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इस्तीफे के बहाने दबाव की राजन‍ीति, हुड्डा को रोकने के लिए कुलदीप ने कांग्रेस कार्यसमिति छोड़ी

हरियाणा कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्‍नोई ने पू्र्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दबाव को कम करने के उद्देश्‍य से कांग्रेस की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से इस्‍तीफा दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 01:41 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 01:44 PM (IST)
इस्तीफे के बहाने दबाव की राजन‍ीति,  हुड्डा को रोकने के लिए कुलदीप ने कांग्रेस कार्यसमिति छोड़ी
इस्तीफे के बहाने दबाव की राजन‍ीति, हुड्डा को रोकने के लिए कुलदीप ने कांग्रेस कार्यसमिति छोड़ी

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे से दोराहे पर खड़ी हरियाणा कांग्रेस में भी इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। राहुल गांधी पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव बनाने के लिए प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुमित्रा चौहान इस्तीफा दे चुकी हैं। वहीं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भी कांग्रेस कार्यसमिति से इस्तीफा दे दिया है। समझा जा रहा है कि कुलदीप ने यह इस्‍तीफा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान सौंपने से राेकने की नीयत से दबाव बनाने के लिए दिया है।

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हरियाणा कांग्रेस में इस्‍तीफे के क्रम के बीच कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा या प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर सहित पहली पंक्ति के किसी नेता के इस्तीफे के संकेत नहीं हैं। माना जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई का इस्तीफा दबाव की राजनीति के तहत दिया गया है।

सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस की कमान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दी जा रही है। इसकी भनक लगते ही कुलदीप बिश्नोई ने इस्तीफा दिया है, ताकि पार्टी आलाकमान के प्रतिनिधि जल्दबाजी में कोई एकतरफा निर्णय न ले सकें और हुड्डा द्वारा आलाकमान पर पूर्व में बनाए दबाव को संतुलित किया जा सके।

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कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी आलाकमान के करीबी नेता तो यह भी मान रहे हैं कि कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि यदि हरियाणा कांग्रेस में सामूहिक नेेतृत्व की बजाए किसी एक नेता को कमान दी गई तो अन्य प्रभावी नेता भाजपा का रुख कर सकते हैं। ऐसे में राहुल गांधी की जगह नए बनने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को साधने की पहली बड़ी चुनौती होगी।

बता दें कि हुड्डा ने 9 जून को दिल्ली में अपने समर्थक जुटाकर आलाकमान को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी दे दी थी। इसके बाद हुड्डा को मनाने का काम राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने जोधपुर हाउस की मुलाकात में किया था।

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दो नेता ऐसे कि उनका मौखिक इस्तीफा भी हो जाएगा मंजूर

बेशक अभी तक कुलदीप बिश्नोई या सुमित्रा चौहान का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। दिल्ली में कांग्रेस की राजनीति के जानकार बताते हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में हरियाणा कांग्रेस के दो नेता ऐसे हैं जिनका पार्टी आलाकमान के प्रतिनिधि मौखिक रूप में आए इस्तीफे को भी स्वीकार कर लेंगे। ये दोनों नेता इस्तीफा देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इन नेताओं को भी पता है कि राहुल गांधी के पीछे से उनके साथ पार्टी में क्या व्यवहार होने वाला है।

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इसके विपरीत प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्य और पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह पार्टी के मंचों पर यह कह चुके हैं कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में इस्तीफों से कुछ नहीं होगा। किसी नेता को कोई इस्तीफा नहीं देना चाहिए बल्कि राहुल गांधी को भी इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए।

महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में तो यह भी बताते हैं कि उन्होंने राहुल गांधी से अपनी मुलाकात में कह दिया था कि यदि वर्तमान पार्टी पदाधिकारियों की बजाए राज्य कांग्रेस की कमान किसी अन्य के पास भी होती तो कमोबेश लोकसभा चुनाव में यही नतीजे आते। इसका कारण वे बताते हैं कि भाजपा के छद्म राष्ट्रवाद के सामने कांग्रेस की बातों को आत्मसात करने वालों की कमी हो गई थी।

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