Move to Jagran APP

सूखे खेत सींचने का प्रोजेक्ट तैयार, बूंद-बूंद का होगा इस्तेमाल

हरियाणा ने हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए छह वर्षों का रोडमैप बनाया है। इस पर 17,364 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें दक्षिण के जिलों को ज्यादा तरजीह दी गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 08:42 PM (IST)
सूखे खेत सींचने का प्रोजेक्ट तैयार, बूंद-बूंद का होगा इस्तेमाल
सूखे खेत सींचने का प्रोजेक्ट तैयार, बूंद-बूंद का होगा इस्तेमाल

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। हरियाणा ने हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए छह वर्षों का रोडमैप बनाया है। सूक्ष्म सिंचाई की तकनीक और अन्य जल सिंचाई प्रणालियों में सुधार के साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के जरिये किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक पानी दिलाया जाएगा। अकेले प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ही करीब 17,364 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें दक्षिण के जिलों को ज्यादा तरजीह मिली है। राज्यस्तरीय संस्तुति समिति (एसएलएससी) भी इस बजट राशि का अनुमोदन कर चुकी।

loksabha election banner

हरियाणा को हर साल 32.76 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) पानी की जरूरत पड़ती है, जबकि मिलता है सिर्फ 20.73 एमएएफ। इसमें से 9.45 एमएएफ पानी कैनाल और 11.28 एमएएफ भूमि से मिल रहा है। 12 एमएएफ पानी की कमी से जूझते प्रदेश में भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से 117 ब्लॉकों में से 64 डार्क जोन में आ गए हैं। तीन दशक मेंं ट्यूबवेलों की संख्या भी 25 हजार से बढ़कर नौ लाख पहुंच गई।

यही वजह है कि 1980 में आठ मीटर पर मिलने वाला भूमिगत जल अब 17 से 18 मीटर नीचे पहुंच गया है। इसके मद्देनजर सरकार ने छह साल की कार्ययोजना बनाई है, ताकि भू-जल के दोहन में कमी लाते हुए किसानों को जरूरत के मुताबिक पानी दिलाया जा सके। विभिन्न योजनाओं के लिए जिलावार अलग-अलग मद में पैसा आवंटित किया गया है जिससे कि बजट की कमी आड़े न आए।

डार्क जोन के जिलों पर अधिक फोकस

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत डार्क जोन के सात जिलों पर अधिक फोकस किया गया है। सबसे ज्यादा भिवानी में 2,445 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं हिसार में 1,981 करोड़, करनाल में 1,370, सिरसा में 1,211, यमुनानगर में 1,178, जींद में 1,073 और महेंद्रगढ़ में 1,031 करोड़ रुपये खर्च कर किसानों को जरूरत का पानी दिलाया जाएगा। इसके अलावा पंचकूला को सबसे कम 146 करोड़ और फरीदाबाद को 148 करोड़ रुपये मिले हैं।

पांच योजनाओं पर एक साथ काम

क्रम संख्या मद कुल बजट (रुपये करोड़ में)
1 त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम 5707.07
2 हर खेत को पानी 7912.61
3 प्रति बूंद अधिक फसल 1480.39
4 पनधारा विकास 1875.91
5 मनरेगा के साथ रूपांतरण 3879.63
कुल

17363.96

किसानों को सिखाएंगे बूंद-बूंद का इस्तेमाल : धनखड़

कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के मुताबिक हरियाणा में पानी के सीमित स्रोत हैं। इसलिए हर बूंद का सदुपयोग होना चाहिए। कुदरती पानी का संरक्षण करने के लिए सभी तालाबों की सफाई कराई जाएगी। लीकेज और सीपेज को रोककर कैरियर चैनल दुरुस्त किए जा रहे हैं।

एसटीपी से पानी रिसाइकल होगा तो वाटर हारवेस्टिंग को प्रमोट कर पानी को बचाने की कोशिश होगी। चूंकि सबसे ज्यादा पानी की खपत खेती में होती है। इसलिए किसानों को फसलों की सही सिंचाई का तरीका सिखाने पर फोकस किया है। ग्रांउड वाटर प्रबंधन प्रणाली और कम्युनिटी ट्यूबवेल सिस्टम इस दिशा में कारगर हो सकता है। फसलों के विविधिकरण पर जाकर कम पानी के उपयोग वाली फसलों को अपनाना होगा।

यह भी पढ़ेंः नए मोबाइल के शौक में इंजीनियर ने की गजब की हेराफेरी, ऐसे पकड़ा गया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.