हरियाणा में भाजपा व कांग्रेस की नई प्रदेश टीम में हिस्सा पाने के लिए नेताओं की दिल्ली परिक्रमा
हरियाणा में भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के नेता इन दिनों दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। दरअसल राज्य में दोनों दलों का सांगठनिक विस्तार प्रतीक्षित है। ऐसे में दोनों दलों के नेता दिल्ली में अपने-अपने पक्ष में लाबिंग में जुटे हैं।
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस की नई टीम का हिस्सा बनने के लिए दोनों दलों के नेता इन दिनों दिल्ली-परिक्रमा में जुटे हैं। दोनों दलों के नेता यहां अपनी पार्टी के नए प्रभारी से लेकर अन्य प्रमुख नेताओं से मिलकर लाबिंग कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने तो अपनी नई टीम तैयार कर ली है। सिर्फ पार्टी हाईकमान की मुहर लगनी बाकी है। हालांकि अब भाजपा की नई टीम के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि इस पर नए प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े की सहमति भी धनखड़ लेंगे।
धनखड़ ने प्रदेश अध्यक्ष बनते ही पार्टी अध्यक्षों द्वारा अतीत में हो गई खामियों को सुधारने का काम किया। पार्टी की मुख्य धारा से किसी न किसी वजह से अलग हुए नेताओं व कार्यकर्ताओं को उन्होंने गले लगाने का काम किया। अहीरवाल के दिग्गज नेता राव इंद्रजीत सिंह जिस स्थानीय नेता से चुनाव में नाराज हुए उसे भी धनखड़ चेयरमैन बनवाने में कामयाब हुए। धनखड़ के खाते में यह सार्थक पहलू भी है कि उन्होंने अध्यक्ष बनने के साथ ही जिला टीम तैयार करवाकर उनकी घोषणा करवा दी है।
दिग्गजों की सहमति के बीच झूल रही है कांग्रेस की नई टीम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भी अपनी नई प्रदेश टीम लगभग तैयार की हुई है मगर यह टीम भी पार्टी के दिग्गज नेताओं की सहमति के बीच फंसी हुई है। प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी सैलजा चाहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस की नई टीम सभी प्रमुख कांग्रेस नेताओं की सहमति से बने, इसलिए उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मंत्री किरण चौधरी, विधायक कुलदीप बिश्नोई से लेकर राष्ट्रीय महामंत्री रणदीप सुरजेवाला से भी दो दौर की चर्चा कर ली है। बताया जा रहा है कि महासचिव जैसे कई पदों को लेकर अभी दिग्गज कांग्रेस नेताओं में सहमति नहीं बनी है।
एक साल से अधिक समय से बिना टीम के पार्टी चला रहीं सैलजा
सैलजा 4 सितंबर 2019 को प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं। तब से अब तक सैलजा बिना अधिकृत टीम के ही पार्टी गतिविधियां चला रही हैं। सैलजा और नए प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल पर पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से यह दबाव लगातार चल रहा है कि वे अपनी प्रदेश, जिला व ब्लाक स्तर की टीम गठित करें। सैलजा से पहले पांच साल प्रदेश अध्यक्ष रहे डाक्टर अशोक तंवर भी पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते संगठन खड़ा नहीं कर पाए थे।