भाई हो तो अमित सिहाग जैसा, विज का ध्यान पक्ष-विपक्ष दोनों को, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें
कई राजनीतिक खबरें ऐसी होती हैं जो मीडिया में सुर्खियां नहीं बन पाती। आइए हरियाणा के साप्ताहिक कॉलम ताऊ की वेबसाइट के जरिये कुछ रोचक खबरों पर नजर डालते हैं।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। कोरोना काल में कांग्रेस सदन में किसी तरह का हंगामा नहीं छेड़ना चाहती थी, लेकिन सरकार का विरोध भी जरूरी था। डबवाली के कांग्रेस विधायक अमित सिहाग ने सुझाव दिया कि हम कोरोना भ्रष्टाचार लिखे हुए मास्क पहनकर विधानसभा जा सकते हैं। फरीदाबाद एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा और रेवाड़ी के विधायक चिरंजीव राव ने इसका समर्थन किया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी यह आइडिया जम गया। कोरोना भ्रष्टाचार लिखे मास्क बनकर तैयार हो गए, जिसे अमित सिहाग ने ही तैयार कराया। सभी विधायक यही मास्क लगाकर विधानसभा पहुंचे। परिणामस्वरूप विधानसभा में सदन के नेता उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को विपक्ष के वैसे तेवर नहीं झेलने पड़े, जैसे पड़ते। इस पर सदन से निकलते हुए एक भाजपा विधायक ने चुटकी ली। भाई ने भाई की मुसीबत दूर कर दी। अब यह तो सब जानते हैं कि दुष्यंत और अमित सिहाग एक ही कुनबे के हैं और रिश्ते में भाई लगते हैं।
ट्वीट का धीरे से जोर वाला झटका
कोई रातभर जागकर, सुबह टेस्ट देने के लिए जमकर अध्ययन करे और केंद्र पर पहुंचे। वहां पता चले कि उसके विषय का टेस्ट नहीं होगा। ऐसी स्थिति में किसी छात्र को जैसा महसूस होता है, वैसा ही कुछ विधायकों को महसूस हो रहा था। वे निराशा से भरे थे। कारण यह कि कृषि मंत्री जेपी दलाल विधानसभा सत्र शुरू होने से कुछ घंटे पहले कोरोना पॉजीटिव हो गए। उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी। कहा, तीन दिन पहले अपना कोरोना टेस्ट कराया था, रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। अब दोबारा टेस्ट कराने पर रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव की आई है। दलाल की इस सूचना पर उन विपक्षी विधायकों को झटका लगा, जो किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए पूरा होमवर्क करके आए थे। लेकिन होमवर्क धरा रह गया। छात्र तो नारेबाजी कर अपना गुस्सा निकाल भी लिया करते हैं, लेकिन ये विधायक तो वह भी नहीं कर सकते थे।
विज का ध्यान पक्ष-विपक्ष दोनों को
विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व स्पीकर कंवरपाल गुर्जर और डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के साथ विधानसभा सचिव आरके नांदल ने भागीदारी की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता चूंकि कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, इसलिए सारा दारोमदार डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा पर था। सीनियरटी के हिसाब से बैठक में हुड्डा और विज दो विधायक ऐसे थे, जिन्हेंं सदन का सबसे ज्यादा अनुभव हासिल है। इस बैठक में गृह मंत्री अनिल विज को सबसे अलग यानी बड़ी वाली कुर्सी बैठने के लिए दी गई। इसकी वजह यह थी कि उनका हाल ही में आपरेशन हुआ है, जिस कारण वह सोफे पर नहीं बैठ सकते थे, इसलिए उनके लिए हुड्डा और दुष्यंत ने खुद ही इसकी व्यवस्था करा प्रदर्शित कर दिया कि विज का ध्यान पक्ष-विपक्ष दोनों को है।
परिहास का ब्रह्मास्त्र
पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को किसी विधायक ने छेड़ दिया। बोले, पंडितजी... आपके बिना विधानसभा सूनी-सूनी लगती है। पंडितजी ने जवाब में एक किस्सा सुनाया। बोले, 1991 में जब भजनलाल मुख्यमंत्री थे, तो मैं भाजपा का अकेला विधायक था। मेरे खड़े होते ही पांच मंत्री तैयब हुसैन, खुर्शीद अहमद, शुक्रउल्लाह खान, मोहम्मद इलियास और अजमत खान मुझे बैठाने के लिए खड़े हो जाते थे। उस समय स्पीकर ईश्वर सिंह रोड उनसे कहते थे, क्या रामबिलास ने तुम्हारा कोई स्विच दबा रखा है, जो पांचों मंत्री खड़े हो जाते हो। इस पर अजमत खान बोले, अकेलो एमएलए हैंं, हमको जीन नी देरियो है, हम अपने हलकान में नहीं जा सकते। यो महारे को नामज के चक्कर में फंसा लेवो है। पंडितजी ने जब यह किस्सा सुनाया तो फिर वहां ठहाकों का दौर चल पड़ा। विधायक जी बोले- पंडित जी शास्त्रार्थ में परिहास आपका ब्रह्मास्त्र है। काश हमारे पास भी ऐसा कोई अस्त्र होता।