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गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित पूरे हरियाणा के लिए उद्योग विभाग तैयार करेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी

हरियाणा सरकार राज्य में व्यापक इलेक्ट्रिक वाहन पालिसी बनाने की तैयारी में है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति आकर्षण को रोजगार के संसाधनों में बढ़ोतरी के रूप में भी देख रही है। परिवहन विभाग ने सुझावों सहित ड्राफ्ट पालिसी उद्योग विभाग को सौंपी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 02:07 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 08:13 PM (IST)
गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित पूरे हरियाणा के लिए उद्योग विभाग तैयार करेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी
उद्योग विभाग तैयार करेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी। सांकेतिक फोटो

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने, खरीदारों में आकर्षण पैदा करने और वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी को रोजगार बढ़ोतरी के रूप में भी देख रही है। यही कारण  राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि इलेक्ट्रिक वाहन पालिसी व्यापक हो। इसमें उत्पादन करने वाली कंपनियों को उत्पादन पर सब्सिडी देने से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों के टैक्स व परमिट शुल्क में भी छूट दी जाए। इसके चलते सरकार ने पालिसी तैयार करने का जिम्मा उद्योग विभाग को दिया है। हालांकि इस पालिसी का ड्राफ्ट राज्य परिवहन विभाग तैयार कर चुका था। परिवहन विभाग ने पालिसी का ड्राफ्ट उद्योग विभाग को भेज दिया है।

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पालिसी घोषित होने से पहले बिजली की दरों में की है रियायत

सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी अभी जारी नहीं की है, लेकिन इससे पहले इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए बिजली की दरों में रियायत दी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नवंबर से मार्च माह तक बिजली की दर 4.30 रुपये प्रति यूनिट रहेगी, जबकि अप्रैल से अक्टूबर तक यह दर 5.55 रुपये प्रति यूनिट रहेगी। राज्य में घरेलू बिजली की दर खपत के आधार पर स्लैब में है, मगर वाणिज्यिक मीटर पर दर औसतन सात रुपये प्रति यूनिट है।

फरीदाबाद-गुरुग्राम के बीच पायलट प्रोजेक्ट पर चल रही इलेक्ट्रिक बस

हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी के ड्राफ्ट में 2024 तक फरीदाबाद-गुरुग्राम में चलने वाली सिटी बसों को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य तय किया है। इसी समयावधि के अंदर अन्य सरकारी वाणिज्यिक वाहनों को भी इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक इलेक्ट्रिक बस 15 अगस्त को फरीदाबाद और गुरुग्राम के बीच चलाई गई है। एक माह बाद इस बस के परिचालन से ये आंकड़े मिलेंगे कि सभी बसों को इलेक्ट्रिक किया जा सकता है या नहीं। 

राज्य परिवहन विभाग के लिए एनटीपीसी 250 इलेक्ट्रिक बस खरीदने को तैयार है। इन बसों का परिचालन परिवहन निगम करेगा और जितनी बस चलेगी, उसके हिसाब प्रति किलोमीटर की दर से एनटीपीसी को खर्च दिया जाएगा। राज्य सरकार से बस खरीदने का निवेश कम हो जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहन पालिसी के तहत राज्य सरकार ने 2029 तक सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य तय किया है।

सिर्फ छोटे रूट पर ही इलेक्ट्रिक बस कामयाब

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव एसएस कपूर बताते हैं कि इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियां अभी यह क्लेम कर रही हैं कि एक बार में चार्ज होने के बाद इलेक्ट्रिक बस 300 किलोमीटर तक चल सकेगी। इसमें भी यह पाया जा रहा है कि जब बस सड़क पर चलती है तो एक बार में चार्ज होने के बाद भी बस 250 किलोमीटर से ज्यादा नहीं चल पाती। इसलिए लंबे रूट पर खासतौर पर दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच ये बस नहीं चलाई जाएंगी। छोटे रूट या सिटी बस सेवा को पूरी तरह इलेक्ट्रिक किया जा सकता है।


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