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हरियाणा में जाटों का आंदाेलन फिर शुरू, इस बार तरीका बदला, सीएम व वित्‍तमंत्री निशाने पर

जाटों ने फिर आंदाेलन शुरू कर दिया है। उन्‍होंंने आंदोलन का तरीका बदल दिया है। वे नौ जिलों में सीएम मनोहरलाल व वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु के कार्यक्रमों का विरेाध करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 02:55 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 08:48 PM (IST)
हरियाणा में जाटों का आंदाेलन फिर शुरू, इस बार तरीका बदला, सीएम व वित्‍तमंत्री निशाने पर
हरियाणा में जाटों का आंदाेलन फिर शुरू, इस बार तरीका बदला, सीएम व वित्‍तमंत्री निशाने पर

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाटाें ने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने इस बार आंदोलन प्रदेश के नौ जिलों में आंदोलन शुरू किया है। इनमें रोहतक, कैथल, हिसार जिले भी शामिल हैं। जाटों ने इस बार आंदोलन का तरीका बदला है। वे इन जिलों में मुख्‍यमंत्री मनाेहर लाल और राज्‍य के वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु के कार्यक्रमों का बहिष्‍कार करेंगे। इस बार आंदाेलन से शहरी क्षेत्रों को मुक्‍त रखा गया है। अांदोलन ग्रामीण क्षेत्राें में ही चलेगा।

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अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की 12 अगस्‍त को राेहतक के जसिया में हुई रैली में आंदोलन 16 अगस्‍त से शुरू करने का ऐलान किया गया था। समिति के पदाधिकारियों ने आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर गुपचुप तरीके से बैठक की। पदाधिकारियों ने ऐलान किया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वित मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का उनके विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर किसी भी गांव में पहुंचने पर विरोध किया जाएगा। विरोध करने के तरीके पर पदाधिकारी चुप्पी साधे हैं और कोडवर्ड से आंदोलन चलाने की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ, प्रशासन चौकन्ना है। डीजीपी बीएस संधू के आदेश के बाद एसपी ने सभी पदाधिकारियों की बैठक लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। गांव में गठित की गई शांति कमेटियों की बैठक भी ली जा रही हैं।

हिसार में प्रशासन जाट नेताओं को बुलाकर की बातचीत, शांति बनाए रखने को कहा

हिसार में बृहस्पतिवार को उपायुक्त अशोक कुमार मीणा व एसपी के साथ जाट नेताओं की बैठक हुई। इसमें खिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं को अधिकारियों ने समन्‍वय बनाने और शांति व सौहार्द कायम रखने को कहा। जाअ नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन शाुतिपूर्ण रहेगा। समिति के सदस्यों को प्रशासन की तरफ से बातचीत के लिए बुलाया गया था। बातचीत में अधिकारियों ने आंदोलन के दौरान शांति व कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

हिसार में बृहस्‍पतिवार को प्रशासन के साथ बैठक के बाद लघु सचिवालय से बाहर आते जाट नेता।

समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामभगत मलिक ने कहा कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की गई। इस लिए उनको आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है। आरक्षण देने के अलावा युवाओं को जेल से रिहा करने की मांग को सुना नहीं गया। समिति ने इसी का विरोध करते हुए प्रदेश के नौ जिलों में गांव के स्तर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का विरोध करने का ऐलान किया था। प्रशासन उनसे बातचीत कर रहा है। उन्‍हाेंने कहा कि यदि प्रशासन ने कोई ज्‍यादत‍ी या उकसाने वाली कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।

यह भी पढ़ें: मनोहरलाल सरकार की एक अौर परीक्षा, जाटों ने नौ जिलों में शुरू किया आंदोलन

बता दें कि 12 अगस्‍त को जसिया में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने भाईचारा रैली में आंदोलन का ऐलान किया का। समिति के अध्‍यक्ष यशपाल मलिक ने कहा था कि 16 अगस्‍त से मुख्यमंत्री मनाेहरलाल और वित्तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु के कार्यक्रमों का गांव और कस्बों में बहिष्कार किया जाएगा। पहले चरण में रोहतक और सोनीपत सहित नौ जिलों में सीएम और वित्‍तमंत्री के कार्यक्रमों का बहिष्‍कार किया जाएगा।

उधर, जाटों के आंदोलन शुरू करने से हरियाणा की मनोहरलाल सरकार के लिए परेशानी खड़ी हाे गई है। अांदोलन के मद्देनजर राज्‍यभर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पुलिस मुस्‍तैद हाे गई। अब मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल और राज्‍य के वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु के कार्यक्रमाें के दौरान सुरक्षा और कड़ी की जाएगी।

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