Haryana Cabinet Meeting: गांव में दस फीसद लोग हटा सकेंगे ठेके, निवेश के लिए बनेगा अलग विभाग
Haryana Cabinet Meeting में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट ने किसानों की चिंता भी और गांवों में शराब ठेकों को हटाने संबंधी नियम में भी बदलाव किया।
जेएनएन, चंडीगढ़। Haryana cabinet expansion के बाद पहली बार हुई Haryana Cabinet Meeting में कई अहम फैसलोंं पर मुहर लगी। सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में गांवों में शराब के ठेकों को लेकर विशेष प्रावधान पर मुहर लगा दी गई है। अब ग्राम पंचायत के बजाय ग्राम सभा को शराब का ठेका नहीं खोलने का प्रस्ताव पारित करने का अधिकार दिया गया है। गांव में रहने वाले दस फीसद लोग यदि प्रस्ताव पारित कर देंगे तो शराब ठेका नहीं खुलेगा। इसकी अवधि 31 दिसंबर तक निर्धारित की गई है।
कैबिनेट ने हरियाणा विधानसभा का विशेष अधिवेशन 26 नवंबर को बुलाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम मनोहर लाल ने कहा इस सत्र में हालांकि भारतीय संविधान की 70वीं वर्षगांठ पर विधायक चर्चा करेंगे। हालांकि एक दिन के इस सत्र में कई विधायी कार्य भी होने की संभावना है। मुख्यमंत्री के अनुसार संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें संविधान पर विशेष चर्चा होगी। इसी दिन गांवों में शराब ठेके नहीं खोलने का अधिकार ग्राम सभा को देने संबंधी बिल भी लाया जाएगा।
कैबिनेट ने हरियाणा में निवेश और निर्यात को नई दिशा देने के लिए 'विदेश सहयोग विभाग' के गठन को मंजूरी दे दी है। निवेश के इच्छुक दूसरे देशों के साथ तालमेल के लिए आइएएस अधिकारी को नोडल अफसर बनाया जाएगा। विभाग की जिम्मेदारी न केवल निवेशक राष्ट्र के साथ बेहतर संबंध बनाने की होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि विदेश भेजने के नाम पर कोई भी युवा कबूतरबाजों का शिकार न बने। महकमा प्रदेश में विदेशी निवेशकों व विदेशों में निवेश करने वाले हरियाणा के निवेशकों को प्रत्येक दृष्टि से सहयोग करेगा। खासकर कृषि आधारित उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित किए जाने से प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी। अप्रवासी भारतीयों को भी विदेश सहयोग विभाग सहयोग व सहायता करेगा।
हरियाणा में पराली प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार पानीपत में इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड के प्रस्तावित प्रोजेक्ट की तर्ज पर दूसरे जिलों में भी बड़े प्रोजेक्ट लगाएगी। छोटे और सीमांत किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने को 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। गैर बासमती धान के फसल अवशेषों के एक्स-सीटू तथा इन-सीटू प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और स्ट्रॉ बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में 1000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे।
ये भी लिए गए फैसले
- मंत्रिमंडल ने हरियाणा के मंत्रियों को एचआरए के राशि 50 हजार से बढ़ाकर 80 हजार रुपये करने व 20 हजार रुपये तक बिजली पानी का खर्च फ्री करने को भी मंजूरी दे दी है।
- जिला स्तर पर डिस्ट्रिक टास्क फोर्स बनेगी, जो नशेे के खिलाफ काम करेगी। इस टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों प्रतिनिधित्व का रहेगा।
- हरियाणा में पराली जलाने से रोकने को सख्ती होगी। कल 45 एफआइआर हुई। उन्हें गिरफ्तार किया गया। पराली की गांठ बनाने वालों के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाएगा।
- 55 लाख मीट्रिक टन की अपेक्षा 65 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। राइस मिलर्स से धान की मिलिंग कर चावल समय से लिया जाएगा, ताकि केंद्रीय पूल में चावल भेजने में देरी न हो सके।
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