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हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई 9500 JBT की भर्ती से सांसत में मनोहर सरकार

हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान हुई जेबीटी भर्ती के मामले में मनोहर सरकार पशोपेस की स्थिति में है। मामले में लगातार अनियमितताएं और फर्जी दस्तावेज की संलिप्तता की जानकारियां सामने आ रही हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 01:45 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 01:45 PM (IST)
हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई 9500 JBT की भर्ती से सांसत में मनोहर सरकार
जेबीटी भर्ती मामले में सांसत में मनोहर सरकार। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई जेबीटी शिक्षकों की भर्ती भाजपा सरकार के गले की फांस बन गई है। इस भर्ती में गड़बड़झाले और अनियमितताओं के केस लगातार सामने आ रहे हैं। शिक्षा विभाग ने मंगलवार रात को गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नौकरी हासिल करने वाले संदिग्ध 60 शिक्षकों के विरुद्ध एफआइआर के निर्देश दिए हैं। इन शिक्षकों की सूची सभी जिलों में मौलिक शिक्षा अधिकारियों के पास कार्रवाई के लिए भेज दी है। बता दें, जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के मामले में ही पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला अपनी सजा पूरी कर जेल से वापस आ चुके हैं।

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शिक्षा विभाग को आशंका है कि फर्जी ढंग से नौकरी हासिल करने वाले मामलों की संख्या अधिक भी हो सकती है। इससे पहले भी अलग-अलग समय पर सैकड़ों शिक्षकों को संदिग्ध मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। जेबीटी शिक्षकों के संगठन ने एफआइआर न कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाया है। शिक्षा निदेशालय ने हालांकि 60 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच का एक आखिरी मौका संबंधित शिक्षकों को देने का भरोसा दिलाया है, मगर अभी तक इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के पास कोई लिखित निर्देश नहीं पहुंचा है।

वर्ष 2010-2011 में करीब 9500 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती हुई थी। उस समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे। 2014 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आई और मनोहर लाल मुख्यमंत्री बने। इस भर्ती को शुरू से ही संदिग्ध माना जाता रहा है। चयनित 756 शिक्षकों के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशानों की फारेंसिक जांच कराई गई तो पता चला कि अधिकतर शिक्षक ऐसे हैं जिनके हस्ताक्षर और अंगूठों के निशान नहीं मिलते हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल बार-बार इस अनियमित ढंग से हुई भर्ती के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमलावर हो चुके हैं। मनोहर लाल का कहना है कि हुड्डा के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं को हम ठीक करते-करते आजिज आ चुके हैं। कुछ शिक्षकों की एचटेट (हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा) का प्रमाण पत्र भी फर्जी मिला है।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जब जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं का मामला पहुंचा तो प्रदेश सरकार ने 6081 अभ्यर्थियों के संबंध में रिपोर्ट दाखिल की। हाई कोर्ट को बताया गया कि इनमें से 4732 अभ्यर्र्थियों के हस्ताक्षर व अंगूठों के निशानों का मिलान हो गया है, जबकि 369 और फर्जी अभ्यर्थी पाए गए हैं। इसी प्रकार सरकार ने कहा कि 980 के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। इससे पहले फर्जी पाए गए 776 अभ्यर्थियों को चार्जशीट कर दिया गया है। सरकार को आदेश जारी कर फर्जी अभ्यर्थियों को बर्खास्त करने को कहा गया था। इसके लिए इन अभ्यर्थियों को पहले नोटिस देने का निर्देश दिया गया था। 216 फर्जी अभ्यर्थियों ने तो जेबीटी की नौकरी ही छोड़ दी थी।


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