धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 32 वर्ष पहले आरंभ अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का प्रकाश लंदन के बाद कनाडा में भी फैलने लगा
कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (बाएं से तीसरे) मुख्यमंत्री मनोहर लाल (बाएं से दूसरे) गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज (सबसे बाएं) और राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय (सबसे दाएं)। जागरण आर्काइव
पंचकूला,अनुराग अग्रवाल। हिंदू धर्म में चार वेद हैं और इन चारों का सार गीता में है। यही कारण है कि गीता को हिंदुओं का सर्वमान्य धर्मग्रंथ माना गया है। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध के दौरान जब अर्जुन ने युद्ध करने से मना कर दिया था, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें कर्म व धर्म के ज्ञान से अवगत कराते हुए युद्ध के लिए तैयार किया। उस समय भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए, वह भागवत गीता के नाम से प्रसिद्ध हुए। गीता में भक्ति, ज्ञान और कर्म से जुड़ी कई ऐसे बातें हैं, जो मनुष्य के लिए हर युग में महत्वपूर्ण हैं।
गीता का मुख्य ज्ञान श्रेष्ठ मानव बनना, ईश्वर को समझना और मोक्ष की प्राप्ति है। ऐसी गीता का अवतरण हरियाणा की धरा कुरुक्षेत्र पर हुआ है, जिसे राज्य सरकार ने देश-विदेश में पहचान दिलाने की सफल पहल की है। धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 32 वर्ष पहले आरंभ अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का प्रकाश अब विदेश की धरती पर भी फैलने लगा है। समग्र विश्व धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र से जुड़ता जा रहा है।
प्रदेश सरकार का भी प्रयास है कि कुरुक्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि विश्व भर के कृष्णप्रेमी और पर्यटक यहां आकर न केवल धर्मलाभ उठाएं, बल्कि वह स्थान भी देखें, जहां श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस कड़ी में केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से बन रहा श्रीकृष्ण सर्किट महत्वपूर्ण होगा, जिसमें कुरुक्षेत्र के 48 कोस के दायरे में आने वाले तमाम तीर्थों को विकसित किया जाना है। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव कनाडा के प्रमुख शहर टोरंटो में मनाया जा रहा है। वहां 16 से 19 सितंबर तक गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश की 104 धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं गीता के उपदेशों पर मंथन करेंगी।
यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों की देन है कि गीता जयंती महोत्सव का विस्तार कुरुक्षेत्र, हरियाणा और भारत से बाहर निकलकर विदेश तक हो रहा है। पहली बार 2019 में मारीशस और लंदन में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित किया गया था। वर्ष 2020 में आस्ट्रेलिया में यह कार्यक्रम प्रस्तावित था, परंतु कोविड के कारण 15 मार्च 2020 को अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानों के बंद होने से इसे स्थगित करना पड़ा था। अब कनाडा में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के आयोजन को लेकर तमाम धर्माचार्य और समाजसेवी उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा की धरती से जुड़े संत स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के हाथों में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की बागडोर सौंपी है।
देश दुनिया में फैले अपने अनुयायियों के बूते स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज विदेश की धरती पर पहली बार एकसाथ इतनी संस्थाओं को एक मंच पर लाने में कामयाब होंगे। आयोजन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी रहेगा कि सेमिनार के साथ-साथ गीता और कुरुक्षेत्र के 48 कोस के धार्मिक महत्व को पूरी दुनिया तक प्रदर्शनी के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। हरियाणा सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में शहरी निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल कनाडा भेजा है।
समारोह में कनाडा समेत विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीय खासकर हरियाणा मूल के लोगों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के स्वरूप को व्यापक बनाने में मुख्यमंत्री के प्रयासों को गति प्रदान कर सकें। हरियाणा के लिए यह गर्व की बात है कि 19 सितंबर को ब्रैंपटन सिटी ओंटोरियो में स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज 3.75 एकड़ भूमि में गीता पार्क की नींव रखने वाले हैं। इस गीता पार्क में कुरुक्षेत्र की तर्ज पर भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन की प्रतिमाओं की स्थापना होगी, जो कुरुक्षेत्र के रण का अहसास कराएगी और साथ ही भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता के संदेश का प्रचार-प्रसार करेगी।
गीता जयंती महोत्सव का आरंभ 16 सितंबर को पार्लियामेंट हिल ओटावा से होगा। वह क्षण बेहद गर्व करने वाला होगा, जब कनाडा के ओंटोरियो प्रदेश की पार्लियामेंट में गीता की स्थापना की जाएगी। यहां पर गीता की पूजा का क्षण हमारे लिए बहुत ही गर्व का विषय होगा और भारतीय सनातन संस्कृति को दुनिया भर में स्थापित करने वाला होगा। कनाडा में हो रहे अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज की अगुवाई में कनाडा पहुंच चुका है।
ज्ञानानंद महाराज मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संपर्क में हैं और उनसे हर तरह की चर्चा कर कार्यक्रमों को गति प्रदान कर रहे हैं। इस आयोजन के बाद कुरुक्षेत्र में 19 नवंबर से चार दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जबकि 29 नवंबर से चार दिसंबर तक यह राज्य में व्यापक स्वरूप प्राप्त करेगा। गीता जयंती का मुख्य महापर्व चार दिसंबर को है, जिसे भव्य बनाने की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिए हैं। इस कड़ी में देश-विदेश से तमाम गीता प्रेमी और भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हरियाणा की धरती पर आकर धर्मलाभ उठा सकेंगे।
[राज्य ब्यूरो प्रमुख, हरियाणा]