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खेमका ने ट्वीट में राजनेताओं को पढ़ाया चरित्र का पाठ

हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने अब ट्वीट के जरिये नेताओं को चरित्र निर्माण की नसीहत दी है। कहा कि शक्ति का दुरुपयोग चरित्र की कमजोरी और मृत्यु के समान है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 08 Oct 2017 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2017 10:19 AM (IST)
खेमका ने ट्वीट में राजनेताओं को पढ़ाया चरित्र का पाठ
खेमका ने ट्वीट में राजनेताओं को पढ़ाया चरित्र का पाठ

जेएनएन, चंडीगढ़। प्रदेश सरकार के लिए कई मोर्चों पर परेशानी खड़ी करने वाले वरिष्ठ आइएएस अशोक खेमका ने ताजा ट्वीट में राजनेताओं को शक्ति का दुरुपयोग नहीं करने की सीख दे डाली। खेमका ने शनिवार को ट्वीट किया 'शक्ति का दुरुपयोग चरित्र की कमजोरी का संकेत है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि कमजोरी मृत्यु है।'  इस ट्वीट को उनके ही विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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खेमका ने यह भी लिखा कि बलवान को हमेशा कमजोर की रक्षा करनी चाहिए। चरित्र की शक्ति कानून का पालन करने में होती है, न कि उसे तोड़ने में। खेमका ने यह भी याद दिलाया कि उन्होंने पब्लिक सर्विस में भर्ती होने के समय कसम ली थी कि वह संविधान के प्रति वफादार रहेंगे और सभी उत्तरदायित्वों को निभाते हुए बिना किसी डर के अपनी सेवाएं देंगे।

खेमका का आरोप है कि मंत्री ने गलत तरीके से विभाग की जीप का न केवल सालभर तक दुरुपयोग किया, बल्कि इसके लिए कोई मंजूरी लेना भी गवारा नहीं समझा। खेमका जिस जीप की बात कर रहे हैं, वह अंबाला के जिला समाज कल्याण विभाग की है। बताया जाता है कि बेदी ने यह जीप पिछले साल 29 सितंबर को मांगी थी। जब जिला अधिकारियों के कहने पर उन्होंने जीप नहीं लौटाई तो मामले को विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका के पास भेजा गया। सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग से खफा खेमका ने मंत्री को न सिर्फ जीप लौटाने के लिए कह दिया, बल्कि उन दो कारों का भी हवाला दिया, जो उन्हें अधिकृत रूप से सरकार की तरफ से दी गई हैं। एक मामले में खेमका और मंत्री में पत्राचार भी हुआ था।

वहीं, मंत्री का दावा है कि दो दिन पहले ही विभागीय वाहन को लौटा दिया गया है। इस पर खेमका ने साफ कर दिया कि जीप को विभाग को लौटाने से पहले सालभर उसके इस्तेमाल में जो खर्च आया, उसकी मंजूरी भी ले लें। मालूम हो कि अब तक अशोक खेमका ने अनियमितताओं से जुड़े जितने भी मामले उठाए हैं, उसको लेकर तत्कालीन सरकारें उनके खिलाफ ही कार्रवाई करती रही हैं। खेमका प्रदीप कासनी के बाद हरियाणा के दूसरे बड़े आइएएस अधिकारी हैं, जिनका सबसे ज्यादा बार तबादला किया गया।

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