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सूचना आयोग ने दिए रिजर्व बैंक गवर्नर को डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक करने के आदेश

केंद्रीय सूचना आयोग ने आरबीआइ गवर्नर को नोटिस जारी कर पांच दिन में सूची सार्वजनिक करने के आदेश जारी किए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 07:03 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 07:04 PM (IST)
सूचना आयोग ने दिए रिजर्व बैंक गवर्नर को डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक करने के आदेश
सूचना आयोग ने दिए रिजर्व बैंक गवर्नर को डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक करने के आदेश

जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्रीय सूचना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट व केंद्रीय सूचना आयोग के आदेशों के बावजूद देश के टॉप 100 बैंक डिफाल्टरों की सूची सार्वजनिक न करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने आरबीआइ गवर्नर को नोटिस जारी कर पांच दिन में सूची सार्वजनिक करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही पूछा है कि सात वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट व केंद्रीय सूचना आयोग के जारी आदेशों के बावजूद सूची सार्वजनिक न करने के लिए क्यों न उन पर अधिकतम जुर्माना लगाया जाए। अब इस केस की सुनवाई 26 नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग में होगी।

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पानीपत के आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने रिजर्व पूर्व बैंक ऑफ इंडिया में 16 अगस्त 2010 को आरटीआइ लगाकर देश के शीर्ष 100 बैंक डिफाल्टरों की सूची मांगी थी। आरबीआइ ने सूची सार्वजनिक करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि इससे बैंक व उद्योगपत्तियों के आपसी व्यापारिक संबंध खराब हो जाएंगे। तत्कालीन केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने 15 नवंबर 2011 को दिए अपने फैसले में पीपी कपूर द्वारा मांगी गई सूचना को राष्ट्रहित में बताते हुए आरबीआइ को सूची को सार्वजनिक करने के आदेश दिए थे।

आरबीआइ इस निर्णय के विरुद्ध पहले दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर 2015 को केंद्रीय सूचना आयोग के निर्णय को सही ठहराते हुए सूची सार्वजनिक करने के आदेश किए थे। इसके बावजूद रिजर्व बैंक ने सूची नहीं दी। अब केंद्रीय सूचना आयोग ने रिजर्व बैंक को डिफाल्टरों की सूचना पांच दिन में ऑफिशियल वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के आदेश दिए हैं।

कपूर ने बताया कि 16 नवंबर 2018 तक भी आरबीआइ ने डिफाल्टरों की सूची जारी नहीं की। सुनवाई के दौरान आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटिस का जवाब देने के लिए समय मांगा है। अब केंद्रीय सूचना आयोग इस केस की सुनवाई 26 नवंबर को करेगा। कपूर ने बताया कि अगर ये लिस्ट 9 वर्ष पूर्व जारी हो जाती तो बड़े-बड़े बैंक डिफाल्टर देश से यूं न भाग पाते।

आरबीआइ गवर्नर पर केंद्रीय सूचना आयोग के कड़े तेवर

केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने अपने आदेश में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट व आयोग के आदेशों की उल्लंघना पर रिजर्व बैंक के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को दंडित करने से उद्देश्य हल नहीं होगा। क्योंकि वह उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशों के तहत कार्य करता है। आयोग के सामने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को इस उल्लंघना के लिए उत्तरदायी ठहराने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।

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