चार साल में मनोहर सरकार ने देखे कई उतार-चढ़ाव, सिस्टम को पटरी पर लाने को जूझी
शुक्रवार को मनोहरलाल सरकार के चार साल पूरे हो जाएंगे। अपने चार साल के कार्यकाल में मनोहरलाल सरकार ने कई उतार-चढ़ाव देखे।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई मनोहर सरकार का चार साल का कार्यकाल बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा। इस दौरान सरकार सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए जूझती भी दिखी। इनेलो व हविपा के साथ गठबंधन के पुराने कड़वे अनुभवों से उबरते हुए सरकार का पहला साल अनुभव में बीता तो दूसरा साल में योजनाएं तैयार की गई। तीसरे और चौथे साल में सरकार ने इन योजनाओं को धरातल पर लाने में सफलता हासिल की है। चार साल के अंतराल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करीब 5800 घोषणाएं करते हुए उन्हें अमलीजामा पहनाया।
चार साल में 5800 घोषणाएं की, भ्रष्टाचार पर अंकुश और पारदर्शी व्यवस्था की स्क्रिप्ट लिखी
अधिकतर योजनाओं पर काम पूरा हो चुका तो कुछ पर अभी चालू है। तमाम तरह की चुनौतियों के बावजूद सरकार भाई-भतीजावाद, नौकरियों में भ्रष्टाचार और क्षेत्रवाद के आरोपों से लगभग मुक्त रही। पहले दो सालों में अफसरशाही पर लगाम लगाने में चूके मुख्यमंत्री बाद के दो सालों में टेढ़े अफसरों को भी सीधा करने के गुर में पारंगत हो गए। अब अफसरशऱाही सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
मिशन 2019 का चुनावी चेहरा होंगे मनोहर, अमित शाह और मोदी ने दिए चुनावी वर्ष में संकेत
हरियाणा की भाजपा सरकार के चार साल का कार्यकाल 26 अक्टूबर को पूरा हो रहा है। इसके बाद राज्य सरकार चुनावी वर्ष में प्रवेश करेगी। यह वह साल होगा, जब सरकार को अपने ठोस फैसलों से प्रदेश की जनता को मजबूत रिजल्ट देने होंगे। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा की धरती से मिशन 2019 का आगाज कर चुके हैं।
अपने हरियाणा दौरे के दौरान शाह और मोदी कई बार स्पष्ट संकेत दे चुके कि अगले चुनाव में मनोहर लाल ही भाजपा का चेहरा होंगे। भाजपा हाईकमान के इस संकेत के बाद न केवल मनोहर लाल के विरोधियों की हवा निकल गई, बल्कि उन्हें अधिक मजबूती के साथ काम करने का अवसर मिला है। चुनावी साल में मनोहर लाल इस अवसर को कैसे वोट में तबदील कर पाते हैं, इस पर उनके विरोधियों की निगाह टिक गई है।
हरियाणा में सरकार बनाने से पहले भाजपा ने करीब डेढ़ सौ बड़े वादे प्रदेश की जनता से किए थे। भाजपा हालांकि अधिकतर वादों को पूरा करने का दावा करती है, लेकिन हर साल लिए गए छोटे-बड़े करीब 50 फैसलों से जनता में सरकार के प्रति अलग ही संदेश गया है। इन चार सालों के अंतराल में भाजपा सरकार ने लगभग 200 फैसलों के जरिये क्षेत्रवाद पर लगाम, भाई भतीजावाद पर अंकुश, सुशासन, पारदर्शी व्यवस्था, भ्रष्टाचार पर लगाम और राजनीतिक दुर्भावना से काम नहीं करने का संदेश देने की कोशिश की है।
दस साल तक सत्ता में रही कांग्रेस और पिछले १४ सालों से सत्ता का इंतजार कर रही इनेलो को हालांकि सरकार के फैसले कतई नहीं भाए, मगर नौकरियों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर, बिजली के दाम घटाकर तथा अवैध कालोनियों को नियमित कर सरकार ने विपक्ष के सामने कई अहम उदाहरण पेश किए हैं।
हरियाणा में कर्मचारी और किसान दो बड़े ऐसे वर्ग हैं, जिनके आंदोलनों की वजह से सरकार चार सालों में घिरी नजर आई। प्रदेश सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने से साफ इंकार करते हुए फसलों के दामों में बढ़ोतरी का विकल्प दिया है। साथ ही कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने की कोशिश अभी उम्मीद के मुताबिक रंग नहीं ला पाई है। कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 साल से घटाकर 58 साल करने के फैसले से कर्मचारी नाराज जरूर हैं, लेकिन खाली पदों पर नई भर्तियों व पुरानी रुकी हुई ज्वाइनिंग के जरिये सरकार ने कर्मचारी वर्ग का भरोसा जीतने की पूरी कोशिश की है।
भ्रष्टाचार में 31 फीसदी तक आई कमी का दावा
भाजपा सरकार अपने करीब दो दर्जन बड़े फैसलों से खासी उत्साहित है। पंचायती राज संस्थाओं को नई पहयान देने के साथ ही राज्य को कैरोसीन और खुले में शौच मुक्त बनाया गया। भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य के माथे से कन्या भ्रूण हत्या का कलंक धुला है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और छात्रवृत्तियों में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा थे, जिन्हें खत्म किया गया है। सेंटर फाॅर मीडिया स्टडीज के सर्वेक्षण की 11वीं रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में भ्रष्टाचार में 31 प्रतिशत तक रोक लगी है।
सीएम विंडो ड्रीम प्रोजेक्ट, चार साल में मिले ५१ अवार्ड
राज्य में भू-अभिलेखों तथा संपत्ति पंजीकरण को आधार से जोड़ने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना है। सीएम विंडो पर शिकायतों का निस्तारण मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सरकार का कहना है कि अब तक करीब चार लाख शिकायतों का समाधान यहां हो चुका है। हरियाणा सरकार को अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने पर इन चार सालों में 51 अवार्ड मिले हैं। राज्य से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अप्रेंटिस कार्यक्रम में जोड़ने के लिए हरियाणा को चैंपियन आॅफ चेंज का अवार्ड मिला है। जीएसटी संग्रहण में हरियाणा का देश में पांचवां स्थान है। चरखी दादरी को सरकार ने हरियाणा का 22वां जिला बनाया।
दुष्कर्मियों को मृत्यु दंड की सजा का फैसला बना नजीर
हरियाणा सरकार का दुष्कर्मियों को फांसी सजा देने का फैसला पूरे देश में नजीर बनकर सामने आया है। प्रदेश में दुष्कर्म या छेड़छाड़ का जो भी आरोपित होगा, उसके केस का निर्णय होने तक राज्य सरकार से उसे राशन के अलावा मिल रही सारी सुविधाएं बंद रखेगी। अगर सजा होगी तो उसकी इन सुविधाओं की पात्रता समाप्त कर दी जाएगी। 12 साल तक की लडकियों के साथ दुष्कर्म करने के दोषी को मृत्युदंड की सजा का कानून भी हरियाणा ने बनाया। इसे बाद में केंद्र सरकार ने लागू किया।
जमीन अधिग्रहण के विवादों से बची रही सरकार
हरियाणा में जमीनों का अधिग्रहण बड़ा मुद्दा रहा है। अब राज्य में नई व्यवस्था के मुताबिक निजी क्षेत्र को कृषि भूमि पट्टे पर देने पर किसान या भूस्वामी अपने मालिकाना हक से वंचित नहीं होंगे। किसान जरूरत पड़ने पर अगर वे चाहें तो अपनी जमीन पोर्टल के माध्यम से सरकार को बेच सकते हैं। इसके लिए लेंड पूलिंग नीति को मंजूरी दी गई है। भाजपा सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में किसानों की उपजाऊ जमीनों का अधिग्रहण नहीं किया।
नहरी पानी को टेल तक पहुंचाने का दावा
हरियाणा में नहरी पानी के संरक्षण और वितरण को लेकर सरकार गंभीर रही है। राज्य में 1350 नहरी टेल हैं, जिनमें से 1343 टेलों पर सरकार पानी पहुंचाने का दावा कर रही है। राज्य में 14 हजार तालाबों के संरक्षण की दिशा में भी सरकार ने प्रयास आरंभ किए हैं।
एसवाईएल बड़ा मुद्दा पर अभी इंतजार बाकी
एसवाईएल नहर का पानी हरियाणा को दिलाने का मुद्दा बड़ा गंभीर है। इसके लिए राज्य के प्रमुख विपक्षी दल इनेलो ने अभय चौटाला के नेतृत्व में आंदोलन भी चलाया हुआ है। सरकार का इस मसले पर अलग ही रुख है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार राज्य सरकार इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में लेकर गई और पैरवी के बाद हरियाणा के हक में फैसला आया है। अब इस नहर के निर्माण के लिए जल्द सुनवाई की अपील की गई है। सरस्वती की खोज भी हरियाणा सरकार की देन है।
केएमपी व मेट्रो परियोजनाओं समेत रुके प्रोजेक्ट को मिली गति
हरियाणा सरकार ने पिछली सरकार के रुके हुए प्रोजेक्ट को भी गति प्रदान की है। कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे 2010 में नई दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पूरा होना था। भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में इसे शुरू कराया। अब मानेसर-पलवल खंड संचालित हो चुका है तथा कुंडली-मानेसर खंड पर निर्माण कार्य इस माह के अंत तक पूरा होने की संभावना है। इसके अलावा सोनीपत-जींद रेलवे लाइन शुरू हो चुकी है तथा रोहतक-महम-हांसी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है।
बहादुरगढ़ से मुंडका मेट्रो रेल लाइन चालू हो गई, जबकि बदरपुर-मुजेसर रेल सेवा भी शुरू कर दी गई है। गुरुग्राम के हुडा सिटी सेंटर से सोहना रोड तक तथा सोनीपत के कुंडली तक दिल्ली मेट्रो के विस्तार की योजना है। फरीदाबाद के वाइएमसीए चौक से बल्लभगढ़ तक इसके विस्तार का कार्य शुरू हो चुका है। हिसार एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ रही है।
सरकारी नौकरियां और जरूरतमंदों को घर रहे प्राथमिकता
हरियाणा में सरकारी नौकरियां बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा सरकार ने नौकरियों में भ्रष्टाचार खत्म करने को ग्रुप सी और डी की नौकरियों के लिए इंटरव्यू खत्म करने का कानून बनाया। परीक्षा के 90 अंक हैं तो सिर्फ 10 नंबर सामाजिक मुद्दों को ध्यान में रखकर दिए जाएंगे। २०१४ के बाद लगभग ५० हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी किये गये। इनमें से 24 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जा चुकी है। वर्ष 2022 तक हर बेघर को आवास देने की योजना है।
'बिगड़े हुए सिस्टम में सुधार किया'
पिछले 48 महीनों के दौरान हम जन आकांक्षाओं पर खरे उतरे हैं। व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में काम किया है। हमने जन सेवा के क्षेत्र में नई परिकल्पना, नये संकल्प, समर्पित सेवा भावना एवं कर्तव्य बोध, नई विकास नीति और राजनीतिक शुचिता की स्पष्ट दिशा निर्धारित करते हुए प्रदेश में विकास और जन कल्याण के नए युग का सूत्रपात किया है। हरियाणा एक-हरियाणवी एक और समान भाव से काम किए। पारदर्शी व्यवस्था की। हरियाणा के बिगड़े हुए ढर्रे को हम पटरी पर लेकर आए हैं। आने वाले दिनों में विकास की गति और तेज होगी।
- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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'सरकार के जाने का इंतजार कर रही जनता'
'' पिछले चार सालों में हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं थी। हर साल कोई न कोई हादसा हरियाणा में हुआ। अनुभवहीनता की वजह से प्रदेश कई बार जला। किसानों व कर्मचारियों पर लाठियां बरसाई गई। धान व बाजरा घोटाला हुआ। फसलों के बीमा के नाम पर किसानों को लूटा गया। कर्मचारियों को ठगा गया। राजनीतिक दुर्भावना से सरकार ने फैसले लिए। हमारी सरकार के कर्मचारी हित के फैसलों को बदला गया। अब सरकार के जाने का लोग इंतजार कर रहे हैं।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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'14 सालों से कुशासन झेल रहे लोग'
हरियाणा के लोग पहले 10 साल तक राज कर चुकी कांग्रेस सरकार से दुखी थे। उसके बाद चार साल से अब भाजपा को झेल रहे हैं। एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया गया। लोग तंग आ चुके हैं। एसवाईएल का पानी आज तक लोगों को नहीं मिला है। दादूपुर नलवी नहर अलग से बंद कर दी। दक्षिण हरियाणा के लोगों को पानी नहीं मिल पाया है। किसानों की फसलें मंडियों में रूल रही हैं। कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। बिल्डरों के हाथ में सरकार खेल रही है। अब आने वाला समय इनेलो-बसपा गठबंधन का है।
- अभय सिंह चौटाला, नेता विपक्ष, हरियाणा।
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'अब आप को भी मौका देकर देखिए
'' हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने संसाधन नहीं होने के बावजूद तमाम वह काम कर दिखाए, जो संभव नहीं नजर आते थे। अब हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी यही प्रयोग करेगी। राज्य के लोग सभी दलों की सरकारें देख चुके हैं। अब आम आदमी पार्टी को भी मौका देकर देखना चाहिए।
- नवीन जयहिंद, अध्यक्ष, आप हरियाणा।