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    हत्‍यारा चाचा बोला-बच्चों वो देखो पहाड़ी... , और मार दी गोली

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 22 Nov 2017 09:44 PM (IST)

    कुरुक्षेत्र जिले के सारसा गांव के जगदीप म‍लिक का तीन मासूम भतीजा-भतीजी की हत्‍या करते समय दिल नहीं कांपा। बच्‍चों से वह बोला कि वह पहाड़ी देखो और उनको ...और पढ़ें

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    हत्‍यारा चाचा बोला-बच्चों वो देखो पहाड़ी... , और मार दी गोली

    पंचकूला, [राजेश मलकानियां]। रिश्तों को शर्मसार करने वाले जगदीप के हाथ अपने सगे भतीजों और भतीजी को गोली मारते समय बिल्कुल नहीं कांपे। न जाने ऐसा कौन सा जुनून उस पर सवार था कि जिन बच्चों को वह जिगर का टुकड़ा मानता था, उन्हें ही मौत की आगोश में सुला दिया। गुनाह कबूल करते हुए उसने बताया कि वह बच्चों को घुमाने के बहाने घर से मोरनी लाया। फिर उसने से कहा, बच्चों वो देखो पहाड़ी। जैसे ही बच्चे पहाड़ी देखने के लिए घूमे उसे पीछे से उनके सिर में गोली दाग दी।

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    गोली दागने के बाद भी उसका दिल दो दिन तक यह सोचकर नहीं पसीजा कि कहीं उन बच्चों को कोई जंगली जानवर न नोच रहे हों। मोरनी के जंगलों में कई जानवर घूमते हैं। जिसे भी इस वारदात के बारे में पता लगा उसके रोंगटे खड़े हो गए।

    लांंग रूट की सैर करवाऊंगा...

    पुलिस पूछताछ में जगदीप मलिक ने बताया कि बच्चों के पिता सोनू मलिक ने इस हत्याकांड की साजिश रची  थी। इसके तहत सोनू उस दिन उसके साथ नहीं आया, ताकि दोनों की फोन कॉल लोकेशन ट्रेस न हो सके। सोनू ने तीनों बच्चों को खेलने के लिए गांव की फिरनी से बाहर भेज दिया। इसके बाद साजिश के तहत जगदीप उनके पास पहुंचा और उन्हें खिलाने-पिलाने का लालच देकर गाड़ी में बिठाकर ले गया।

     

    चाचा और पिता द्वारा मारे गए मासूम बच्‍चे।

    जगदीप से कार में कई बार बच्चों ने पूछा भी कि चाचा हम कहां जा रहे हैं, तो उसने कहा कि आज मैं तुम्हें लांग रूट की सैर करवाऊंगा। गाड़ी में गाने चल रहे थे और तीनों बच्चे भी अपने चाचा के साथ खूब मस्ती कर रहे थे। उन्हें इस बात का कतई अंदाजा नहीं था कि वह किस 'लांगरूट' पर जा रहे हैं।

    ऊपर देखते ही पीछे से दागी गोली

    आरोपी जगदीप बच्चों को नारायणगढ़ के रास्ते से रायपुररानी होते हुए मोरनी ले आया। पहाड़ी इलाके में आने के बाद जगदीप ने घटना को अंजाम देना शुरू किया। पहले जगदीप ने समीर को नीचे उतारा और कार में गानों की आवाज बढ़ा दी। इसके बाद समीर से बोला कि बेटा वो देखो कितनी ऊंची पहाड़ी है। जैसे ही समीर ने ऊपर देखा, जगदीप ने उसके सिर में पीछे से गोली दाग दी। ऐसा ही उसने सिमरन और समर को मौत के घाट उतार दिया।

    यह भी पढ़ें: पिता ने अपने तीन बच्‍चों की हत्‍या कर जंगल में फेंके शव, चाचा ने भी दिया साथ


    जांच भटकाने के लिए पुलिस पर बढ़ा रहे थे दबाव

    मामले को भटकाने और पुलिस को व्यस्त रखने के लिए सोनू और जगदीप दो दिन से पुलिस पर आरोप लगा रहे थे कि मामले की सही से जांच नहीं हो रही है। सरपंच कर्मवीर सिंह, नंबरदार कृष्ण मुरारी, जिला पार्षद बलदेव सिंह ने बताया कि इन दोनों ने कई बार कहा कि पुलिस के खिलाफ जाम लगाते हैं, लेकिन लोगों ने कहा कि पुलिस तो काम कर रही है। बच्चों को ढूंढ रही है। जाम किस लिए लगाया जाए।

    फोटोग्राफर है सोनू, बेटी सिमरन के नाम पर रखा था दुकान का नाम

    बच्चों का पिता सोनू मलिक फोटोग्राफर है और कैथल में उसकी दुकान है। रोज शाम को दुकान बंद करके वापस गांव सारसा वापस आ जाता था। सोनू की शादी लगभग 12 साल पहले कैथल के गांव गुहना की रहने वाली सुमन से हुई थी। सोनू ने अपने स्टूडियो का नाम भी बेटी सिमरन के नाम पर रखा था। दोनों के बीच कोई खास मनमुटाव नहीं था। सोनू कई बार तीन से चार दिन तक गायब रहता था। परिजनों को शक है कि वह महिला से मिलने के लिए शिमला जाता था।

    एक बेटे का बाप है जगदीप

    जगदीप मलिक भी शादीशुदा है और उसका चार साल का बेटा है। जगदीप की बहन को उसके ताऊ जीता मलिक ने गोद ले रखा। उसकी शादी भी जीता ने करवाई थी। दोनों परिवारों का आपस में काफी प्यार था। जगदीप और सोनू आपस में काफी मेलजोल रखते थे। जगदीप के छोटे भाई ने डेढ़ साल पहले सुसाइड कर लिया था। जीता मलिक के अनुसार जगदीप का रवैया पिछले कुछ समय से उसके परिवार के प्रति ठीक नहीं था।