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हाई कोर्ट का अहम फैसला, गोद लिया गया बच्चा भी रिटायर्ड कर्मी के फैमिली पेंशन के लिए पात्र

Family Pension पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सेवानिवृत कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाली पेंशन के बारे में महत्‍वपूर्ण फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि रिटायर्ड कर्मचारी का गोद लिया बच्‍चा भी फैमली पेंशन का हकदार होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 09:49 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 09:49 AM (IST)
हाई कोर्ट का अहम फैसला, गोद लिया गया बच्चा भी रिटायर्ड कर्मी के फैमिली पेंशन के लिए पात्र
रिटायर्ड कर्मियों की फैमिलीी पेंशन पर पंजाब एवं हरियाणा हाई काेर्ट ने महत्‍वपूर्ण फैसला दिया है। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Family Penson: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सेवानिवृत कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन पर महत्‍वपूर्ण फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारी का गोद लिया बच्‍चा भी फैमिली पेंशन का पात्र होगा। 

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रिटायरमेंट के बाद गोद ली गई बेटी को फैमिली पेंशन न देने का आदेश हाई कोर्ट ने किया खारिज

हाई काेर्ट ने रिटायर्ड  कर्मचारी द्वारा गोद ली गई बेटी को फैमिली पेंशन देने से इन्कार करने के हरियाणा सरकार के फैसले को गलत करार देते हुए इसे खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने अब सरकार को 2006 में पिता की मौत की तिथि से फैमिली पेंशन जारी करने का आदेश दिया है।

याचिका दाखिल करते हुए यमुनानगर निवासी राजबाला ने हाई कोर्ट को बताया कि गुग्गु राम पीडब्ल्यूडी में बेलदार के तौर पर काम करते थे। 1993 में वह रिटायर हुए थे और उनकी कोई संतान नहीं थी। इसके बाद उन्होंने याची को 1995 में गोद ले लिया और इसके दस्तावेज तैयार करवा लिए।

याची ने बताया कि 2006 में उसके पिता की मौत हो गई और 2017 में याची ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया। फैमिली पेंशन देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया गया कि याची को उसके पिता ने रिटायरमेंट के बाद गोद लिया था ऐसे में वह पेंशन की हकदार नहीं है।

हाई कोर्ट ने कहा कि रिटायरमेंट से पहले गोद लिए गए बच्चे और बाद में गोद लिए गए बच्चे में भेदभाव करना संविधान के खिलाफ है। यदि ऐसा किया गया तो कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए गोद लिए गए बच्चे को परिवार की परिभाषा से बाहर करने जैसा होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि याची मृतक पिता की कानूनन बेटी है और ऐसे में फैमिली पेंशन के लिए पूरी तरह से पात्र है।

हाई कोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि याची के पिता की मृत्यु की तिथि से उसे फैमिली पेंशन की लंबित राशि जारी की जाए। हाई कोर्ट ने कहा कि याची ने पिता की मौत के 11 साल बाद फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया है ऐसे में वह इस राशि का ब्याज की हकदार नहीं है।


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