकार ने विभिन्न दरों में भारी कटाैती की थी। नतीजतन, बिल्डरों ने पंचकूला में दिलचस्पी दिखाई, जिससे यहां कई बड़े प्रोजेक्ट की राह खुली है।
अब पुरुष कर्मचारियों को मिल सकेगी चाइल्ड केयर लीव
प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने के नियमों में बदलाव किया है। पहले कर्मचारी अपने दो बच्चों के 18 साल का होने तक अधिकतम दो साल (730 दिन) की चाइल्ड केयर लीव ले सकते थे। दिव्यांग बच्चों के मामले में आयुसीमा घटा दी गई है। यानी कि कर्मचारी अब 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग बच्चों के लिए कभी भी चाइल्ड केयर लीव ले सकते हैं। अगर दोनों पति-पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं और महिला की मौत हो जाती है तो उसके पति को बाकी बची हुई चाइल्ड केयर लीव लेने का अधिकार होगा।
बुढ़ापा पेंशन के लिए नहीं करना पड़ेगा आवेदन
हरियाणा में 60 साल की आयु के हो चुके लोगों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता (बुढ़ापा पेंशन) के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) रिकार्ड में अगर निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके लोगों की सालाना आय दो लाख रुपये से कम है तो उसकी पेंशन अपने आप बन जाएगी।
अवैध कालोनियों को नियमित कराने के लिए मिलेंगे छह महीने
पालिका क्षेत्रों से बाहर विकसित हुई अवैध कालोनियों को नियमित कराने के लिए सरकार बिल्डरों को छह महीने देगी। विधानसभा में अवैध कालोनियों को नियमित कराने का कानून बनने के बाद अधिसूचना जारी होने के छह महीने के अंदर बिल्डरों को आवेदन करना होगा।
मंत्रिमंडल बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि बिल्ड अप एरिया के लिए पांच प्रतिशत और खुले क्षेत्रों के लिए 10 प्रतिशत की दर से विकास शुल्क लेने के बाद कालोनियों को नियमित किया जाएगा। जहां कालोनी 50 प्रतिशत से कम विकसित हुई है, उनमें सामुदायिक स्थलों, पार्कों, खुली जगहों और सार्वजनिक उपयोगिता का प्रविधान डेवलपर्स को करना होगा। नगर पालिका क्षेत्र के बाहर बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं और नागरिक सुविधाओं के लिए यह प्रविधान किया गया है।
2000 अनधिकृत कालोनियों में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण नोडल एजेंसी होगा। बिल्डरों और डेवलपर्स के आवेदनों की जांच उपायुक्त की अध्यक्षता वाली स्थानीय समिति द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति से अनधिकृत कालोनियों के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
- Manohar Lal (@manoharlalbjp) 27 June 2022
- DPR Haryana (@diprharyana) 27 June 2022