Move to Jagran APP

अद्भूत होगा 21 जून को नजारा, कंगन बन जाएगा सूर्य, जानें इस बार सूर्यग्रहण में क्‍या है खासियत

21 जून को अद्भूत नजारा होगा। दिन में पूरी तरह रात का नजारा हो जाएगा। इस बार सूर्यग्रहण बेहद खास होगा और 25 साल ऐसा नजारा दिखेगा। सूर्य कंगन सा नजर आएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 04:59 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 04:59 PM (IST)
अद्भूत होगा 21 जून को नजारा, कंगन बन जाएगा सूर्य, जानें इस बार सूर्यग्रहण में क्‍या है खासियत
अद्भूत होगा 21 जून को नजारा, कंगन बन जाएगा सूर्य, जानें इस बार सूर्यग्रहण में क्‍या है खासियत

चंडीगढ़ए जेएनएन। कोरोना काल में 21 जून रविवार को लगने वाला इस बार का सूर्य ग्रहण कुछ अलग होगा। इस सूर्यग्रहण के बाद मौजूदा वर्ष के अंत में एक और सूर्य ग्रहण लगने वाला है। 21 जून को कुछ जगहों पर सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य का सिर्फ एक प्रतिशत भाग ही दिखाई देगा। इस बार ग्रहण पर अद्भूत नजारा होगा और सूर्य की आकृति कंगन जैसी हाेगी। इसके साथ ही ज्‍या‍ेति‍षीय दृष्टि से भी इस ग्रहण को विशेष हाेगा।

loksabha election banner

भारत समेत पाकिस्तान, चीन, मध्‍य अफ्रीका के देश, इथोपिया, नॉर्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और यूरोप के अलग-अलग देशों में सूर्यग्रहण का कुछ अंश दिखाई देगा। ग्रहण के दौरान सूर्य वलयाकार दिखेगा।  सूर्य किसी चमकीले छल्ले की तरह नजर आएगा और बाद में कंगन की आकृति ले लेगा।

पहली बार धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में नहीं होगा सूर्यग्रहण पर कोई आयोजन

आजाद देश में ऐसा पहली बार होगा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में इस बार सूर्यग्रहण का मेला नहीं लगेगा और पवित्र ब्रह्म सरोवरऔर सन्निहित सरोवरों में ग्रहण स्‍नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम नजर नहीं आएगा। इसका कोरोना महामारी है। हरियाणा सरकार को लगता है कि यदि सूर्यग्रहण के मेले की इजाजत दी गई और लोग स्नान के लिए इकट्ठा हुए तो कोरोना का फैलाव हो सकता है। लिहाजा इससे बचने के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं को अपने-अपने घरों में रहकर ही पूजा आराधना करने की सलाह दी है। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक यह सूर्यग्रहण कोरोना पर विजय अभियान की शुरूआत है।

तीन घंटे की रहेगी इस बार के सूर्यग्रहण की अवधि

कुरुक्षेत्र के गायत्री ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के संचालक डा. रामराज कौशिक के अनुसार  इस बार सूर्यग्रहण बेहद खास होगा। मंगल के मृगशिरा नक्षत्र में छह वक्री ग्रहों के साथ इस बार का सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। हाल ही में 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था। इसके बाद लग रहा सूर्यग्रहण धार्मिक दृष्टि से महत्ववपूर्ण है, क्योंकि यह चंद्र ग्रहण के मात्र 16 दिन बाद लग रहा है यानि हिंदू काल गणना के मान से एक पाक्षिक (15 दिन) की अवधि पूरी होने पर लगेगा। दूसरा यह ग्रहण कंकणाकृति का होगा एवं भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा। पिछले चंद्र ग्रहण में सूतक मान्य नहीं था, लेकिन सूर्य ग्रहण में सूतक का काल मान्य होगा। इसकी अवधि 12 घंटे पहले से लग जाएगी।

पिछले साल के आखिरी सप्ताह और इस साल के पहले सप्ताह में ग्रहण का संयोग था। पहले सूर्य ग्रहण उसके बाद चंद्र ग्रहण लगा था। अब इस बार पहले चंद्र ग्रहण लगा है और उसके बाद सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद  5 जुलाई को एक बार फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा।

डा. रामराज के अनुसार सूर्य ग्रहण का आरंभ 21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर तीन  बजकर 4 मिनट तक रहेगा। इस दौरान सूर्य वलयाकार दिखेगा। इसका सूतक 20 जून की रात नौ बजे से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्य 12 बजकर 29 मिनट दोपहर पर होगा। इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि तीन घंटे की रहेगी।

डा. रामराज ने बताया कि 21 जून को कुछ जगहों पर सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य का सिर्फ एक प्रतिशत भाग ही दिखाई देगा। यह सूर्यग्रहण 25 साल पहले घटित हुए 24 अक्टूबर 1995 के ग्रहण की याद दिलाएगा। उस दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण के चलते दिन में ही अंधेरा छा गया था। पक्षी घोंसलों में लौट आए थे। हवा ठंडी हो गई थी। कंकणाकृति के ग्रहण के समय सूर्य किसी कंगन की भांति नजऱ आता है। इसलिए इसे कंकणाकृति ग्रहण कहा जाता है। पिछली बार वर्ष 1995 के पूर्ण ग्रहण के समय ऐसा हुआ था।

सूर्य के वलय पर दिखेगा चांद का पूरा आकार

ज्योतिष अनुसंधान संस्थान के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताया कि 21 जून को सूर्य के वलय पर चंद्रमा का पूरा आकार नजर आएगा। सूर्य के केंद्र का भाग पूरा काला नजर आने वाला है, जबकि किनारों पर चमक रहेगी। इस तरह के सूर्य ग्रहण को पूरे विश्व में कहीं-कहीं ही देखा जा सकता है और अधिकतर जगह लोगों को आंशिक ग्रहण नजर आता है। जब भी सूर्य ग्रहण होता है, दो चंद्र ग्रहण के साथ होता है। इसमें या तो दोनों चंद्रग्रहण उससे पहले होते हैं अथवा एक चंद्रग्रहण सूर्य ग्रहण से पहले एवं दूसरा सूर्यग्रहण के बाद दिखाई देता है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।

ज्‍योतिष गणना- कोरोना पर अंकुश संभव, लेकिन प्राकृतिक आपदा भी होगी

डा. रामराज के अनुसार 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि मंगल के मृगशिरा नक्षत्र मेेंं लगेगा। इस ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा, जो कि ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लगेगा। सूर्य ग्रहण के दिन 6 ग्रह वक्री होंगे जो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं कहे जा सकते। हालांकि कंकणाकृति होने का अर्थ यह है कि इससे कोरोना का रोग नियंत्रण में आना शुरू हो जाएगा, लेकिन अन्य  मामलों में यह ग्रहण बहुत अच्छा प्रतीत नहीं हो रहा है। उतर भारत के दिल्ली, गुरुग्राम, कांगड़ा और हरिद्वार क्षेत्र में भूकंप, बरसात तथा आसमानी बिजली गिरने से जान माल का नुकसान संभव है।

यह भी पढ़ें: मेटीरियल केमेस्ट्री विज्ञानी का बड़ा दावा- चुटकी भर मीठा सोडा कर सकता है कोरोना का इलाज

यह भी पढ़ें: गिरफ्तार आतंकियाें का खुलासा- कश्मीर में आत्मघाती हमले की तैयारी में लश्‍कर जुटा रहा हथियार

यह भी पढ़ें: हरियाणा के आइपीएस अफसरों को सुशांत के सुसाइड पर शक, प्रदेश में ADGP हैं उनके जीजा

यह भी पढ़ें: हरियाणा पछाड़ेगा पंंजाब को, गायों पर बड़ा प्रयोग हुआ सफल और अब बहेगी दूध की धारा


यह भी पढ़ें: प्रणब दा, तुस्सी ग्रेट हो, गोद लिए गांवों की चमका रहे किस्मत, फाइव एच के मंत्र से बदली तस्‍वीर

यह भी पढ़ें: Rohtak PGI ने पूर्व महिला उपराज्‍यपाल को जनरल वार्ड में रखा, निजी अस्‍पताल में मिला इलाज

यह भी पढ़ें: पिता ने 10वीं में फेल होने पर डांटा तो घर से भागे,कई रात भूखे सोए, आज तीन देशों में है कारोबार

यह भी पढ़ें: कोरोना संकट में किसान काे खूब रास आ रही अफ्रीकन तुलसी की खेती, जानें इसकी खूबियां

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.