विधानसभा के बजाय दिल्ली रामलीला मैदान में आक्रोश दिखाएगा इनेलो
इनेलो एसवाईएल नहर निर्माण सहित किसानों की मांगों को लेकर 7 मार्च को दिल्ली में आक्रोश रैली निकालेगी। पार्टी रैली की तैयारियों में जुटी है।
जेएनएन, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से शुरू हो रहा है। राजनीतिक रूप से यह सत्र सत्तारूढ़ दल सहित विपक्ष के लिए काफी अहम है, मगर प्रमुख विपक्षी दल इनेलो इस बार विधानसभा के बजाय दिल्ली के रामलीला मैदान में अपना दम दिखाएगा।
एसवाईएल नहर निर्माण, किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने से लेकर दादूपुर-नलवी नहर का निर्माण, मेवात नहर का निर्माण सहित किसानों के कर्ज माफी को लेकर इनेलो ने 7 मार्च को दिल्ली में आक्रोश रैली का आह्वान किया है। माना जा रहा है कि रैली की तैयारियों के मद्देनजर बजट सत्र के पहले दिन इनेलो विधायक महज उपस्थिति ही दर्ज कराएंगे और दो दिन तक रैली की तैयारियों में ही जुटे रहेंगे।
विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने दिल्ली में आक्रोश रैली की तैयारियों को लेकर इनेलो के प्रकोष्ठ अध्यक्ष, 15 जिला अध्यक्षों और हलका अध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें सांसद दुष्यंत चौटाला, पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत समेत इनेलो के कई विधायक और नेता मौजूद रहे। चौटाला ने पार्टी नेताओं के साथ रैली की सफलता को लेकर रणनीति बनाई और दावा किया कि इसमें एक लाख लोग आएंगे।
युवाओं के कंधों पर होगी रैली की जिम्मेदारी
अभय चौटाला ने बैठक में सांसद दुष्यंत चौटाला की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि रैली की व्यवस्था की जिम्मेदारी युवा कार्यकर्ताओं के जिम्मे होगी। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को टोल फ्री बताते हुए कहा कि इनेलो के कार्यकर्ता इन दोनों दलों के कार्यकर्ताओं से ज्यादा अनुशासित हैं।
दुष्कर्मियों को फांसी के प्रस्ताव पर मनोहर सरकार को घेरा
राज्य सरकार द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा संबंधी प्रस्ताव पर अभय चौटाला और सांसद दुष्यंत चौटाला ने मनोहर सरकार को घेरा। अभय चौटाला ने कहा कि दुष्कर्म की घटनाएं रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा लाए जाने वाला प्रस्ताव बेशक विधानसभा में पारित हो जाएगा मगर सरकार यह बताए कि क्या इससे दुष्कर्म की घटनाएं रुक जाएंगी?
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों से भी ज्यादा सरकार को राज्य की पुलिस व्यवस्था में सुधार लाना चाहिए। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वे हरियाणा विधानसभा में आने वाले इस प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे कानूनों में बदलाव को संसद में मंजूरी मिलती है। मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से बात करके यह कानून संसद में रखवाना चाहिए था।