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हरियाणा में जाटों को आरक्षण की राह आसान नहीं, पिछड़ा वर्ग आयाेग के सर्वे पर नजर

हरियाणा में जाटों को आरक्षण मिलना इतना आसान नहीं नजर आ रहा है। सरकारी विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों का जातिगत आंकड़ा सामने आने के बाद यह मुश्किल लग रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 02:01 PM (IST)Updated: Fri, 22 Sep 2017 07:13 PM (IST)
हरियाणा में जाटों को आरक्षण की राह आसान नहीं, पिछड़ा वर्ग आयाेग के सर्वे पर नजर
हरियाणा में जाटों को आरक्षण की राह आसान नहीं, पिछड़ा वर्ग आयाेग के सर्वे पर नजर

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों समेत छह जातियों को मिलने वाले आरक्षण की राह आसान नहीं नजर आ रही है। प्रदेश के सरकारी विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों का जातिगत आंकड़ा सामने आने के बाद जाटों को उनकी अपेक्षा के अनुरूप आरक्षण मिल पाएगा, इसकी संभावना बेहद कम है।

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सरकारी विभागों में जुटाए जा रहे आंकड़े में जाट अधिक मिले तो पिछड़ा वर्ग आयोग की निगाह होगी टेढ़ी

बता दें कि हुड्डा सरकार ने जाट, जाट सिख, रोड, त्यागी, बिश्नोई और मूला जाट को विशेष पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ठोस आधार नहीं मानते हुए इसे खारिज कर दिया। इसके बाद प्रदेश भर में दो बार हुए आंदोलन के बाद मनोहर सरकार ने विशेष पिछड़ा वर्ग की सी श्रेणी में सभी छह जातियों को 10 फीसद आरक्षण दिया। बाद में हाईकोर्ट ने केसी गुप्ता आयोग की उस रिपोर्ट को आरक्षण देने का आधार मानने से इन्‍कार कर दिया। गुप्‍ता आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है।

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अब हाईकोर्ट ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से कहा है कि वह हरियाणा सरकार के नए सर्वे के आधार पर आरक्षण का फीसद तय करे। इसलिए प्रदेश सरकार ने सभी विभागों से कर्मचारियों व अधिकारियों का जातिगत आंकड़ा इकट्ठा कर रही है। यह 10 अक्टूबर तक इकट्ठा होगा और  30 नवंबर तक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की वेबसाइट पर अपलोड होगा।

इस डाटा पर आपत्तियां 31 दिसंबर तक ली जाएंगी। फिर आयोग 31 मार्च 2018 तक अपनी रिपोर्ट सौंपकर बताएगा कि ऐसी कौनसी जातियां हैं, जिन्हें आरक्षण मिलना चाहिए और कितना मिलना चाहिए। यदि जाट समुदाय का फीसद अधिक पाया गया तो आयोग उन्हें पिछड़ों की श्रेणी में मानेगा भी या नहीं, इस पर संशय है।

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हरियाणा में उच्च पदों पर जाति विशेष के अफसरों का दबदबा

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे केस में हवाला दिया गया था कि हरियाणा में 39 फीसद आइएएस, 37  फीसद आइपीएस, 42  फीसद एचसीएस एग्जीक्यूटिव, 37  फीसद एचपीएस, 62  फीसद आइएफएस तथा फूड सप्लाई विभाग में 30  फीसद पदों पर जाट समुदाय के लोग काबिज हैं। हालांकि हरियाणा सरकार ने इन आंकड़ों से किनारा करते हुए कोर्ट में कहा था कि ऐसी कोई सूचना सरकार की वेबसाइट पर नहीं है।

हरियाणा में प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में आरक्षण

वर्ग    -                             अब    -           पहले  

बीसी ए -                       11  फीसद -    10  फीसद
बीसी बी -                      06  फीसद -    05  फीसद
बीसी सी (नई कैटेगरी) -   06  फीसद -    कुछ नहीं 
आर्थिक रूप से कमजोर -   07  फीसद -   05  फीसद
अनुसूचित जाति -           20  फीसद -     20  फीसद
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कुल -                           50  फीसद -       40  फीसद

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तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण

     वर्ग    -                         अब    -           पहले 

बीसी ए -                        16  फीसद -      16  फीसद
बीसी बी -                       11  फीसद -       11  फीसद
बीसी सी (नई कैटेगरी) -    10  फीसद -      कुछ नहीं 
आर्थिक रूप से कमजोर -   10  फीसद -     10  फीसद
अनुसूचित जाति -            20  फीसद -      20  फीसद
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कुल -                             67  फीसद -      57  फीसद

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