DGP की विदाई तय होने के साथ ही पद के लिए बढ़ी लॉबिंग, आकाओं के घर दौड़
मौजूदा पुलिस महानिदेशक बीएस संधू की इसी महीने विदाई तय होने के साथ ही नए DGP के लिए लॉबिंग तेज हो गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मौजूदा पुलिस महानिदेशक बीएस संधू की इसी महीने विदाई तय होने के साथ ही नए DGP के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। वरिष्ठता के आधार पर प्रदेश के दस IPS अफसर DGP बनने की दौड़ में हैं। हालांकि नए DGP के लिए तीन नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) देगा, लेकिन इनमें से किसी एक का नाम प्रदेश सरकार ही फाइनल करेगी। ऐसे में पूरी संभावना है कि आरएसएस की पसंद का अधिकारी ही टाइगर (DGP) की कुर्सी पर बैठेगा।
नए DGP के नामों का पैनल तैयार करने के लिए बुधवार या बृहस्पतिवार को यूपीएसी की बैठक होनी है। बैठक में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ ही हरियाणा के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय गृह सचिव या उनके प्रतिनिधि और केंद्र सरकार का एक IPS अफसर शामिल होंगे। चूंकि प्रदेश के साथ ही केंद्र में भी भाजपा की सरकार है, इसलिए DGP की नियुक्ति में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद-नापसंद का पूरा ध्यान रखा जाना तय है। इसके मद्देनजर पद की दौड़ में शामिल सभी अफसरों ने मंत्रियों के साथ ही सरकार में पैंठ रखने वाले अपने आकाओं के यहां हाजिरी बढ़ा दी है।
DGP का पैनल तैयार करने को अगर बैठक टली तो फिर संधू इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि 31 जनवरी को उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना है। पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक परमिंदर राय भी इसी दिन उनके साथ रिटायर हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस के मुताबिक वही IPS अफसर DGP बनाया जा सकता है जिसके सेवाकाल में दो साल बचे हों। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने जिन दस अफसरों के नाम UPSC को भेजे हैं उनमें चार ऐसे हैं जो अगले साल सितंबर तक रिटायर हो जाएंगे। हालांकि DGP के लिए अन्य सभी शर्तें पूरी करने और बेहतर सेवाकाल वाले अफसरों को दो साल की समय सीमा में छूट दी जा सकती है।
कुर्सी के दावेदार अफसर
सीनियर मोस्ट IPS की सूची में शुमार ITBP के महानिदेशक एसएस देसवाल 31 अगस्त 2021 और राज्य मानवाधिकार आयोग में पुलिस महानिदेशक डॉ. केपी सिंह अगले साल 30 जून को रिटायर होने हैं। इसी तरह जेल महानिदेशक के सेल्वराज की रिटायरमेंट 31 जनवरी 2021 को है। तीनों अफसर DGP की दौड़ में हैं। होम गार्ड के कमांडेंट जनरल डॉ. बीके सिन्हा इसी साल 30 सितंबर को रिटायर होने हैं। ऐसे में उन्हें DGP बनाने की संभावनाएं कम हैं।
मधुबन में महानिदेशक केके सिंधू 31 अगस्त 2020, राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक पीआर देव 30 सितंबर 2020, DGP पुलिस मुख्यालय केके मिश्रा अगले साल 30 जून, इंटेलीजेंस ब्यूरो के संयुक्त निदेशक मनोज यादव 31 जुलाई 2025 और DGP अपराध पीके अग्रवाल 30 जून 2023 को रिटायर होंगे।
संधू को मिल सकता लाभ का पद
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की गुड बुक में शुमार मौजूदा DGP बीएस संधू को सरकार लाभ के किसी पद पर एडजस्ट कर सकती है। संधू के बेहतरीन सेवाकाल के चलते ही सरकार ने उन्हें दो बार दो-दो महीने की एक्सटेंशन दी। उनके अनुभव का फायदा उठाने के लिए उन्हें किसी बोर्ड या निगम के प्रबंध निदेशक या फिर किसी अन्य महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।