मानेसर जमीन घोटालाः पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा सहित 34 को समन
मानेसर जमीन घोटाले के मामले में हुड्डा सहित 34 लोगों को समन जारी किए गए हैं। उन्हें 19 अप्रैल को पंचकूला स्थित सीबीआइ कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
जेएनएन, पंचकूला। मानेसर भूमि अधिग्रहण मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 लोगों को सीबीआइ की विशेष अदालत ने शुक्रवार को समन जारी कर दिए। सभी को 19 अप्रैल को जगदीप सिंह की अदालत में पेश होना होगां। यह वही जज हैं जो डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण केस में दस-दस वर्षो की अलग-अलग सजा सुना चुके हैं।
बता दें, हाल ही में 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट भी तत्कालीन हुड्डा सरकार की मानेसर भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना को रद कर चुका है। इस केस में हुड्डा के पूर्व प्रधान सचिव एमएल तायल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्य प्रशासक एसएस ढिल्लों, संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य पूर्व आइएएस छतर सिंह, पूर्व डीटीपी जसवंत, एबीडब्ल्यू बिल्डर्स के अतुल बंसल सहित कई अन्य बिल्डर शामिल हैं।
इन पर आरोप है कि 27 अगस्त 2004 से 27 अगस्त 2007 के बीच निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुरग्राम में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को सरकार द्वारा अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। सितंबर 2015 को भाजपा सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी।
मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर केस दर्ज किया था। सीबीआइ ने 2 फरवरी को इस केस में 80 हजार पेजों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। आरोप है कि हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेच दिया गया।
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