जोगिया सब जानता है: दामाद हो सरकारी, लगा हो पटवारी, पढ़ें... हरियाणा की और भी रोचक खबरें
राजनीति में कई ऐसी चुटीली खबरें होती हैं जो मीडिया में ज्यादा सुर्खियों में नहीं आ पाती। राज्य की कुछ ऐसी ही अंदर की खबरों पर नजर डालते हैं राज्य के साप्ताहिक कालम जोगिया सब जानता है में...
चंडीगढ़ [बिजेंद्र बंसल]। नूंह में एक बुजुर्ग ने अपनी तहसील में काम सीखने आए प्रशिक्षु आइएएस के काम से खुश होकर उसे पटवारी बनने का आशीष दे दिया। प्रशिक्षु आइएएस को शीघ्र ही पता चल गया कि ग्रामीणों के लिए पटवारी ही सबसे बड़ा अफसर क्यों है? वैसे जोगिया इस बात को तभी से जानता है, जब वह एक परिचित के घर गया था। उनकी पत्नी का स्पष्ट कहना था कि बेटी का विवाह सरकारी अधिकारी से करना है। अगर अधिकारी न हो तो पटवारी हो। पटवारी विधायक से भी ताकतवर होता है। पांच साल तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव भाजपा विधायक दीपक मंगला को पिछले दिनों पटवारी की अहमियत का आभास हो चुका है। हुआ यह कि वह भ्रष्टाचार की कई शिकायतें मिलने पर एक दिन पटवार घर का निरीक्षण करने जा पहुंचे। उन्होंने देखा उतना सम्मान लोग विधायकों को भी नहीं देते, जितना लोग पटवारियों को दे रहे थे।
अंदर नहीं बाहर बहुत याद आए बिल्लू भैया
इनेलो के पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला को उनके कार्यकर्ता बिल्लू भैया कहकर बुलाते हैं। 2009 के बाद यह पहली बार हुआ है कि बिल्लू भैया विधानसभा सदन की कार्यवाही में नहीं थे। कारण सर्वविदित है। तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। सदन में भले ही उनकी पार्टी का और दूसरा कोई विधायक नहीं है मगर उनके चाचा और बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह, जजपा की विधायक भाभी नैना चौटाला, भतीजे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत उपस्थित रहे। खैर, किसी ने बिल्लू भैया का नाम तक नहीं लिया। हां, सदन के बाहर मीडिया से जुड़े प्रमुख लोगों ने उन्हें तब जरूर याद किया जब सोमवार शाम विधानसभा अध्यक्ष के निवास पर आयोजित भोज में गृह मंत्री अनिल विज और एक कांग्रेस विधायक के बीच सदन में हुई नोकझोंक की समीक्षा हो रही थी। सबका मानना था कि बिल्लू होते तो और बात होती।
सबका साथ अपना विकास
कांग्रेस के रादौर हल्के से विधायक डाक्टर बिशन लाल सैनी सत्तारूढ़ दल भाजपा के सबका साथ, सबका विकास नारे से बहुत आहत हैं। सैनी का दर्द है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के एक नेता जो विधायक चुके हैं, वह सत्ता के दम पर वे सरकारी अधिकारियों के साथ क्षेत्र में विकास कार्यो का उद्घाटन करते हैं। शिलापटों पर अपना नाम लिखवाते हैं। वैसे यह दर्द केवल डाक्टर सैनी का ही नहीं है। फरीदाबाद के एनआइटी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा भी ऐसी ही पीड़ा से ग्रस्त हैं। वहां के पूर्व विधायक भी उद्घाटन कार्यक्रमों में शिलापटों पर अपना नाम लिखवाते हैं। कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में इस संबंध में प्रश्नकाल में सरकार से सवाल करते हुए कहा कि भाजपा सबका साथ, सबके विकास अपने नारे में संशोधन करने की कृपा कर लेंं। अब भाजपा विधायकों के लिए यह नारा सबका साथ और सिर्फ अपना विकास हो गया है।
मैन आफ द मैच रहे अभय और वरुण
नारनौल में नांगल चौधरी से भाजपा विधायक डाक्टर अभय सिंह यादव और अंबाला में मुलाना से कांग्रेस के विधायक वरुण चौधरी को वर्ष 2020-21 के लिए हरियाणा विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया है। सर्वश्रेष्ठ विधायक चुनने वाली कमेटी ने सभी 90 विधायकों की सदन में हाजिरी, विषयों पर पकड़ से लेकर सदन में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का निर्वाह करने वाले विधायकों की सूची बनाई। इसमें कमेटी की कसौटी पर दो विधायक खरे उतरे। पहली बार विधायक बने वरुण चौधरी को राजनीति विरासत में मिली है, उनके पिता फूलचंद मुलाना हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री के साथ चार बार विधायक रहे जबकि डाक्टर अभय सिंह यादव 2014 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी से त्यागपत्र देकर राजनीति में आए और लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं। बोलें तो क्रीज पर एक तरफ अनुभवी था तो दूसरी तरफ नवोदित। एक सत्तापक्ष का तो दूसरा प्रतिपक्ष का। दोनों ने शानदार बैटिंग की।
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