Move to Jagran APP

राहत शिविरों में ठहरे श्रमिकों ने की फसल काटने की पेशकश, हरियाणा सरकार ने केंद्र से मांगी राय

हरियाणा में राहत शिविरों में रह रहे श्रमिकों ने राज्‍य में फसलों की कटाई करने की पेशकश की है। हरियाणा सरकार ने इस बारे में केंद्र सरकार से राय मांगी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 02:10 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 02:10 PM (IST)
राहत शिविरों में ठहरे श्रमिकों ने की फसल काटने की पेशकश, हरियाणा सरकार ने केंद्र से मांगी राय
राहत शिविरों में ठहरे श्रमिकों ने की फसल काटने की पेशकश, हरियाणा सरकार ने केंद्र से मांगी राय

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के रिलीफ कैंपों में शरण लिए प्रवासी मजदूरों ने राज्य के किसानों के खेतों में फसल काटने की पेशकश की है। राज्य सरकार ने यह फैसला अभी केंद्र सरकार पर छोड़ दिया। यदि अनुमति मिली तो Social distance के मानदंडों को पूरा करते हुए इन मजदूरों को किसानों के खेतों में फसल काटने की अनुमति दी जा सकती है। राज्य सरकार ने मजदूरों को मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी 284 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 309 रुपये प्रतिदिन करने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा है।

loksabha election banner

बड़े किसानों को गेहूं भंडारण के लिए बारदाना उपलब्ध कराएगी सरकार

हरियाणा में इस बार गेहूं व सरसों की खरीद देरी से शुरू हो रही है। लाकडाउन खत्म होते ही सरसों की खरीद 15 अप्रैल से तथा गेहूं की खरीद 20 अप्रैल से आरंभ होगी। राज्य सरकार पहले कम जोत वाले किसानों की फसल खरीदेगी, ताकि मंडियों में अधिक भीड़ न बढ़े। गांव दर गांव जाकर फसल खरीदने की योजना पर भी काम चल रहा है। राधा स्वामी सत्संग डेरे के शेड में मंडियों के अतिरिक्त केंद्र बनाए जाएंगे।

रेलवे यार्डों को भी मंडी केंद्रों में तबदील किया जा सकता है। राज्य में करीब पौने पांच सौ राहत शिवर (होम शेल्टर) बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता 75 हजार है, लेकिन इनमें करीब 15 हजार लोग रह रहे हैं। राज्य सरकार मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आने वाली गेहूं कटाई की मशीनें कंबाइन तथा हार्वेस्टर समेत अन्य संयंत्रों को खेतों तक लाने जे जाने की छूट पहले ही दे चुकी है। किसानों को भी शारीरिक दूरी अपनाते हुए खेतों में आने जाने से नहीं रोका जाएगा।

फसली ऋण के ब्याज की राशि का भुगतान केंद्र व राज्य सरकार करेगी

हरियाणा सरकार पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रही है। ऐसे में समय से खरीद पूरी करना उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। राज्य के अधिक जोत वाले जो किसान देरी से मंडी में फसल लाएंगे, उन्हें सरकार बोनस देगी। केंद्र सरकार जितना बोनस घोषित करेगी, उसमें राज्य सरकार अपने हिस्से की कुछ राशि मिलाकर देने पर विचार कर रही है। शर्त यह होगी कि इन किसानों को फसल काटने के बाद उसके भंडारण की व्यवस्था खुद अपने घर, घेर अथवा गोदाम में कहीं भी करनी होगी। गेहूं भंडारण के लिए सरकार इन किसानों को पहले ही बारदाना उपलब्ध कराने को तैयार हो गई है।

हरियाणा सरकार के पास इस बात का पूरा रिकॉर्ड है कि किस किसान ने कौन सी फसल बोई है और कितनी बोई है। इसलिए सरकार खुद ही किसानों को बताएगी कि किस दिन किस किसान को फसल बिक्री के लिए मंडी में लेकर आना होगा। सरसों या गेहूं के लिए नमी की जितनी सीमा निर्धारित की गई है, उस सीमा तक इसे सुखाना भी अनिवार्य किया गया है।

किसानों के लिए फसल भंडारण की सुविधा अपने आढ़ती की दुकान पर मंडी में भी करने की दी गई है। किसान बैंकों को अपने फसली ऋणों की अदायगी आमतौर पर 15 अप्रैल तक करता था। इस बार वह 30 जून तक अदायगी कर सकता है। इस पर 30 जून तक जो ब्याज लगेगा, उसकी भरपाई राज्य या केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।

प्रधानमंत्री और मैं दोनों किसानों के लिए चिंतित: सीएम

'' हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई है। उन्होंने किसानों के बारे में गहरी चिंता जाहिर की है। किसान की फसल पककर तैयार है। संयोग से प्रदेश में इस बार वर्षा और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है। हमें इस बात का विचार करना पड़ेगा कि हमारी कटाई समय पर हो जाए। उपज खरीद की भी एक जटिल समस्या है क्योंकि मजदूर यहां नहीं हैं और यदि सब लोग इकट्ठे होकर मंडी में आते हैं तो हमारा शारीरिक डिस्टेंसिंग का विषय भी भंग होता है। इसलिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। खरीद के कार्य अलग-अलग चरणों में होंगे। बड़े किसानों को सरकार का सहयोग करने के लिए कहा गया है। खरीद प्रक्रिया इस बार 30 जून तक ले जानी पड़ सकती है, लेकिन सरकार तमाम व्यवस्थाएं करेगी।

                                                                                                  - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें: हरियाणा में बड़े उद्योगों में बिजली का फिक्स चार्ज माफ, अनुबंधित कर्मचारियों को मिलेगी पूरी सैलरी



यह भी पढ़ें: पुलिसकर्मियों की अनूठी पहल, COVID-19 Bus से जगा रहे अलख, लोगों तक पहुंचा रहे मदद



Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.