अनिल विज बोले- मनु भाकर के पिता ने टीवी पर मानी गलती, अब मामला खत्म
गाेल्डन गर्ल मनु भाकर के पुरस्कार काे लेकर उठा विवाद समाप्त हो गया है। हरियाणा के खेलमंत्री अनिल विज ने कहाा है कि मनु के पिता ने गलती मान ली है अौर यह मामला समाप्त हो गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। निशानेबाज मनु भाकर के ट्वीट के बाद उनके पुरस्कार काे लेकर पैदा विवाद अाखिरकार समाप्त हो गया है। हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर कहा है कि पूरा मसला सुलझ गया है। विज ने कहा कि मनु के पिता ने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल पर चर्चा में अपनी गलती मान ली है। ऐसे में अब यह प्रकरण समाप्त हो गया है।
हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने इससे पहले मनु भाकर से माफी मांगने को कहा था। मनु भाकर ने सरकार द्वारा घोषित इनामी राशि नहीं मिलने पर सवाल उठाते हुए एक ट्वीट किया था। इसके बाद विवाद पैदा हो गया था। गोल्डन गर्ल मनु भाकर ने खेल मंत्री अनिल विज को ट्वीट कर पूछा था कि युवा ओलंपिक में मिले गोल्ड के बाद घोषित हुआ इनाम सही था या सिर्फ जुमला।
बता दें कि विज ने मनु को पदक जीतने पर दो कराेड़ रुपये की इनामी राशि देने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में खेल विभाग के नोटिफिकेशन में एक करोड़ रुपये की राशि देने की बात कही गई। इसके बाद मनु ने ट्वीट किया था। मनु के पिता ने भी पूरे मामले पर सवाल उठाया। इसके बाद विज ने ट्वीट कर मनु भाकर को वादे के मुताबिक दो करोड़ रुपये की इनामी राशि दिलाने का वादा किया। विज ने पूरे मामले को इस तरह सार्वजनिक मुद्दा बनाने पर सवाल उठाया। इसके बाद साेमवार को अनिल विज ने ट्वीट कर कहा, मनु भाकर के पिता रामकिशन ने एक राष्ट्रीय चैनल पर चर्चा के दौरान मनु द्वारा किए गए ट्वीट तथा उसकी भाषा पर गलती मान ली है। अब यह मामला समाप्त है ।
इस पूरे मामले में एक बार फिर हरियाणा में खिलाडिय़ों को सम्मान राशि पर घमासान शुरू हो गया। पंचकूला में एशियाई खेलों के विजेताओं के सम्मान समारोह की तैयारी में जुटी सरकार ने पूरे विवाद का ठीकरा भाकर पर फोड़ा तो विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाया। सीएम मनोहर लाल और खेल मंत्री अनिल विज ने भाकर को माफी मांगने की नसीहत देते हुए खेल पर ध्यान देने की सलाह दी। वहीं, भाकर के समर्थन में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मांग की है कि खेल मंत्री माफी मांगें।
मुख्यमंत्री और खेल मंत्री ने खिलाड़ी के मुद्दा उठाने के तरीके को बताया था गलत
मनु भाकर के उठाए सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, 'मनु भाकर को विभाग के नियमों के मुताबिक इनाम जरूर मिलेगा लेकिन ऐसे ट्वीट करने का तरीका सही नहीं है। मुझे लगता है कि किसी को भी नियमों से समस्या नहीं होनी चाहिए।'
खेल मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर कहा कि भाकर को सार्वजनिक मंच पर आने से पहले विभाग से पूछताछ कर लेनी चाहिए थी। पूरे विवाद के लिए भाकर माफी मांगें। भाकर को उस समय की अधिसूचना के अनुसार दो करोड़ रुपये मिलेंगे। मौजूदा सरकार में विभिन्न स्तर के 8363 खिलाडिय़ों को 243 करोड़ रुपये का इनाम दिया जा चुका है। अब एशियाई खेलों में देश को पदक जिताने वाले 26 खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के लिए पंचकूला में राज्य स्तरीय समारोह होना है। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने भी कहा कि सरकारी घोषणा के पूरा होने की एक प्रक्रिया होती है। कभी-कभी इसमें थोड़ा वक्त लग जाता है। इसलिए धैर्य रखा जाना चाहिए।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि बार-बार खिलाडिय़ों का अपमान किया जा रहा है। इससे पहले मौसम खत्री ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे जिन्हें केवल चेक का गत्ता देकर सम्मानित कर दिया गया, लेकिन इनामी राशि नहीं दी। मनु के गृह जिले झज्जर में पहुंचे कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार खिलाडिय़ों का अपमान कर रही है। खेल मंत्री को मनु से माफी मांगनी चाहिए कि इनाम राशि देने में क्यों हुआ विलंब।
आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा कि खेल मंत्री को मनु भाकर से माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश की बेटी ने अपना हक मांगा था न कि कोई भीख। कभी खिलाडिय़ों की पुरस्कार राशि पर जीएसटी लगा दिया जाता है तो कभी उनके खाने में कटौती कर दी जाती है। इससे उनका मनोबल टूट रहा है।
यह है विवाद
गोल्डन गर्ल मनु भाकर ने खेल मंत्री अनिल विज को ट्वीट कर पूछा था कि युवा ओलंपिक में मिले गोल्ड के बाद घोषित हुआ इनाम सही था या सिर्फ जुमला। भाकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय खेल मंत्री, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अन्य को टैग करते हुए गजट नोटिफिकेशन की कॉपी भी ट्वीटर के जरिये साझा कर दी। इसके बाद से ही इनामी राशि को लेकर विवाद छिड़ा है।
पुरस्कार राशि के विवाद में रद करना पड़ा था सम्मान समारोह
पिछले साल 26 अप्रैल को भी राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता 22 खिलाडिय़ों के सम्मान के लिए पंचकूला में प्रस्तावित राज्य स्तरीय समारोह ठीक एक दिन पहले रद करना पड़ा था। तब दूसरे राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से खेलने वाले पहलवान विनेश फौगाट, बजरंग पूनिया और बॉक्सर मनोज कुमार सहित 13 पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि काट कर देने पर खूब बवाल हुआ था। हालांकि बाद में खेल पॉलिसी में बदलाव कर सभी खिलाडिय़ों को जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में पूरी इनाम राशि देकर सम्मानित किया गया।