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चीन निर्मित सौर ऊर्जा संयंत्रों के सस्ते विकल्प के लिए तैयार होगी स्वदेशी तकनीक

हरियााणा में चीन निर्मित सौर ऊर्जा संयत्रों के सस्‍ते विकल्‍प कर तलाश में उद्यमी जुट गए हैं। इसके लिए स्‍वदेशी तकनीक विकसित की जाएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 07:55 AM (IST)
चीन निर्मित सौर ऊर्जा संयंत्रों के सस्ते विकल्प के लिए तैयार होगी स्वदेशी तकनीक
चीन निर्मित सौर ऊर्जा संयंत्रों के सस्ते विकल्प के लिए तैयार होगी स्वदेशी तकनीक

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने की दिशा में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने बड़ी पहल की है। मंत्रालय के निर्देश पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने आयातित वस्तुएं रोकने को अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों का शोध करने के लिए शोध संस्थान का प्रारूप तैयार किया है। यह संस्थान फरीदाबाद के इंडस्ट्रियल मॉडल टाउन में 2082 करोड़ रुपये की लागत से 60 एकड़ भूमि पर बनेगा।

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आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का शोध करेगा इंडियन ऑयल

इस संस्‍थान में अगले 18 माह में इंडियन ऑयल अनुसंधान एवं विकास संस्थान के मौजूदा 400 वैज्ञानिकों सहित एक हजार वैज्ञानिक विशेष तकनीकों को सूक्ष्म तकनीक ( नैनो टेक्नोलॉजी) में बदलने पर फोकस करेंगे। संस्थान के वैज्ञानिकों का फोकस ऊर्जा नवीनीकरण के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने पर भी होगा। इसके लिए वैज्ञानिक अभी तक दुनिया भर में प्रचलित चीन निर्मित सौर ऊर्जा संयंत्रों के सस्ते विकल्प की तकनीक तैयार करेगी।

फरीदाबाद में 2082 करोड़ की लागत से 60 एकड़ में बनेगा तकनीक विकास एवं परिनियोजन केंद्र

इसके अलावा इसमें सिंथेटिक बॉयोलॉजी तकनीक के लिए भी अनुसंधान होंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को इस संस्थान का दिल्ली व चंडीगढ़ से ऑनलाइन जुड़कर शिलान्यास किया। फरीदाबाद में 1972 से चल रहे इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास संस्थान का यह दूसरा कैंपस होगा।

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सौर ऊर्जा पर आधारित होगा संस्थान

पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव तरुण कपूर ने बताया कि नए तकनीक विकास एवं परिनियोजन केंद्र के लिए सौर ऊर्जा बिजली संयंत्र लगाए जाएंगे। इस संस्थान का डिजाइन इस तरह किया गया है कि पॉवर स्टेशन में बनने वाली बिजली का एक फीसद भी उपयोग नहीं किया जाए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मौके पर कहा कि बड़े संस्थानों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर ऊर्जा संरक्षण किया जा सकता है। इसलिए इस केंद्र में सौर ऊर्जा पर आधारित बिजली संयंत्र लगाए जाने का यह भी फायदा होगा कि चीन जैसे देशों से आयात होने वाले महंगे सौर ऊर्जा संयंत्रों की जगह सस्ते सौर ऊर्जा संयंत्रों की तकनीक वैज्ञानिक खोज निकालेंगे।

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महज एक वर्ष में कराई 123 तकनीक पेटेंट

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने इस मौके पर बताया कि इंडियन ऑयल ने रक्षा क्षेत्र के लिए कई शोध किए हैं। इसके अलावा इंडियन ऑयल के वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान की गई 600 तकनीकों को पेटेंट कराया गया है। इनमें से 123 तकनीक वर्ष 2019-20 में ही पेटेंट कराई गई हैं। इसके अलावा 1064 तकनीक पेटेंट कराने के लिए पंजीकृत की गई हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन अपना योगदान बढ़चढ़कर देगा।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडियन ऑयल के वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे हरियाणा को पराली के दंश से मुक्त कराने के लिए एक विशेष तकनीक की खोज करें तथा अगले तीन साल की समयावधि में ऐसी तकनीक भी खोज निकाले जिसके दम पर हरियाणा को कचरामुक्त किया जा सके। उन्होंने हरियाणा सरकार की राज्य को कैरोसिन फ्री बनाने की भी प्रशंसा की।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन फरीदाबाद के निदेशक एसएसवी रामाकुमार ने शिलान्यास समारोह में ऑनलाइन जुड़े अतिथियों का आभार जताते हुए आश्वस्त किया कि इंडियन ऑयल के वैज्ञानिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता के लिए नैनो तकनीकों का अनुसंधान करेंगे।

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