औद्योगिक संगठनों ने हरियाणा के सीएम से NCR में शामिल 14 जिलों को राहत दिलाने की लगाई गुहार
हरियाणा के एनसीआर में शामिल 14 जिलों के औद्योगिक संगठनों ने सीएम मनोहर लाल से ग्रेप नियमों से छुटकारा दिलाने का आग्रह किया है। औद्योगिक संगठनों ने सीएम को लिखे पत्र में उद्योगों के लिए 24 घंटे बिजली मांगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश पर एक अक्टूबर से लागू हो चुके ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) नियमों की सख्ती के मद्देनजर एनसीआर के उद्यमी काफी चिंतित हैं। ग्रेप लागू होने के साथ ही एनसीआर में डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध लग गया है।
औद्योगिक संगठनों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर ग्रेप नियमों से छुटकारा दिलाने का आग्रह किया है। गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान जेएन मंगला ने एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि ग्रेप के लागू रहने के समय सरकार उद्योगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा देगी तो उद्योगों में जनरेटर चलाने की जरूरत नहीं होगी।
मंगला ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार राज्य के 14 जिलों के उद्योगों को बचाने का काम करे। यदि पराली जलाने से हुए प्रदूषण के चलते उद्योग बंद किए गए तो उत्पादन ठप हो जाएगा। उत्पादन आदेश पूरे नहीं होने पर उद्योग धंधों में अधिक प्रतिस्पर्धा के चलते भारी आर्थिक नुकसान होगा।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि ग्रेप तो एक अक्टूबर से ही लागू है मगर बोर्ड की कार्रवाई तब शुरू होगी जब प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। अभी पिछले सप्ताह हुई तीन दिन की बरसात के बाद प्रदूषण का स्तर खतरे से बाहर नहीं गया है।
हरियाणा के 14 जिला एनसीआर में शामिल हैं। इनमें से पांच जिलों को एनसीआर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव राज्य सरकार दे चुकी है। हालांकि इसका अंतिम फैसला एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की 42वीं बैठक में होगा। इनमें महेंद्रगढ़, करनाल, जींद, भिवानी और चरखी दादरी जिला शामिल हैं। रोहतक की महम तहसील को भी एनसीआर के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव दिया गया है।
प्रदूषण स्तर बढ़ेगा तभी ग्रेप नियमों को लेकर सख्ती होगी
प्रदूषण रोकने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) एक अक्टूबर से लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत कार्रवाई करने के लिए प्रदूषण के स्तर तय किए गए हैं। अभी पिछले तीन दिन की बरसात के कारण एनसीआर के शहरों में वायु गुणवत्ता इंडेक्स के अनुसार प्रदूषण का स्तर काफी कम है।
एनसीआर में शामिल हरियाणा के 14 शहरों में से किसी का वायु गुणवत्ता इंडेक्स 174 से ज्यादा नहीं है। ऐसे में हम तब तक ग्रेप के नियमानुसार कार्रवाई नहीं करेंगे जब तक वायु गुणवत्ता इंडेक्स 300 से पार नहीं चला जाता। बिजली आपूर्ति में काफी सुधार है, इसलिए भी वायु गुणवत्ता इंडेक्स में काफी सुधार है। पी राघवेंद्र राव, चेयरमैन, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।
तीन दिन की बरसात से पांच करोड़ यूनिट की प्रतिदिन खपत कम हुई
हरियाणा बिजली निगम के चेयरमैन पीके दास का कहना है कि बिजली की खपत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के प्रदूषण रोकने संबंधी ग्रेप आदेश से उद्योग या अन्य क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को लेकर कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए बिजली निगमों ने अलग से तैयारी की है।हमारा लक्ष्य है कि ग्रेप के लागू रहने के समय सभी क्षेत्रों को मांग के अनुसार 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए।
राज्य में पिछले एक सप्ताह के दौरान 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गई है। इसमें प्रतिदिन 19 करोड़ यूनिट की खपत हुई और हमारे पास इससे अधिक 24 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध थी। फिलहाल गत सप्ताह हुई तीन दिन की लगातार बरसात के बाद राज्य में प्रतिदिन पांच करोड़ यूनिट बिजली की खपत कम हुई है।
गर्मियों के दिनों में 24 करोड़ यूनिट बिजली प्रतिदिन चाहिए। हम इस समय 99.5 से 100 फीसद तक 24 घंटे बिजली देने में समक्ष हैं। प्रोसेस यूनिट प्राकृतिक हादसों के कारण होने वाले फाल्ट के चलते बैकअप के तौर पर डीजल जनरेटर रखते हैं।