लोकसभा में गूंजा एनजीटी के ट्रैक्टर पर पाबंदी का मुद्दा, दुष्यंत चौटाला ने उठाया मामला
सांसद दुष्यंत चौटाला ने एनजीटी द्वारा एनसीआर में 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर पाबंदी लगाने का मामला लोकसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि इससे लाखों किसान प्रभावित हुए हैं।
नई दिल्ली/चंडीगढ़, जेएनएन। कृषि कार्यों में उपयोग किए जाने वाला ट्रैक्टर पर एनसीआर में पाबंदी लगा दी गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 1व साल या अधिक पुराने ट्रैक्टरों के एनसीअार में इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह मामला खेत-खलिहानों से निकल कर एक बार फिर लोकसभा में पहुंच गया है। हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को लोकसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है। यह पाबंदी तुरंत हटाई जाए।
बता दें कि सांसद दुष्यंत चौटाला ने ट्रैक्टर को व्यावसायिक वाहनों की श्रेणी से हटाने के लिए भी लोकसभा में आवाज उठाई थी। मंगलवार को उन्होंने केंद्र सरकार से 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लगाई गई पांबदी को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस पाबंदी को हटाकर लाखों किसानों को राहत दी जाए। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एनसीआर में 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टरों के उपयोग में लाए जाने पर पूर्ण रूप से पांबदी लगा दी है।
एनसीआर में ट्रैक्टर पर लगाई गई है पाबंदी, हरियाणा के 14 जिलों के लाखों किसान हो रहे हैं प्रभावित
इससे पहले केंद्र सरकार ने ट्रैक्टर को वाणिज्य वाहनों की श्रेणी में शामिल कर दिया था जिसका विरोध करते हुए सांसद दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर लेकर लोकसभा में पहुंचे थे। इसके बाद सरकार को यह फैसला वापस ले लिया था।
जननायक जनता पार्टी नेता व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एनसीआर ट्रैक्टर पर लगाई गई पांबदी किसानों के खिलाफ उठाया गया कदम है। दुष्यंत ने नियम 377 के तहत इस मामले को लोकसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर किसानों एक प्रमुख कृषि उपकरण है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सहित अन्य राज्यों के किसान अपनी उपज के पूरे दाम न मिलने, खेती की बढ़ती लागतों और बर्बाद हुई फसलों के लिए पर्याप्त मुआजवे का प्रावधान न होने के चलते भारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में एनजीटी द्वारा एनसीआर में 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टर को प्रतिबंधित करने से किसान की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अधिकतर किसान बैंक से कर्ज लेकर कृषि उपज बढ़ाने के लिए ट्रैक्टर खरीदते हैं। यदि यह ट्रैक्टर 10 वर्ष बाद में उपयोग करने लायक नहीं रहेगा तो, कर्ज लेकर किए गए लाखों रूपये के निवेश पर पानी फिर जाएगा और पहले से आर्थिक तंगी की मार झेल रहे किसान की हालत बदतर स्थिति तक पहुंच सकती है।
दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा के 22 जिलों में से 14 जिले एनसीआर की श्रेणी में आते हैं यानि कि आधे से अधिक हरियाणा एनसीआर में है। एनसीओर में लाखों किसान ऐसे हैं जिनके पास दस वर्ष से पुराना ट्रैक्टर है और वे नया ट्रैक्टर खरीदने की हालत में नहीं है। उन्होंने कहा कि एनजीटी के इस फैसले से हरियाणा के 14 जिलों के लाखों किसान प्रभावित होंगे।