हरियाणा में जाट आरक्षण संघर्ष समिति दोफाड़, अशोक बल्हारा ने छोड़ा यशपाल मलिक का साथ
हरियाणा में जाट आरक्षण संघर्ष समिटी में फूट पड़ गई है। यशपाल महिला आरक्षण आंदोलन के पक्ष में हैं जबकि अशोक बल्हारा ने आंदोलन के लिए इस समय को वाजिब नहीं बताते हुए सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन के बीच अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति में फूट पड़ गई है। समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक जहां सभी प्रदेशों में जाट आरक्षण की अपनी पुरानी मांग पूरी कराने के लिए आंदोलन चलाना चाह रहे हैं, वहीं समिति के राष्टीय महासचिव व हरियाणा के प्रभारी अशोक बल्हारा ने आंदोलन के लिए इस समय को वाजिब नहीं बताते हुए सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है।
चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए अशोक बल्हारा ने कहा कि जाटों को आरक्षण दिलाने से ज्यादा चिंता यशपाल मलिक को सरकार के इशारे पर आंदोलन चलाने की है। वह मौजूदा किसान संगठनों के आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं। यशपाल मलिक की अध्यक्षता में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में जाट आरक्षण की मांग पूरी करवाने के लिए फिर से आंदोलन छेड़ने का फैसला हुआ है। हमने उन्हें सुझाव दिया था कि जाट आरक्षण का मुद्दा किसान संगठनों के आंदोलन के बाद उठाया जाना चाहिए, लेकिन यशपाल मलिक और उनके समर्थक इस सुझाव को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए उन्होंने खुद को समिति से अलग कर लिया है।
बल्हारा ने आरोप जड़ा कि यशपाल मलिक राजनीतिक दलों के इशारे पर काम कर रहे
अशोक बल्हारा ने आरोप जड़ा कि यशपाल मलिक राजनीतिक दलों के इशारे पर काम कर रहे हैं। हम हरियाणा में उनका यह एजेंडा कामयाब नहीं होने देंगे। बता दें कि पिछली हुड्डा सरकार और भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी यशपाल मलिक ने जाट आरक्षण के लिए बड़ा आंदोलन किया था। अशोक बल्हारा का कहना है कि इस समय आंदोलन करने का मतलब साफ है कि आप राजनीतिक दलों के इशारे पर उनका एजेंडा लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं।
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