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सीबीआइ कड़ी दर कड़ी खोल रही गुरमीत राम रहीम की परतें, अभी कई मामलों में आएंगे फैसले

सीबीआइ ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के काले कारनामों की परत दर परत खोल कर रख दी हैं। इस कारण रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत की मुसीबतें और बढ़ती नजर आ रही है।

By Edited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 07:21 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 09:00 PM (IST)
सीबीआइ कड़ी दर कड़ी खोल रही गुरमीत राम रहीम की परतें, अभी कई मामलों में आएंगे फैसले
सीबीआइ कड़ी दर कड़ी खोल रही गुरमीत राम रहीम की परतें, अभी कई मामलों में आएंगे फैसले

पंचकूला, [राजेश मलकानियां]। पिछले कई दशकों तक हरियाणा समेत कई राज्यों में करोड़ों भक्त बनाने वाले गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें अभी खत्‍म नहीं हुई हैं। साध्‍वी दुष्‍कर्म मामले में सजा मिलने के बाद भी उनकी मुसीबत बढ़ रही है और वह घिरता जा रहा है। सीबीआइ ने उसकी परतें कड़ी दर कड़ी खोलकर रख दी हैं। अब उस पर पत्रकार रामचंद्र छत्र‍पति हत्‍याकांड में संकट आ गया है।

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साध्वियों का यौन शोषण करने वाले राम रहीम को सीबीआइ उसके अंजाम तक पहुंचा चुकी है। राम रहीम 20 साल के लिए जेल की हवा खा रहा है और अब सवा साल बाद वह जेल से बाहर पंचकूला आएगा। वह यहांं एक और केस में फैसला सुनने आएगा। साध्वियों की आपबीती जनता तक पहुंचाने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में 11 जनवरी को सीबीआइ अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

जिस प्रकार सीबीआइ ने अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखा है, उससे सीबीआइ के अधिकारी, वकील और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के परिजन आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि इस मामले में भी रहीम को सजा होगी। राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

रंजीत मर्डर केस में भी जल्द आएगा फैसला

रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में फैसला आने के बाद डेरे के मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या के केस में भी जल्द फैसला आ जाएगा। यह केस भी अंतिम दौर में है। रंजीत सिंह की हत्या पर दोनों पक्षों के बीच फाइनल बहस का दौर जारी है। इसके बाद भी सीबीआइ राम रहीम का पीछा छोड़ने वाली नहीं। 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का केस भी सीबीआइ के पास है। इस केस में सीबीआइ अदालत में गवाहियों का दौर शुरू हो चुका है। सीबीआइ की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस मामले में भी सुनवाई पूरी हो जाए।

राम रहीम को शक था- साध्वियों से रंजीत सिंह ने ही लिखवाया लेटर, इसलिए करवाई हत्‍या

राम रहीम का ड्राइवर हत्याओं के मामले में प्रमुख गवाह है। जोकि पूरे षड्यंत्र के बारे में सीबीआइ अदालत में बयान दे चुका है। रंजीत हत्या मामले में खट्टा सिंह ने राम रहीम को ही हत्या का दोषी बताया है। कोर्ट में बयान दिया था कि डेरा प्रमुख को लगता था कि साध्वियों के यौन शोषण के पत्र जगह-जगह भेजने के पीछे डेरा मैनेजर रंजीत सिंह का हाथ है। खट्टा सिंह ने कहा, ' रंजीत ने गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी, इसलिए गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने के आदेश दिए थे।'

,खट्टा सिंह ने कहा, ' देर रात डेरा चीफ ने अपनी गुफा में आरोपित कृष्ण लाल, अवतार सिंह, इंद्रसेन, दर्शन सिंह, जसवीर सिंह एवं सबदिल की मीटिंग ली थी। रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद जश्न मनाया गया था। खट्टा सिंह ने बताया था कि 2001 में रंजीत सिंह ने अपनी दो बहनों को डेरे के स्कूल एवं कॉलेज से हटा लिया था। दोनों डेरा सच्‍चा सौदा में साध्वी थीं।

घर के बाहर गोलियों से भूनवा दिया था रामचंद्र छत्रपति को

खट्टा सिंह ने कोर्ट में बयान दर्ज में कहा कि रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को कहा था। गुरमीत राम रहीम 23 अक्टूबर 2002 को जालंधर के एक सत्संग से वापस सिरसा पहुंचा था, तो उसे कृष्ण लाल ने अखबार दिखाया, जिसमें साध्वियों के यौन शोषण के बारे में खबर छपी थी। यह खबर पढ़ते ही गुरमीत राम रहीम तिलमिला उठा।

खट्टा सिंह ने कहा, ' गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल को कहा था कि रामचंद्र छत्रपति को मौत के घाट उतार दो। 24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोलियों से भून दिया गया था।

400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में गवाहियां जारी

राम रहीम के खिलाफ 400 साधुअों को नपुंसक बनाने के मामले में भी अदालत में सुनवाई चल रही है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हंसराज चौहान की याचिका पर साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में 23 दिसंबर 2014 को सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता ने याचिका में गुरमीत राम रहीम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसने कुछ चिकित्सकों के साथ मिलकर साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर नपुंसक बनाया है।

इस मामले में डेरामुखी गुरमीत राम रहीम के अलावा दो डॉक्टरों पंकज गर्ग और एमपी ¨सह की भूमिका भी सामने आई थी। इसलिए दोनों डॉक्टरों के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं। सीबीआइ ने विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद गवाहियां शुरू करवा रखी हैं।

पवित्र करने की बात कहकर साध्वी का किया था यौन शोषण

2002 में डेरा सच्चा सौदा की दो साध्वियों ने बिना अपने नाम का खुलासा किए राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मीडिया, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआइ को सितंबर 2002 में मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था।

सीबीआइ ने इस मामले में 18 साध्वियों से पूछताछ की, जिनमें से दो साध्वियों ने यौन शोषण होने की बात स्वीकारी थी। एक साध्वी ने राम रहीम पर यह भी आरोप लगाया कि पवित्र करने की बात कहकर शोषण किया गया था। सीबीआइ ने जांच पूरी कर साल 2007 में रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। 25 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई।

पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट में कड़े सुरक्षा प्रबंध

रामचंद्र छत्रपति मामले में 11 जनवरी को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में डेरा प्रमुख की पेशी है। हालांकि संभावना है कि सरकार इस मामले में कोर्ट जा सकती है कि उसकी पेशी पंचकूला के बजाय रोहतक की सुनारिया जेल में लग जाए। हालांकि पुलिस ने एहतियात बरतनी शुरू कर दी है।

कोर्ट परिसर में पुलिस ने बेरिकेडिंग कर दी  है। हर किसी पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है। सेक्टर-15 और 23 स्थित नामचर्चा घरों पर गुप्तचर विभाग द्वारा निगरानी रखी जा रही है। आशंका बहुत कम है कि पिछली बार की तरह बड़ी तादाद में डेरा अनुयायी पंचकूला में घुस जाएं। सूत्रों के अनुसार फिलहाल अनुयायी डेरे के फरमान का भी इंतजार कर रहे हैं कि वे पंचकूला जाएं या नहीं। फिलहाल डेरा अनुयायियों को कहा गया है कि वह सुमिरन करते रहें।


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