हरियाणा में अनुबंध आधार पर लगे 50 हजार कर्मचारियों का वेतन बढ़ा
सर्व कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद राज्य में अनुबंध के आधार पर लगे 50 हजार कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की मनोहर सरकार ने अनुबंध तथा आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत काम कर रहे करीब 50 हजार कर्मचारियों के वेतन और मानदेय में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। सर्व कर्मचारी संघ की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई समझौता वार्ता के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है। कर्मचारियों के वेतन में औसतन 14.29 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। एनएचएम कर्मियों को इस बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिलेगा।
कर्मचारियों के वेतन और मानदेय की बढ़ी हुई दरें एक जनवरी 2016 से लागू होंगी। इस फैसले से पार्ट वन तथा पार्ट दो के सभी कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों का यह वर्ग लंबे समय से वेतन व मानदेय में बढ़ोतरी की आस में था। इससे भी बड़ी मांग उनकी पक्का करने की है, जिसके लिए सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार पर दबाव बना रखा है।
भाजपा सरकार ने अभी पक्का करने की मांग पर तो गौर नहीं किया, लेकिन कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी पत्र के अनुसार अकुशल कर्मचारियों को 8100 रुपये के स्थान पर 9258 रुपये, अद्र्ध कुशल कर्मचारियों को 9000 रुपये के स्थान पर 10,286 रुपये तथा कुशल कर्मचारियों को 10 हजार रुपये मासिक के स्थान पर 11,429 रुपये मिलेंगे। उच्च कुशल कर्मचारियों को 11 हजार रुपये के स्थान पर 12,572 रुपये दिए मासिक वेतन दिया जाएगा।
सरकार ने आउटसोर्सिंग पॉलिसी के भाग-दो के खंड (एक) में भी संशोधन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पे बैंड जमा ग्रेड पे जमा डीए में वेतन को पे मैट्रिक्स जमा डीए के संबंधित स्तर के प्रथम सेल में एंट्री लेवल पे के रूप में संशोधित किया गया है। इस पॉलिसी के भाग-एक में वेतन फार्मूला के साथ डीसी रेट या भाग-दो में वेतन, जो भी अधिक होगा, उसे माना जाएगा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा ने अनुबंध कर्मचारियों के वेतन में 14.29 की बढ़ोतरी पर संतोष जताते हुए कहा कि एनएचएम सहित अन्य परियोजनाओं में कार्यरत कर्मियों पर यह बढ़ोतरी लागू नहीं होगी। संघ के प्रधान धर्मबीर सिंह ने बताया कि 11 अगस्त को मुख्यमंत्री ने यह बढ़ोतरी करने का भरोसा दिया था, लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में 15 हजार न्यूनतम वेतन का वादा सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है। सुभाष लांबा के अनुसार सरकार ने एरियर के बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं किया है।
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