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विधानसभा चुनाव के लिए मनोहर सरकार ने खोजा असरदार हथियार, इसे बनाएगी कामयाबी का मंत्र

हरियाण विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और मनोहरलाल सरकार ने असरदार हथियार खोज है। पार्टी विधानसभा चुनाव में नौकरियों में पारदर्शिता को कामयाबी का मंत्र बनाएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 12:26 PM (IST)
विधानसभा चुनाव के लिए मनोहर सरकार ने खोजा असरदार हथियार, इसे बनाएगी कामयाबी का मंत्र
विधानसभा चुनाव के लिए मनोहर सरकार ने खोजा असरदार हथियार, इसे बनाएगी कामयाबी का मंत्र

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की भाजपा सरकार को विधानसभा चुनाव के लिए असरदार हथियार मिल गया है। पार्टी इसे सफलता के मंत्र के रूप में कार्यकर्ताओं को देगी और इसे मुख्‍य मुद्दा बनाएगी। यह ह‍थियार है सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता। इस मुद्दे का असर लोकसभा चुनाव में भी हुआ और भाजपा अब इसे व्‍यापक रूप से विधानसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है।

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भाजपा नेता बोले- नौकरियों के लिए अब विधायक-मंत्रियों के घर नहीं लगती भीड़

भाजपा नेताओं के अनुसार, सरकारी नौकरियों के लिए कभी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के घर हुजूम जुटा करता था, मगर अब वे दिन हवा हो गए। राज्य में अब सिर्फ उन्हीं लोगों को नौकरी मिलेगी, जो पढ़े लिखे होंगे तथा अपनी योग्यता के बूते मैरिट में स्थान हासिल करेंगे। इसका नतीजा यह हो रहा कि अब मंत्रियों और विधायकों के घर लाइन लगने की बजाय कोचिंग सेंटरों में पढ़ाई के लिए लाइन लग रही है।

सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद भी इस बात को दोहराते हैैं। उनका कहना है कि अब जिसे भी नौकरी चाहिए, वह किसी मंत्री, विधायक अथवा बिचौलिये के घर दिखाई नहीं देता, बल्कि कोचिंग सेंटरों में अपनी तैयारी करने में जुट गया है। एक समय हुआ करता था, जब राज्य में नौकरियों के लालच में नई पीढ़ी को राजनीतिक दल अपने हाथों की कठपुतली बनाते रहे। अब माहौल पूरी तरह से बदल रहा है।

नौकरियों में पारदर्शिता के माहौल को लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में भुनाने के लिए मनोहर सरकार ने फिर से भर्तियों का पिटारा खोल दिया है। बीते चार दिनों में पुलिस कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, पटवारी तथा ग्र्राम सचिवों के करीब नौ हजार पदों पर आवेदन मांग लिए गए हैैं। साथ ही पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने की रफ्तार भी तेज हो गई है।

हरियाणा लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को नायब तहसीलदारों के 200 से अधिक पदों का रिजल्ट घोषित किया, जबकि कर्मचारी चयन आयोग ने ग्र्राम सचिव के 697 पदों के लिए नई भर्ती निकाली है। जींद उपचुनाव से ठीक पहले ग्रुप डी के 18 हजार 218 पदों के नतीजे घोषित कर मास्टर स्ट्रोक खेलने वाली सरकार ने ग्रुप-सी और डी की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म कर भ्रष्टाचार के तमाम रास्ते बंद कर दिए हैैं।

यही वजह है कि अब युवाओं ने मैरिट में आने के लिए कोचिंग सेंटरों की ओर दौड़ लगानी शुरू कर दी है। हरियाणा के कोचिंग सेंटरों में अब तेजी से प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ी है। ग्रुप-डी की सबसे बड़ी भर्ती की बात करें तो इस साल की शुरुआत में ही छह हजार से अधिक पंचायतों में औसतन तीन युवाओं को नौकरी मिली। पहली बार उन युवाओं को भर्ती में अतिरिक्त पांच अंक का लाभ दिया गया, जिनके परिवार में पहले कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं थी।

हरियाणा सरकार के इस फैसले को हालांकि हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन अदालत ने सरकार के निर्णय पर यह कहते हुए मुहर लगा दी कि वंचितों को अतिरिक्त अंकों का लाभ देना कतई गलत नहीं। नौकरी की लाइन में लगे युवाओं की मानसिकता में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण यह है कि अब वे युवा भी संतुष्ट हैं, जो योग्यता में पिछडऩे की वजह से नौकरी नहीं लग पाए।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती और सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन के मुताबिक इन युवाओं ने नौकरी नहीं मिलने के लिए किसी को कोसने की बजाय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर अपना फोकस किया है। यह बड़ा बदलाव है।

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' हमने नहीं दी, युवाओं ने योग्यता से हासिल की नौकरी'

'' पूर्ववर्ती सरकारों के मुखिया कहते थे कि हमने इतनी नौकरियां दी हैं। मैं कहता हूं कि हमने किसी को नौकरी नहीं दी। युवाओं ने अपनी मेहनत और योग्यता से नौकरी हासिल की है। हमने आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत ग्रुप डी की भर्तियों पर रोक लगाई है क्योंकि अधिकतर स्वीकृत पदों पर स्टाफ पूरा किया जा चुका। जिन महकमों में कर्मचारी कम हैं, वहां जल्द ही पक्की भर्तियां कर दी जाएंगी। प्रदेश में एक लाख से अधिक कच्चे कर्मचारी काम कर रहे जिनको लेकर कई तरह की दिक्कतें आती हैं। अदालतों में भी केस चल रहे। अब हमने पक्की, पारदर्शी तथा मैरिट के आधार पर नौकरियां देने पर फोकस किया है।

                                                                                                - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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