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लोकसभा चुनाव से पहले मनोहरलाल की खास तैयारी, इस तरह कर रहे ग्राउंड तैयार

हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल लोकसभा चुनाव में भाजपा की कामयाबी के लिए खासे तैयारी में जुटे हैं। वह चुनाव के लिए ग्राउंड तैयार कर रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 06:48 PM (IST)
लोकसभा चुनाव से पहले मनोहरलाल की खास तैयारी, इस तरह कर रहे ग्राउंड तैयार
लोकसभा चुनाव से पहले मनोहरलाल की खास तैयारी, इस तरह कर रहे ग्राउंड तैयार

चंडीगढ़, जेएनएन। मुख्यमंत्री मनोहर लाल लोकसभा चुनाव के लिए खास तैयारियों में जुट गए हैं। वह इसके लिए अपनी घोषणाओं को समय से पूरा कराकर कामयाबी की ग्राउंड तैयार करने मं लगे हैं। वह घोषणाओं को लेकर खासे गंभीर हैं। उन्होंने सभी प्रशासनिक सचिवों से सीएम घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्टेटस रिपोर्ट तलब कर ली है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों से जिलावार सीएम घोषणाओं की रिपोर्ट मांगी है, ताकि अधूरी घोषणाओं को समय से पूरा किया जा सके। इससे वह भाजपा द्वारा अपनी घोषणाओं को पूरा करने की बात मजबूती से जनता के समक्ष रखना चाहते हैं।

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सीएम घोषणाओं के क्रियान्वयन की जिलावार रिपोर्ट तलब की प्रशासनिक सचिवों के अलाट किए जिले

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों को रिपोर्ट के लिए जिले अलाट किए हैं। एक प्रशासनिक सचिव को एक जिला सौंपा गया है। सभी सचिवों को 25 जनवरी तक पूरी रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में करीब सात हजार घोषणाएं की हैं। पिछली हुड्डा सरकार के दस साल के कार्यकाल में साढ़े छह हजार घोषणाएं हुई थी।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर ऐलान किया था कि पांचवां साल चूंकि चुनावी होता है, इसलिए वह कोई ऐसी घोषणा इस साल में नहीं करेंगे, जो पूरी नहीं हो सके। मुख्यमंत्री का पूरा जोर अब उनके द्वारा पूर्व में की गई घोषणाओं को धरातल पर अमलीजामा पहनाने का है। करीब साढ़े चार हजार घोषणाओं को पूरा किया जा चुका और ढ़ाई से तीन हजार घोषणाएं अभी बाकी हैं।

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कई घोषणाएं ऐसी हैं, जिनके क्रियान्वयन में जमीन की जरूरत है। यह जमीन पंचायती भी हो सकती है और गैर पंचायती भी। राज्य सरकार ने चूंकि अपने कार्यकाल में जमीनों का अधिग्रहण बंद कर रखा है, लिहाजा जमीन की किल्लत बनी हुई है।

जमीन की कमी को पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार ने आनलाइन जमीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। सरकार उसी व्यक्ति से जमीन खरीदेगी, जो खुद बेचने का इच्छुक होगा। इसके लिए उसे जमीन बेचने की पेशकश खुद सरकार को करनी होगी। सरकार को रेट उचित लगे तो जमीन खरीद ली जाएगी।

जींद उपचुनाव के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। भाजपा यदि जींद उपचुनाव जीतने में कामयाब हो जाती है तो लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। लिहाजा सरकार चुनाव में लाभ हासिल करने के लिए सीएम घोषणाओं को किसी सूरत में लटकाने के हक में नहीं है। प्रशासनिक सचिवों की रिपोर्ट के तुरंत बाद सरकार ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा कस सकती है, जो सीएम घोषणाओं के धरातल पर क्रियान्वयन में बड़ी बाधा बने हुए हैं।

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