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करनाल लाठीचार्ज के साथ ही किसान संगठनों के आंदोलन की भी जांच करेगा जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग

Farmers Agitation Agitation हरियाणा सरकार द्वारा गठित जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग करनाल लाठीचार्ज माामले के साथ ही किसान संगठनों के आंदोलन की भी जांच करेगा। आयोग के अध्‍यक्ष ने आयोग का कार्यकाल तीन माह बढ़ाने के लिए हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 08:30 AM (IST)
करनाल लाठीचार्ज के साथ ही किसान संगठनों के आंदोलन की भी जांच करेगा जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग
जांच आयोग के अध्‍यक्ष जस्टिस एसएन अग्रवाल की फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Farmers Protest: हरियाणा सरकार द्वारा गठित जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग करनाल के बस्ताड़ा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज तथा किसान संगठनों के आंदोलन की अलग-अलग जांच करेगा। दोनों जांच साथ-साथ चलेंगी। बस्ताडा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज तथा आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के वायरल वीडियो की जांच तीन माह में पूरी होने की संभावना है, जबकि किसान संगठनों का आंदोलन शुरू होने के हालात की जांच में छह माह लग सकते हैं।

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आयोग का कार्यकाल तीन माह बढ़ाने के लिए पत्र लिखा, 25 से 29 अक्टूबर तक रोज छह-छह गवाही 

जस्टिस एसएन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार से आयोग का कार्यकाल फिलहाल तीन माह तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। इसके लिए आयोग के चेयरमैन ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी है। जस्टिस एसएन अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रदेश सरकार ने बस्ताडा टोल प्लाजा पर हुए लाठीचार्ज की जांच करने के लिए 25 सितंबर को एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था, लेकिन आयोग के चेयरमैन ने 11 अक्टूबर को कामकाज संभाला था।

गुरनाम चढूनी, राजेवाल, डीसी, एसपी व आइएएस आयुष सिन्हा के साथ पत्रकारों के बयान भी होंगे दर्ज

आयोग को आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के उस वायरल वीडियो की भी जांच करनी है, जिसमें वह पुलिस कर्मियों को आंदोलनकारियों के सिर फोड़ देने का आदेश देते सुनाई दे रहे हैं। प्रदेश सरकार का दावा है कि आंदोलन स्थल और इस वीडियो स्थल का आपस में कोई कनेक्शन नहीं हैं तथा दोनों स्थान एक दूसरे से काफी दूर हैं।

पहली जांच तीन माह में पूरी होगी, आंदोलन की तह में जाने के लिए छह माह का लग सकता है आयोग को

आंदोलनकारियों द्वारा किए गए लंबे आंदोलन के बाद प्रदेश सरकार इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने को तैयार हुई थी तथा आयुष सिन्हा को करनाल के एसडीएम पद से हटाकर मुख्यालय पर अटैच कर दिया गया था। जस्टिस एसएन अग्रवाल कार्यभार संभालते ही करनाल पहुंच गए थे। जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से बातचीत के बाद जस्टिस अग्रवाल ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में अपना दफ्तर बनाते हुए गवाहों को 25 से 29 अक्टूबर तक तलब कर लिया था। आयोग को पंचकूला के सेक्टर 14 स्थित मकान नंबर 209 में दफ्तर मिल गया है, जहां से मुख्य कार्य संचालित होगा। गवाहियां करनाल के रेस्ट हाउस में ही कराई जाएंगी।

पहले प्रत्यक्षदर्शी आंदोलनकारियों की होगी गवाही

जस्टिस एसएन अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल उन्हीं आंदोलनकारियों की गवाही होंगी, जो आंदोलन के समय प्रत्यक्षदर्शी हैं। इनमें गुरनाम सिंह चढूनी और राजेवाल सरीखे किसान संगठनों के नेता भी शामिल हैं। हर रोज कम से कम छह-छह गवाहियां कराई जाएंगी। गवाहों की संख्या बढ़ भी सकती है। इसके बाद आम लोगों को गवाही के लिए बुलाया जाएगा। फिर जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। मौके की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के बयान दर्ज करने का भी आयोग का इरादा है।

अभी तक आयोग के पास नहीं पहुंचा आयुष सिन्हा का वायरल वीडियो

जस्टिस अग्रवाल के पास अभी तक उनके पास आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा का वायरल वीडियो नहीं पहुंचा है। यदि कोई गवाह उपलब्ध कराएगा तो उसे जांच प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी गवाहों को गवाही के लिए नोटिस भिजवा दिए गए हैं। जस्टिस अग्रवाल ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार चाहती है कि करनाल के बस्ताडा टोल प्लाजा पर हुए आंदोलन, लाठीचार्ज व वायरल वीडियो की तो जांच की ही जाए, साथ ही इस बात की तह में भी पहुंचा जाए कि आखिर किन परिस्थितियों में किसान संगठनों के लोगों को करनाल में इकट्ठा होना पड़ा।

इसका मतलब यह हुआ कि सरकार जानना चाहती है कि आंदोलनकारी किस चीज से प्रेरित होकर करनाल में इकट्ठा हुए। उन्होंने बताया कि करनाल प्रकरण की अलग फाइंडिंग (रिपोर्ट) सरकार को सौंपी जाएगी और आंदोलन कैसे शुरू हुआ, इसकी अलग जांच होगी। यदि जरूरत पड़ी तो तीन माह के बाद आयोग का कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध दोबारा फिर प्रदेश सरकार से किया जाएगा। जस्टिस अग्रवाल ने बताया कि पंचकूला में उनके कार्यालय में तमाम स्टाफ और सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा सरकार ने दिलाया है।


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