Haryana Cabinet Extension: मनाेहरलाल ने साधे हरियाणा की सियासत में बड़े समीकरण
Haryana Cabinet Extension में सीएम मनोहरलाल ने जातीय व क्षेत्रीय समीकरण साधे। इसके साथ ही कैबिनेट में 13 जिलों को प्रतिनिधित्व मिला है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल/बिजेंद्र बंसल]। मनोहर कैबिनेट के विस्तार में भारतीय जनता पार्टी ने जातीय समीकरण साधे हैं। उत्तर, मध्य और दक्षिण हरियाणा के विधायकों में जातियता के साथ क्षेत्रीय आधार पर भी संतुलन किया गया है। नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित फिलहाल 12 मंत्री हैं और जातीय समीकरणों का आधार देखें तो इस बार मनोहर लाल मंत्रिमंडल में चार जाट, दो अनुसूचित जाति के विधायकों सहित पंजाबी, सिख, अहीर, गुर्जर व ब्राह्मणों को समग्र प्रतिनिधित्व दिया गया है। कैबिनेट में 13 जिलों को प्रतिनिधित्व मिला है।
नई कैबिनेट में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण, 13 जिलों को मिली हिस्सेदारी
सत्ता में भागेदारी के जातीय संतुलन में इस बार वैश्य बिरादरी से विधानसभा स्पीकर बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल में कोई वैश्य शामिल नहीं किया गया। हालांकि माना जा रहा है कि अभी भाजपा और जजपा के खाते से एक-एक मंत्री के लिए मंत्रिमंडल में जगह बची हुई है। आने वाले समय में वैश्य बिरादरी से भाजपा एक विधायक को मंत्रिमंडल में समायोजित कर सकती है।
उत्तर हरियाणा में पंचकूला के ज्ञानचंद गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष और अंबाला से अनिल विज को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। करनाल से खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल जीतकर आए हैं। मध्य हरियाणा से उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, पेहवा से संदीप सिंह और यमुनानगर जिले के जगाधरी क्षेत्र से कंवरपाल गुर्जर मंत्री बने हैं। इसी तरह दक्षिण हरियाणा से इस बार ओम प्रकाश यादव, डॉ.बनवारी लाल और मूलचंद शर्मा को मंत्री बनाया गया है। मूलचंद शर्मा और डॉ.बनवारी लाल को कैबिनेट मंत्री बनाकर मनोहर सरकार में दक्षिण हरियाणा को विशेष महत्व दिया गया है।
रोहतक व सोनीपत लोकसभा और नौ जिलों की सरकार में साझेदारी नहीं
इसके साथ ही नई कैबिनेट में 13 जिलों को प्रतिनिधित्व मिला है। नौ जिले ऐसे हैैं, जो सत्ता से दूर रहे हैैं। ओल्ड रोहतक ने भाजपा को इस बार विधानसभा चुनाव में खास भाव नहीं दिए। भाजपा ने भी कैबिनेट के गठन में इस इलाके को 'नजर अंदाज' सा किया है। देशवाली बेल्ट के रोहतक, झज्जर व सोनीपत जिलों की सरकार में भागीदारी नहीं हो पाई है।
भाजपा ने अपनी कैबिनेट में हालांकि सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है, लेकिन इसके बावजूद जातिगत समीकरण कहीं न कहीं ढीले ही रह गए। कैबिनेट में अति पिछड़ा वर्ग की जातियों के अलावा राजपूत, रोड़ व वैश्य समाज को जगह नहीं मिली है। इन्हीं बिरादरी को भाजपा का मुट्ठीबंद वोट बैैंक माना जाता है।
राज्य में 13 जिले ऐसे हैैं, जिन्हें कैबिनेट में मंत्रियों के रूप में प्रतिनिधित्व मिला है, जबकि नौ जिले वंचित रह गए हैैं। मौजूदा सरकार में 10 लोकसभा क्षेत्रों में से आठ कवर हुई हैैं। रोहतक और सोनीपत संसदीय क्षेत्र से किसी को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। सबसे पावरफुल अंबाला लोकसभा क्षेत्र रहा है। पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता स्पीकर, अंबाला कैंट से अनिल विज व जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर कैबिनेट मंत्री बने हैं।
इसी तरह कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के पेहवा से संदीप सिंह और कलायत से कमलेश ढांडा को राज्य मंत्री के रूप में प्रतिनिधित्व मिला है। करनाल लोकसभा क्षेत्र से इस बार केवल मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही हैं। गुरुग्राम का प्रतिनिधित्व बावल के विधायक डा. बनवारी लाल ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर किया।
भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र को दो मंत्री मिले हैैं। इनमें लोहारू से जेपी दलाल कैबिनेट और नारनौल से ओमप्रकाश यादव राज्य मंत्री बने हैं। फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के बल्लबगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैैं। हिसार संसदीय क्षेत्र पूरी तरह से जेजेपी के पास ही रहा। उचाना कलां से विधायक दुष्यंत सिंह चौटाला उपमुख्यमंत्री तो उकलाना से विधायक अनूप धानक राज्य मंत्री बने हैं।
इस बार की कैबिनेट में जिन नौ जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है, उनमें रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, दादरी, फतेहाबाद, गुरुग्राम, पलवल व मेवात (नूंह) शामिल हैैं। रोहतक, दादरी व मेवात ऐसे जिले हैं, जहां भाजपा अपना खाता नहीं खोल पाई थी।
इन जातियों को नहीं मिला कैबिनेट में प्रतिनिधित्व
मौजूदा कैबिनेट में इस बार कई जातियां सत्ता में भागीदार होने से पिछड़ गईं। पिछड़ा वर्ग से जरूर दो चेहरे कंवरपाल गुर्जर और ओमप्रकाश यादव को कैबिनेट में जगह मिली है लेकिन अति पिछड़ा वर्ग की जातियां कैबिनेट में शामिल होने से वंचित ही रही। भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माने जाने वाले राजपूतों को भी सरकार में हिस्सा नहीं मिला है। रोड जाति की उम्मीदें भी सिरे नहीं चढ़ पाईं। विधानसभा में पहुंचे कुल आठ वैश्य विधायकों में से सात भाजपा से हैं। पंचकूला विधायक ज्ञानंचद गुप्ता को जरूर विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है, लेकिन बाकी कोई भी वैश्य एमएलए कैबिनेट में एजडस्ट नहीं हो पाया।
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अगले विस्तार में वैश्य समुदाय को भी मिलेगा महत्'
'' मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्रिमंडल में सभी जाति और क्षेत्रों को महत्व दिया है। पारदर्शी सरकार के लिए यह एक आदर्श मंत्रिमंडल साबित होगा और आने वाले समय मेें तय मापदंड के अनुसार जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा, वैश्य बिरादरी को भी महत्व दिया जाएगा।
- डॉ. अनिल जैन, प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा।
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